‘विश्व योग दिवस,' " स्वस्थ रहना है तो अपने हित में योग करिये"
डॉ शोभा भारद्वाज
मैं कुछ दिन सिंगापुर बेटी के पास रहने गई मेरी बेटी ने मुझसे कहा माँ आप सारा दिन तकिये का सहारा लेकर काली काफी पीते हुए किताब पढ़ती रहती हैं हमारे एरिया में 80 वर्ष की चीनी महिला सुबह-सुबह सूर्य नमस्कार कराने आती हैं |आप इस अवस्था में उनकी फुर्ती और उसके शरीर का लोच देख कर हैरान रह जायेगी | सिंगापुर के लोग बहुत बड़ी संख्या में प्रोग्राम में हिस्सा लेते हैं आप भी चलो | मेरी योग में कभी रूचि नहीं रही लेकिन बेटी के दबाब की मजबूरी में जाना पड़ा |उस महिला को देख कर आश्चर्य हुआ चीनी मूल की काफी ऊंची घेरदार फ्राक ,सुडौल टाँगे जब ऊंची ऐड़ी के सैंडल में ठक-ठक करती आती थीं लगता था उड़ रहीं है बड़ा ही मोहक ब्यक्तित्व था |
सूर्य नमस्कार सिखाना शुरू किया लोग बड़ी आसानी से साथ दे रहे थे परन्तु मेरे लिए मुश्किल था मैं सहारा ढूंढ रही थी पास ही खम्बा था मैने उसका सहारा ले लिया | चीनी महिला तुरंत मेरे पास आई उसने अपने पास खड़ा कर लिया और कहा तुम दोनों हाथ जोड़ कर ऊँचें उठा लो फिर दायें पैर को बायें से टिका कर एक पैर पर खड़ी होने की कोशिश करो | मैं इस मुद्रा में अधिक देर तक खड़ी नहीं रह सकती थी मैने साड़ी का फायदा उठा कर अपनी सुविधा के अनुसार दांया पैर बायें पर टिका लिया वह हंसती हुई मेरे पास आयीं बोली ‘ओ क्लैवर लेडी ‘ वह समझ गयी मैं चालाकी कर रही हूँ | एक बात मेरे समझ में आ गई थी दोनों हाथों को जोड़ कर सिर से उनकी लम्बाई तक उठाना और एक पैर पर खड़े होने से बदन पूरा सीधा रहता है |सबने कम कपड़े पहने थे बदन पर तेल लगाया था उगते सूर्य की किरणों से विटामिन डी मिलने से बदन की हड्डियों को मजबूती मिलती है होती | किसी तरह बक्त काटा | अगले दिन मैने न जाने का विचार बना लिया मेरी बदकिस्मती मेरी बेटी ने महिला को चैलेंज किया था जिस दिन आप मेरी माँ को सूर्य नमस्कार में शामिल कर लेंगी आपको मान जाउंगी , मैं आराम से सो रही थी चीनी महिला ने आ कर बैल बजाई खोलने बाली मेरी बेटी ,उसने कहा ओह नोटी यंग वुमन मेरा हाथ पकड़ा मुझे लिफ्ट से नीचे लाकर लाइन में खड़ा कर दिया मैं जब तक सिंगापूर रही मेरा नियम उस महिला ने टूटने नहीं दिया |
बेटी के घर की एक खिड़की मैदान की तरफ खुलती थी यहाँ लाइन लगा कर 60 से 90 आयु वर्ग के यंग मैन अपनी व्यायाम कराने वाली खूबसूरत तितली की तरह उड़ती चीनी लड़की का इंतजार करते थे| वह शनिवार और इतवार को व्यायाम कराने आती थी | सब अपने बेहतरीन कपड़ों में परफ्यूम लगा कर समय से बहुत जल्दी पहुंच जाते ,एक चीनी महानुभाव उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकती वहुत बूढ़े थे व्हील चेयर पर बैठ कर सोयी सी मुद्रा में अपनी हैल्पर के साथ कपड़ों से भी खूबसूरत हैट पहन कर आते थे | चीनी टीचर आते हुए ऐसे लगती जैसे चीनी संगीत की ताल पर नाच रही हो उसे देख कर सबके चेहरे खिल उठते | व्हील चेयर में आने वाले महानुभाव जग जाते कुर्सी पर ही व्यायाम की मुद्रा में हाथों को लहरा कर अभिवादन करते| टीचर उनके पास आकर हैट और उनकी तारीफ़ करती हुई कहती ओह हाऊ आर यू यंग मैन वह जी उठते ,उनका चेहरा खिल उठता | वहीं साथ ही इसी आयुवर्ग की यंग वुमैन अपनी सबसे खूबसूरत फ्राक में ड्रैस अप हो कर कपड़ों के रंग से मैच करतीं लिपस्टिक की शेड ,सिर के बालों में खूबसूरत क्लिप लगा कर आतीं | उनके मास्टर जी समय के पाबन्द थे सिंगापुर और चीन क्रास का यंग मैंन जब मुस्कराता था उसकी आँखे बिलकुल बंद हो जाती |
