कट्टर पंथियों द्वारा राम मन्दिर के भूमि पूजन के खिलाफ प्रोपगंडा डॉ शोभा भारद्वाज 'ऑल इंडिया इमाम एसोसियेशन के मौलाना साजिद रशिदी टीवी डिबेट में कहते थे राम मंदिर बनाइये कौन मना करता है ,मन्दिर वहीं बनायेंगे तारीख नहीं बतायेंगे| जब मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ उनके विचार अलग थे मौलाना ने कहा “एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद ही रहती है। यह कुछ और बनाने के लिए तोड़ी नहीं जा सकती है। मंदिर के प्रमाण मिलने के बाद भी वह कहते हैं मस्जिद एक मंदिर को तोड़ कर नहीं बनाई गई थी लेकिन अब ऐसा हो सकता है कि “कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जाए।”यह भारतीय मौलाना है | लेकिन टर्की में 1500 वर्ष पूर्व रोमन कैथोलिक राजा ने विश्वविख्यात हागिया सोफिया चर्च का निर्माण करवाया था 1453 में महमद द्वितीय द्वारा इस्तांबुल पर कब्जा करते ही इस चर्च को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया ओटोमन साम्राज्य इस्लाम धर्म का अनुयायी था | तुर्की के मुस्तफा कमालपाशा आधुनिक टर्की के निर्माता माने जाते हैं उन्होंने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया इसका उदाहरण उन्होंने मस्जिद को 1930 में म्यूजियम में बदल दिया अतार्तुक की तरफ से यह कदम इसलिए उठाया गया था, ताकि वह टर्की को धर्मनिरपेक्ष देश बना सके। टर्की आने वाले सैलानियों के लिए संग्रहालय आकर्षण का केंद्र था ये एक अनोखी इमारत है जिसमें ईसा-मसीह और मदर मैरी के चित्र दीवारों पर चित्रित है , कुरान की आयतें और मेहराब भी हैं टर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन ने चुनाव जीतने का हथकंडा अपनाते हुए अपने भाषण में हागिया सोफिया को मस्जिद में फिर से बदलने का वादा कर चुनाव जीता टर्की प्रगतिशील मार्डन विचारों का देश रहा है यूरोपियन यूनियन का भी सदस्य प्रजातांत्रिक देश रहा है लेकिन चुनाव जीतने के लिए कट्टर इस्लामिक देशों की तरह चुनावी भाषणों में इस्लाम का सहारा लिया | तुर्की अकेला मुस्लिम देश माना जाता है जो धर्मनिरपेक्ष है |यहाँ का रहन सहन आधुनिक रहा है लेकिन अब नहीं रहेगा | टर्की अदालत के निर्णय द्वारा म्यूजियम के स्थान पर हागिया सोफिया पर निर्णय दिया इसका मस्जिद के अलावा किसी अन्य रूप में इस्तेमाल कानूनन सम्भव नहीं है | यहाँ शुक्रवार के दिन 24 जुलाई को रोजाना छपने वाली अखबार के अनुसार तीन लाख पचास हजार लोग नमाज पढने के लिए इकट्ठे हुए अपनी बात को सही सिद्ध करने के लिए अर्दोआन ने सबके साथ नमाज पढ़ी | मौलाना भारत में रहते हैं वाह, मौलाना टर्की का सपना भारत में देख रहे हैं या मुस्लिम देशों में जकात इकठ्ठा करने का स्टंट है |टर्की एक मुस्लिम देश है इसकी 99% आबादी इस्लाम धर्म की अनुयायी है न के बराबर अल्पसंख्यक दिखाई देते हैं आजादी के बाद भारत के दो टुकड़े हो गये एक पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है भारत पंथनिरपेक्ष देश जो संविधान से चलता है क्या इतनी आबादी बढ़ा लेंगे प्रजातांत्रिक ढंग से सत्ता पकड़ बना लेंगे या तनबतन जंग का सपना देख रहे हैं भारत का मुस्लिम समाज तरक्की पसंद है अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देना चाहता है | अब अर्दोगन कहते हैं टर्की एकमात्र देश है जो इस्लामिक