बहुत हो गया दुनिया वालों ,अब तो इसे विराम करो।जन हानि को रोको यहां पर,क्यों जीवन में संग्राम करो।।धरती अम्बर इस दुनिया में,कभी विभाजित नहीं होते।सीमाओं पर क्यों भिड़ते हो,मानवता के काम नहीं होते।।जो म
*संतान की परवरिश किसी साधना से कम नहीं होती है...और...माता पिता की सेवा किसी भी आराधना से कम नहीं होती है......* *कोई भी माता-पिता यह नही कहते कि हमें..
प्यार....कहने और सुनने में बहुत अच्छा लगता है। पर क्या ये उतना अच्छा होता भी है ?? शायद नही !!!जब कोई आपकी फिक्र करे, हर चीज़ में आपको आगे करे, हर वक़्त आपका ध्यान रखे, आपकी रक्षा करे तब तक तो ये प्यार
शीर्षक-#नया सृजन दिखे जो हैं अब तक उत्पात- हो रहा था मानव का नाश, मगर जो दृश्य दिख रहे अब- जगी मन में इक प्यारी आस! हो रही अभी लुप्त जो थी- अचानक जगी नयी सी सांस, तन मन को कर दे स्वस्थ, सुनी
*चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ इस दुर्लभ मानव जीवन को पाकर भी मनुष्य अपने कर्मों के जीवन में शांति की खोज किया करता है | जब मनुष्य जीवन के झंझावातों से / परिवार - समाज की जिम्मेदारियों से थक जाता है तो शांति पाने के लिए जंगल , पर्वतों , नदियों तथा एकान्त की ओर भागने का प्रयास करने लगता है परंतु
*इस संसार में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं है जिसके मन में कल्पनाएं ना उत्पन्न होती हों | प्रत्येक मनुष्य का मन कल्पनाओं के पंख लगाकर उड़ता रहता है | इन कल्पनाओं की गति असीम होती है तथा यह अपरिमित वेग के साथ दृश्य और अदृश्य लोकों में घूमती रहती हैं | पूर्व काल में हमारे देशवासियों ने इन्हीं कल्पनाओं के बल
मैंने कुछ दिन पहले एक सीरियल देखा अनुपमा जिसमे अनुपमा की सास अपनी बहु को कहती है कि अगर पति गलती कर के वापिस लौट आये तो उसे माफ़ कर देना चाइए क्युकी औरत तो देवी होती है और उसमे सहनशक्ति होती है , वो ही घर बनाती है , वो अपने बेटे का पक्ष ले रही थी ये जानते हु
*सनातन धर्म में अनेक देवी - देवता कहे गये हैं जिनको मनुष्य अपनी श्रद्धा के अनुसार मानता एवं पूजता है | प्रत्येक देवी - देवता का एक प्रमुख स्थान है यथासमय ये सभी देवशक्तियाँ अपना कार्य करती रहती हैं | यदि आंकलन किया जाय कि सर्वश्रेष्ठ कौन है तो यह थोड़ा असम्भव है क्योंकि सभी देवशक्तियाँ एक दूसरे की प
इंसान अपनी जिंदगी में बहुत सी चीजों को लेकर परेशान रहता है और अगर उसे कोई अच्छे से समझा दे तो उसे एक दिलासा मिल जाता है। ऐसे कई आध्यात्मिक गुरू हैं जो जिंदगी के बारे में बहुत सारी अच्छी बातें बताते हैं, उनमें से एक हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) जी
विज्ञान के विभिन्न रहस्यों से पूरी दुनिया को चकित करने वाले महान वैज्ञानिक Albert Einstein ने 20 वी सदी के सबसे प्रभावशील भौतिक विज्ञानी के रूप में अपने अविष्कारों के द्वारा पूरी दुनिया को बदल दिया |इन्होने ही दुनिया को सापेक्षता का सिद्धांत दिया और इसे ही आधुनिक भौतिकी की आधारशिला माना जाता है | आइ
दस प्रश्न गौतम बुद्ध अपने उपदेशों के दौरान उठाए गए सवालों का जवाब भी देते थे. सवाल किसी के भी हों शिष्य के, साधू-संत के, व्यापारी के, यात्री के या फिर किसी राजा के. वे सभी को यथा योग्य उत्तर देते थे. फिर भी कुछ प्रश्न ऐसे थे जिनका बुद्ध ने
समय इतना बदल चुका है पर हममें से बहुतायत उसी पुराने ख्यालात के साथ जी रहे हैं | मेरा यह वक्तब्य थोड़ा अमर्यादित किस्म का लग सकता है लेकिन मै यह बात पूरी जिम्मेवारी के साथ कह रहा हूँ | इस वक्तब्य के म
गिद्ध ये नाम सुनते ही वह पक्षी स्मरण होआता है,जो मृत प्राणियों को अपना आहारबनाता है।पर अब सुना है कि गिद्धों की संख्या कम हो गई है या यूं कहें कि आदमी मेंगिद्ध की प्रवृति ने जन्म ले लिया है,जो जिंदाइंसानों को भी अपना शिकार बना लेती है।शायद यही कारण है कि गिद्ध अब नहीं
जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो सोच सकारात्मक बनाए रखने के साथ ही मन मेंआशा को जगाए रखना आवश्यक है | सकारात्मक सोच और आशावान व्यक्ति से किसी भी प्रकारकी निराशा और चिन्ता कोसों दूर भागते हैं जिसके कारण उसका मन और शरीर दोनों स्वस्थबने रहते हैं और वह अपनी सफलता के लिए उचित दिशा में प्रयास कर पाता है…
*पूर्वकाल में यदि मनुष्य सर्वश्रेष्ठ बना तो उसमें मनुष्य के संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी | संस्कार ही मनुष्य को पूर्ण करते हुए पात्रता प्रदान करते हैं और संस्कृति समाज को पूर्ण करती है | संस्कारों से मनुष्य के आचरण कार्य करते हैं | किसी भी मनुष्य के चरित्र निर्माण में धर्म , संस्कार और संस्कृति
At Gandhi Polytechnic, Alumini Function Signing Autographs. Check the Speed -Mirror Writing in English Language - YouTube
“हमेशा मेरी ख़ुशी में ही साथ रहते हो दुख में क्यों नहीं?" "दुख में भी साथ रहता हूँ ना, तुम्हारे दुखों को खुशियों में बदल देता हूँ…तो तुम्हे पता नहीं चलता।”#ज़हन