बिहार राजनीति में उल्ट फेर नितीश कुमार जी चार वर्ष बाद पुन : एनडीए में
डॉ शोभा भारद्वाज
सीबीआई एवं आय कर विभाग द्वारा लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर छापे मारे गये 1000 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति और कर चोरी से सम्बन्धित मामले हैं | यदि किसी पर सी.बी.आई. या आयकर विभाग का छापा पड़ता है वह कानूनी दृष्टि से अपराधी माना जाता है उस पर केस चलता है , बचने का बहाना नहीं होता लेकिन जब किसी राजनेता या सत्ता पर बैठे किसी मंत्री के खिलाफ केस दर्ज होता है या पकड़े जाते हैं उनका व्यवहार देख कर हैरानी होती है वह इसे सरकार द्वारा बदले की कार्यवाही सिद्ध करने की कोशिश करते हुए दलीलें देते हैं वह गरीबों के लिए काम करते हैं उनको फसाया जा रहा है वह ऐसी सत्ता को ही समाप्त कर देंगे जो उनके विरुद्ध है |कम्यूनल कार्ड खेल ा जाता है ,बड़े –बड़े भाषण दिए जाते हैं उनके समर्थक सडकों पर निकल कर तोड़ फोड़ करते हैं और रैलियां की जाती है | आज कल देश के प्रधान मंत्री मोदी जी को कोसने का भी रिवाज है लेकिन आय से इतनी अधिक सम्पत्ति , बढ़ती बेनामी संपत्ति और नकली कम्पनियां और मनी लांड्रिंग का किसी के पास जबाब नहीं हैं और क्यों दे? दलील है अदालत से बड़ी अदालत जनता है जिसने उनको चुना है |
यदि एफआईआर दर्ज हो जाए या कुछ समय के लिए जेल जाना पड़ें अपने समर्थकों के साथ ऐसे न्यायालय में सरेंडर करने जाते हैं जैसे विदेशी सत्ता के खिलाफ धरना देने जा रहे हैं ,यदि गिरफ्तारी हो जाये अपना कद ऐसे बढ़ा लेते हैं जैसे उनके साथ अन्याय हो रहा है |बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री और केंद्र के रेलवे मंत्री लालूप्रसाद पर चारा घोटाले का इल्जाम लगा वर्षों केस चला सजा हुई लेकिन कानूनी दावं पेच का सहारा लेकर अब जमानत पर हैं , हाई कोर्ट में पेशी हो रही है कहते हैं आगे अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट भी हैं कहने को उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है |सत्ता से तो हटा दिए गये है अपने परिवार को सत्ता में स्थापित कर रहे हैं |
रेलवे मंत्री बने उनकी संपत्ति बढ़ती गयी उनकी पत्नि बच्चे भी धनवान और संपत्ति शाली हो गये | उनका पटना में, मॉल बन रहा है ‘लारा’, जिसकी तीन मंजिले धरती के भीतर है बारह मंजिले ऊपर पटना का सबसे बड़ा मॉल है| पटना के अलावा दिल्ली, रांची, पुरी, गुड़गांव समेत 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई हेराफेरी के आरोप में सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है यही नहीं उनकी सांसद सुपुत्री मीसा भारती उनके दामाद शैलेश कुमार को भी प्रवर्तन निर्देशालय में पेश होना था पहली तारीखों पर पेश नही हुए अंत में देश का कानून मजाक नहीं है पेश होंना पड़ा उनसे मनी लांड्रिंग मामले में आठ घंटे दोनों से पूछ ताछ हुई | लालू जी बिहार की जनता के सामने दुहाई दे कर उनकी हमदर्दी बटोरना चाहते हैं उनके अनुसार प्रधान मंत्री और अमित शाह उन्हें मिटाना चाहते हैं उन्हें और उनकी बीबी और बच्चों को झूठे केस में फंसा रहे हैं | मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर लगे अभियोगों पर स्पष्टीकरण मांगा और चार दिनों का समय दिया |