मेरी समझ में कभी नहीं आया दोनों एनजीओ क्या कराते थे यह योग था या पीटी वह जिस दिशा में झुकने को कहते सब उसी तरफ झुक जाते दो शब्द सुनाई पड़ते वन टू जब वह उनको पीटी कराते सब उनके आदेश का पालन करते परन्तु आँखें सामने रहती | जानबूझ कर यंग लेडी गलतियाँ भी करती थीं यह क्लास लगभग एक घंटा चलती यदि दिन भर भी चलती किसी को कोई एतराज नहीं था |मेरी बेटी और में इस नजारे पर जम कर हंसती |बालकनी से लटके – लटके हम दोनों की गर्दन थक जाती |
भारत लौटने पर दो माह बाद मेरे दोनों पैरों की स्थिति अजीब हो गई अचानक चलते समय पैर सोने लगते कमर में भी असहय दर्द होता पहले मैने गम्भीरता से नहीं लिया बाहर जाना बंद कर दिया लेकिन दर्द तो दर्द होता हैं पतिदेवता की क्लास अर्थात उनकी डिस्पेंसरी में लाइन हाजिर होना पड़ा एक्सरे का रिजल्ट देख कर डॉ पतिदेव नें माथा पकड़ लिया मैं समझ गई मामला गम्भीर है उन्होंने कहा व्हील चेयर पर बैठने की प्रेक्टिस कर लो मैं मन ही मन चेयर पर बैठ भी गई फिर भी डरते-डरते पूछा कब तक? क्या बचने का कोई रास्ता हैं ?उन्होंने कहा बस जीवन पद्धति बदलनी पड़ेगी और नियमित योगा से ठीक हो सकती हो| अब चीनी महिला याद आई उसने मुझे लम्बी उम्र जीने का लेक्चर दिया था मैने हंस कर कहा था अरे उम्र में पांच दस साल कम हो गये क्या फर्क पड़ेगा अब तो सामने व्हील चेयर थी मुझे कमर के सारे व्यायाम सिखाये गये मैं आसानी से सीख कर नियमित रूप से योग करने लगी |यह मेरी कहानी है |
मोदी जी की अपील पर 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया विश्व ने सहर्ष स्वीकार किया था | हमारे देश में योग के नाम पर होती सियासत को देख कर हंसी आती है| देश का संविधान , मौलिक अधिकारों में धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार , धर्म निरपेक्ष राष्ट्र, रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट है| सबसे बड़ी बात “ अल्पसंख्यक वर्ग” में राजनेताओं का प्यारा वोट बैंक है उनके पीछे हर राजनितिक दल भागता है फिर हमारे चैनलों में एक पत्ता भी चटक जाए ब्रेकिग न्यूज बन जाती है | दुनिया के मुस्लिम समाज को योग से एतराज नहीं है जहाँ से इस्लाम का उदय हुआ और धर्म के आधार जिस राष्ट्र का निर्माण हुआ वह भी योग को स्वास्थ्य के लिए हितकारी मानते हैं परन्तु हमारे कुछ मुस्लिम अपने आप को सच्चा इस्लाम समझाने की होड़ में लगे रहते हैं यही नहीं भारत की धरती में उत्पन्न हुए ,धर्म में अधकचरे, धर्म पढ़ा रहे हैं| किसी को जबरन योग के लिए नहीं समझाना चाहिए वक्त अपने आप में सबसे बड़ा शिक्षक है योग अपने लिए अपने शरीर को अच्छी तरह से चलाने के लिए हैं |जिन्हें नहीं करना उनको धर्म सापेक्षता और धर्म निरपेक्षता की बहस करने दें और खुश रहने दें | लेकिन एक प्रार्थना है सबसे कृपया घर जाकर ब्लडप्रेशर या डाईबटीज की दवा बिना डाक्टर की सलाह के मत छोड़ देना |