वर्ड का नेतृत्व कर सकता है वह देश को कट्टर वाद की तरफ ले जाना चाहते हैं |विश्व में 55 इस्लामिक देश हैं अर्दोआन ओटोमन साम्राज्य का स्वपन देख रहे हैं इस्लामिक दुनिया का नेतृत्व करना चाहते हैं | इसके बाद मौलाना ने कहा “प्रधानमंत्री ने अयोध्या के मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान की अवहेलना की है। उस ज़मीन पर बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों को हिटलर की फौज जैसा कहा ने तोड़ दी । जो लोग इंसाफ में भरोसा रखते हैं वह किसी न किसी दिन उस मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर देंगे।”इंसाफ ? हैरानी होती है बुत शिकनी मानसिकता बनियान में महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा को तालिबान ने तोपों द्वारा तोड़ा ,इस्लामिक स्टेट की विचारधारा ने यजदियो के साथ ख़ास कर उनकी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया भारत में आतंकियों ने कश्मीर से वहाँ के बाशिंदों कश्मीरी पंडितों को उनकी मातृभूमि निकाल दिया कोई नहीं बोला मौलाना भी नहीं बोले |उन्हें नहीं पता टर्की मुस्लिम बाहुल्य देश है| कभी ओटोमन साम्राज्य का विस्तार मिस्र ,ग्रीस बुल्गारिया ,रोमानिया ,मेसोदोनिया ,हंगरी /,फिलिस्तीन जॉर्डन ,लेबनान ,सीरिया अरब के ज्यादातर भाग में ,उत्तरी अफ्रीका के अधिकतर समुद्रीय इलाको तक फैला था | टर्की का सुलतान खलीफा था ओटोमन साम्राज्य से बाहर के देश जहां मुस्लिम शासक थे वह भी खलीफा को मानते थे भारत में इस्लामिक राज्य के सुल्तानों एवं बादशाहों को खलीफा खिल्लत भेजते थे उस पर सत्ता पर बैठे सुलतान एवं बादशाह गर्वित होते थे लेकिन 1924 में खलीफा व्यवस्था समाप्त हो गयी |अतातुर्क ने आटोमन साम्राज्य को समाप्त कर पारम्परिक इस्लाम के स्थान पर आधुनिक टर्की का निर्माण किया उन्होंने खलीफा का पद समाप्त कर दिया शरिया अदालतें खत्म कर दीं महिलाओं को हिजाब से निकाल कर वोट देने का अधिकार दिया अब टर्की में धीरे - धीरे उलट है | केवल कुछ कट्टर पंथी मुस्लिम को छोड़ कर मुस्लिम समाज ने राम मन्दिर के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया राम मन्दिर निर्माण की शुरू होने वाला है 5 अगस्त को देश के प्रधान मंत्री के हाथों भूमि पूजन किया गया हिन्दू समाज उत्साहित है सभी दुखी थे उनके आराध्य टेंट में थे | जबकि भारत आजाद हो गया पाकिस्तान के नाम से देश के दो टुकड़े हो गये थे पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट है भारत पंथनिरपेक्ष भारत की भूमि पर सदैव आक्रमणकारियों की नजर रही है मंगोलिया की माँ और उज्बेग पिता की सन्तान बाबर ने भारत पर हमला किया उस समय के दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी के बीच संघर्ष में बाबर ने दिल्ली जीत ली थी अब बाबर और चित्तौड़ गढ़ के राणा सांगा के बीच सीकरी में भयंकर युद्ध हुआ बाबर की तोपों और गोला बारूद के सामने राजपूतों की तलवारें और वीरता हार गयी अब बाबर के सामने मजबूत प्रतिद्वंदी नहीं रह गया था क्षेत्र पर कब्जा होने के बाद उसने अपने सेनापति मीर बाकी को वहाँ का सूबेदार बनाया मीर बाकी ने अयोध्या में श्री राम की जन्म स्थली में उनका मन्दिर तोड़ कर उसी के ईंट पत्थरों और गुम्बदों को मस्जिद में बदल दिया इसे बाबरी ढांचा माना जाता है |स्थापत्य