तेजस्वी यादव का उत्तर था मुझ पर जिस सम्पत्ति के लिए अभियोग लग रहा है मैं तो छोटा था लालू जी का भी जबाब है तब तेजस्वी के मूछें भी नहीं आयीं थी | हैरानी है इतनी सम्पत्ति बालक के पास कहाँ से आई ?परी कथा , परी ने अपनी जादू की छड़ी घुमा कर नींद में सोये श्री तेजस्वी को सब कुछ दे दिया |कानून विशेषज्ञ तेजस्वी की दलील को नहीं मानते बेनामी सम्पत्ति लेनदेन कानून में 1988 और 2016 में संशोधनों के अनुसार उम्र को कोई महत्व नहीं दिया गया क्योकि काला धन कमाने वाले धन का बहुत बड़ा हिस्सा सम्पत्ति पर लगाते हैं जिसे अपनी संतानों के नाम पर अधिक सुरक्षित समझते हैं | आखिर इंतजार था तेजस्वी यादव अपने पर लगे अभियोगों पर सफाई और इस्तीफा देंगे नितीश जी के अनुसार उनसे इस्तीफा नहीं माँगा था केवल स्पष्टीकरण देने को कहा गया था |
20 महीने तक सरकार चली उनका महागठ्बन्धन टूट गया हमारे संविधान के अनुसार मुख्य मंत्री का इस्तीफा पूरे मंत्री मंडल का इस्तीफा माना जाता है अत : मंत्रीमंडल भंग हो गया| कोई भी दल चुनाव का इच्छुक नहीं है | नितीश जी की छवि राजनीतिक हलकों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टालरेंस की रही है अपने 40 वर्ष के राजनीतिक जीवन में वह कर्मठ नेता रहे हैं अपनी छवि पर किसी भी तरह का दाग नहीं लगने देना चाहते अत :उन्होंने त्याग पत्र दे दिया लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में नितीश जी पर ही आरोप लगा दिए यदि नितीश जी आरोपी थे तो आपने उनके साथ गठ्बन्धन क्यों किया और कहा ‘यह गठ्बन्धन साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ बना है’ यही स्टेटमेंट कांग्रेस के नेताओं ने दिया | बिहार के विधान सभा चुनाव में एनडीए को अच्छे खासे बहुमत से जीतने की उम्मीद थी लेकिन जेडीयू , लालू यादव के दल आरजेडी एवं कांग्रेस गठ्बन्धन की भारी बहुमत से जीत हुई|
हैरानी की बात है लोग नितीश कुमार जी से बहुत उन्होंने प्रभावित थे उन्हें सुशासन बाबू कहते थे लेकिन उनके दल को 71 लेकिन आरजेडी को 80 सीटें कांग्रेस को 27 सीटें मिली थी नितीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने उन्होंने अपने परिवार को राजनीति में लाने की कोशिश नहीं की इसके विपरीत लालू प्रसाद यादव का परिवार प्रेम जग जाहिर है | उनके एक पुत्र तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री रहे है दूसरे पुत्र तेजप्रताप का स्थान मंत्री मंडल में तीसरा था | लालू जी कहते हैं उन्होंने नितीश जी को मुख्यमंत्री बनाया यदि नितीश जी नहीं तो क्या तेजस्वी यह पदभार सम्भालते वह जानते थे चाचा नितीश कुमार जी की छत्र छाया में उनके पुत्र बहुत कुछ सीख सकेंगे| प्रजातंत्र की मजबूरी ही कहा जाएगा| आश्चर्य है जनता की याददाश्त क्या इतनी छोटी होती है ?बिहार की सत्ता नितीश कुमार और भाजपा के गठ्बन्धन को आराम से नहीं मिली थी |लालू जी की सत्ता पर मजबूत पकड़ थी लेकिन उनके सत्ता में आने के बाद बिहार के हालात खराब होने लगे रोजगार के अवसर धीरे – धीरे कम होते गये |बिहार से आने वाली हर गाड़ी से जवान लडके रोजी रोटी की खोज में , दिल्ली ही नहीं भारत के हर शहर में पलायन करने लगे | अनिश्चित भविष्य सूखे चेहरे लालू प्रसाद के शब्दों में उन्होंने ‘ उन्हें स्वाभिमान दिया है |
