ईरान ,अमेरिका के बिगड़ते रिश्ते (यूक्रेन एयरलाइंस का क्षतिग्रस्त विमान)
डॉ शोभा भारद्वाज
हम खुर्दिस्तान की राजधानी में रहते थे ईरान ईराक का युद्ध चल रहा था लेकिन इराक के बम वर्षक प्लेन कम ही आते थे हाँ शाम को सैर करते हुये यहाँ से निकलते दिखाई देते थे | एक दिन शाम के समय ईरान ईराक के एयर फ़ोर्स के दो फाईटर प्लेनों के बीच में डॉग फाईट होने लगी आश्चर्य पास की सेना छावनी के पासदारों (रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ) के पास जो भी हथियार थे चला दिये कलाश्निकोव , मशीन गन तोपें एंटी एयर क्राफ्ट गन से ऐसे फायर करने लगे जैसे युद्ध क्षेत्र में खड़े हैं अचानक एक फाईटर प्लेन में आग लगी पहाड़ी से गिरता शोला दिखा दूसरा ऊपर से सकुशल जाता दिखा दिखा पासदार मर्ग- बा ईराक मर्ग – बा अमरीका करते हुए भागे| इराकी पायलट को पकड़ने एवं अपनी बहादुरी पर खुश होने के बजाय अफ़सोस में डूब गये उन्होंने अपना ही प्लेन गिरा दिया था उनका अपना पायलट मर चुका था कुछ दिनों की ट्रेनिग के बाद परेड सिखा कर हाथ में कोई भी शस्त्र पकड़ा देना जाओ जंग –जंग ता फिरोजी के लिए जंग करो यह नारे आज भी जारी हैं जैसे नारे वैसी ही फिरोजी |हमने 15 , 16 वर्ष के पासदारों को कलाश्निकोव से खेलते देखा था |
ईरान ने कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईराक के अमेरिकन मिलिट्री बेस पर 22 मिसाईले दांगी किसी अमेरिकन की जान नहीं गयी लेकिन इनमें दो मिसाईल युक्रेन के विमान को लगीं ईरान में रहने वाले प्रवासी जिसने इराक ईरान युद्ध देखा है मुहं से एक ही बात निकली होगी यह ईरान के पासदारों के कर्म है यूक्रेन का प्लेन ईरानी मिसाईल से 30 सेकेंट में स्वाहा हो गया उसके साथ 176 जाने और चालक दल के सभी लोग मारे गये | एक फुटेज में दो मिसाईले विमान को हिट करती दिखाई थी थीं उसके बाद गिरते शोले |
सुलेमान कासमी के मारे जाने क बाद ईरान के अनुसार 90 लाख की भीड़ सड़कों पर उतरी युक्रेन हादसे के बाद भी श्रद्धांजली देने आये लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारियों को दबाने के बहाने ईरान के मौलाना अपनी सत्ता को और मजबूत कर लेंगे कहीं विरोध का स्वर सुनाई नहीं देगा बस एक ही स्वर मर्ग –बा- शैतान –ए- बुजुर्ग अमरीका
अमेरिकी एव ईरान में तनाव चरम पर हैं कुछ इसे विश्व युद्ध की बजती घंटी का संकेत दे रहे हैं | ईरान के के विदेश मंत्री जवाद जरीफ भारत के तीन दिनों के दौरे पर आये थे । उनकी पीएम नरेंद्र मोदी एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर की टीम से मुलाकात हुई। इसमें द्विपक्षीय कारोबार से जुड़े मुद्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध ओंर बढ़ गये भारत का चाबहार पर पैसा लगा है ईरान के लिए सबसे ज्यादा जरुरी अभी कारोबार जरूरत का सामान है। जवाद शरीफ के अनुसार ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका से जारी तनाव के बीच भारत खाड़ी क्षेत्र में तनाव कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है |