कला के हिसाब से साफ़ लगता है यह हिदुओं का मन्दिर होगा भगवान की जन्म स्थली हिदुओं की आस्था का केंद्र है| इतिहास कहता है बाबर की सेना ने चंदेरी में भी हिन्दू मन्दिरों को तोड़ा था | हिन्दू समाज बहुत सहिष्णु है हमारे मन्दिरों को तोड़ कर हमारी संस्कृति को नष्ट किया गया था अब अयोध्या में श्री राम का भव्य मन्दिर बन सकेगा जबकि कुछ लोग आज भी बाबरी के नाम से जुड़े हैं | असदुद्दीन ओबेसी मुस्लिम समाज के एक छत्र लीडर बनना चाहते हैं जबकि वह हैदराबाद के मुस्लिम समाज से आगे अधिक नहीं निकल पा रहे हैं राम मन्दिर के भूमि पूजन के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह।' बाबरी जिंदा है यही उन्होंने टीवी चैनलों में कहा ओवैसी ने पीएम मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह संविधान सम्मत नहीं होगा।हैरानी है प्रधान मंत्री पद का अर्थ यह नहीं है मोदी जी का अपना धर्म नहीं है ओबेसी भी सांसद है लोकसभा के चलते समय नमाज संसद से उठ कर नमाज अदा करने जाते हैं | संविधान की आड़ लेकर अपनी बात को सही सिद्ध करते हैं | अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर तृणमूल कांग्रेस चुप रही लेकिन मुख्यमंत्री ममता दी के कैबिनेट मंत्री जमीयत-उलमा-ए-हिन्द के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने राम मंदिर निर्माण के खिलाफ अनेक प्रश्न उठाये | नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन में भाग लेने के निर्णय को “गलती” कहा, “मस्जिद के ऊपर मंदिर कैसे बनाया जा सकता है?”उन्होंने कहा “हम अपने धैर्य को धारण किए हुए हैं, यह अल्लाह की मस्जिद है। यह अनंत काल तक रहेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मंदिर बनता है पूरी दुनिया जानती है कि यह एक मस्जिद है।हमें न्याय नहीं मिला, हमारे साथ अन्याय हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर भी उन्होंने टिप्पणी की इन सबका विचार है मौलिक अधिकार सबको बोलने की आजादी देता है| मस्जिद इबादतगाह हैं किसी के धर्म स्थान को तोड़ कर उसपर हक जमाने का तरीका नहीं है | पाकिस्तान क्यों पीछे रहता उनके यहाँ मन्दिरों को तोड़ा गया ,गैर इस्लामिक नागरिकों का धर्म परिवर्तन करना उनकी बेटियाँ उठा ले जाना निकाह पढ़वा देना इस पर कोई टिप्पणी नहीं राम मंदिर के भूमि पूजन के दिन पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा था, ‘भारतीय सुप्रीम कोर्ट के गलत फैसले ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल ये दिखाता है कि वहां न्याय पर आस्था बड़ी है, बल्कि यह भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है उनके अपने सर्वोच्च न्यायालय में सत्ता के प्रभाव में फैसले आते है तभी आतंकी पनप हमारे यहाँ रहे हैं मुस्लिम समाज राजनेताओं का लाडला वोट बैंक है | विदेशी अखबारों में हमारे अपने बुद्धिजीवी धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठा रहे हैं प्रजातांत्रिक व्यवस्था में सब चलता है हम विदेश में रहते थे एक पाकिस्तानी डाक्टर ने हमसे पूछा क्या प्रूफ है बाबरी में आपके राम का जन्म हाथ हुआ था मेरा जबाब था अगर आपसे आपके मुख्य इबादत गाहों के प्रूफ मांगू -- आप निरुत्तर हो जायेंगे विश्व में आपके लिए सब वाजिब है हमारे भगवान की जन्म स्थली का हमसे प्रूफ मांगते हैं |