बिहार में गुंडाराज था लालू जी के बस में बिहार चलाना नहीं था वह बाते बनाना जानते थे उनकी लच्छेदार बाते सब सुन कर लोग हंसते थे जिससे मिडिया के चहेते बन गये थे| नितीश कुमार ने भाजपा के साथ में चुनावी गणित बिठाया लालू जी के माई की काट ढूंढी नबम्बर 2005 लालू जी की हार के बाद नितीश बाबू की भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनी बिहार का धीरे –धीरे बिहार का कायाकल्प होता गया बिहार के लोग अब अपने घरों को लौटने लगे अब गुंडे जेल में थे गुंडा राज खत्म होता गया रोजगार के अवसर बढ़े | 2010 के चुनाव में नितीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से फिर सत्ता में आये अबकी बार लालू प्रसाद की ऐसी पराजय हुई उसके पास संख्या बल ही नहीं था| विपक्ष भी कमजोर पड गया नितीश जी एक कुशल प्रशासक के रूप में उभरे यहीं से वह अपनी राजनीतिक ताकत तोलने लगे उन्हें भी जाति वाद के आधार पर वोट लेने ,मुस्लिम वोट बटोरने का गणित भाने लगा वह अपने आप को सच्चा धर्म निर्पेक्ष सिद्ध करना चाहते थे|
हमारा संविधान स्पष्ट करता है भारत एक धर्म निर्पेक्ष राष्ट्र हैं| बिहार के दिन सुधारते-सुधारते उनमें उनमें प्रधान मंत्री बनने की चाह जग गयी |2014 भाजपा के गोवा अधिवेशन में नरेंद्र मोदी को भाजपा का भावी प्रधान मंत्री घोषित कर उन्हीं के नेतृत्व में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का निश्चय किया गया | नितीश कुमार और शरद यादव ने एनडीए से किनारा कर लिया उन्हें भाजपा के नरेंद्र मोदी पसंद नहीं थे |लोकसभा में पूर्ण बहुमत के साथ मोदी जी प्रधान मंत्री बने | अबकी बार नितीश जी को लालूप्रसाद प्रसाद और कांग्रेस से गले मिलना पड़ा | चुनावों में इनके महागठ्बन्धन को भारी बहुमत मिला |
नितीश जी मुख्यमंत्री बने थे उनका गठ्बन्धन भाजपा के खिलाफ था फिर भी उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा लिए गये नोट बंदी के निर्णय और जीएसटी का का समर्थन किया राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट देने की घोषणा की उनका कहना था कोविंद बिहार के राजपाल रहे हैं उनके साथ उनकी सरकार के साथ अच्छा सामंजस्य था सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राईक का स्वागत किया | उचित था तेजस्वी इस्तीफा दे देते लेकिन लालूप्रसाद और तेजस्वी यादव न देने पर अड़ गये| जिस तरह लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं नितीश जी के लिए उनके साथ चलना मुश्किल था उन्होंने 26 जुलाई की शाम को स्वयं इस्तीफा दे दिया |
श्री मोदी जी ने ट्विटर पर उनको मुबारक बाद दी कुछ ही समय बाद सब कुछ बदल गया सूचना आई नितीश जी भाजपा के साथ सरकार बना रहे हैं| 27 जुलाई दस बजे नितीश जी ने मुख्यमंत्री और शुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली अब विधान सभा में बहुमत सिद्ध करने के बाद नये मंत्री मंडल का गठन होगा | लालू जी को शिकायत है उनका दल बड़ा था अत: उनके दल को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए था | नितीश जी के इस कदम पर जेडीयू के कुछ नेता असंतुष्ट हैं उनके अनुसार उनका गठ्बन्धन भाजपा के खिलाफ था उन्हीं के साथ सरकार का चलाना , लेकिन सत्ता के इर्दगिर्द ही आज के नेता रहना पसंद करते हैं | नितीश जी को विधान सभा में बहुमत मिला अब जेडीयू और एनडीए की सरकार बनीं