राहुल गाँधी का धर्म क्या है हास्यास्पद प्रश्न ?
डॉ शोभा भारद्वाज
प्रश्न हास्यास्पद है इंदिरा जी का विवाह फिरोज़ गांधी से हुआ था यह मुम्बई निवासी पारसी परिवार से संबंधित थे इनके पिता का नाम जहांगीर और माता का नाम रतिमई था फिरोज जहांगीर का महात्मा गांधी से कोइ संबंध नहीं था गाँधी सरनेम गांधी जी ने उन्हें दिया था ‘फिरोज’ नाम मुस्लिम में भी प्रचलित है इसलिए लोग उन्हें मुस्लिम समझ लेते हैं ‘फिरोजा’ ईरान में फिरोजी रंग का पत्थर होता है शायद इसी से यह नाम निकला है फिरोज गांधी कांग्रेसी कार्यकर्ता थे इंदिरा जी से उनका प्रेम विवाह हुआ था |जवाहरलाल नेहरू इस विवाह के लिए राजी नहीं थे लेकिन उनकी मर्जी के खिलाफ 16 मार्च 1942 को दोनों ने वैदिक रीति से विवाह किया बाद में नेहरूजी ने भी विवाह को स्वीकार कर लिया फिरोज गांधी का 1960 में 48 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया उनका इलाहाबाद के पारसी कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया |
आज का ईरान इसे फारस कहा जाता था पर्शियन गल्फ से मध्य एशिया तक विशाल साम्राज्य फैला था यही पैगम्बर जरथुस्त्र ने एकेश्वर वाद का संदेश देते हुए पारसी धर्म की नीव रखी | ईरान ने पहले सिकन्दर के हमले को झेला बाद में अरब आक्रमणकारियों को अत: पर्शियन साहित्य और संस्कृति को नष्ट होती रही अब शिला लेख मिलते हैं | इनकी भाषा अवेस्ता है प्राचीन ऋग्वेदकालीन संस्कृत से मिलती जुलती है उसी से पर्शियन भाषा का चलन हुआ | फारस पर कब्जा करने के लिए खलीफा हजरत अली लश्कर लेकर आये वह अधिक सख्त नहीं थे लौट गये बाद में खलीफा हजरत उमर ने पहले इराक ,फिर ईरान पर कब्जा कर लिया| जोराष्ट्रीयन(पारसी ) के लिए धर्म संकट का समय था यहाँ के मूल बाशिंदे अग्नि पूजक हैं यहाँ तीन प्रकार की पवित्र अग्नि मानी जाती आज भी ईरान के ‘यज्द ‘ शहर में फायर टेम्पलेट है| उस समय के फायर टेम्पल में पवित्र अग्नि जलती रहती थी नष्ट कर दिये , धार्मिक ग्रन्थ जला दिए गये |
ईरान के राजवंश ने इस्लाम धर्म कबूल लिया अत :हर बाशिंदे को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया पारसी लोग भाग कर रेगिस्तानों और पहाड़ों में छुप गये काफी लोग भाग कर हर्मोंज की खाड़ी (शतल हार्मोंज )और प्राचीन राज्य पर्शिया में छुप गये| हर्मोंज की खाड़ी में रहने वालों ने 100 बर्षों की मेहनत से पालदार जहाज तैयार किया जिससे अपने वतन से पलायन कर गुजरात के तट पर उतर कर काठियावाड़ ( गुजरात ) में बस गये यहाँ यह पारसी कहलाये |पारसी शब्द का अर्थ पर्शिया से आया बाशिंदा हैं |यह भारत में ऐसे घुल मिल गये जैसे पानी में दूध | कुछ बीस प्रतिशत पारसी ईरान में रह गये उन्होंने अपना धर्म बचा कर रखा लेकिन इस्लामिक क्रान्ति और इस्लामिक सरकार के बाद उनके धर्म पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे वह फिर से अपनी सरजमीं से पलायन करने के लिए विवश हो गये कई कहते थे मर जायेंगे पर धर्म नहीं बदलेंगे|
विश्व में जितनी पारसियों की संख्या हैं उनमें आधे भारत में रहते हैं | पारसी समाज के कई महापुरुषों ने भारत की आजादी की जंग में हिस्सा लिया जैसे दादा भाई नोरोजी, फिरोज शाह मेहता ,|उद्योग जगत का प्रसिद्ध नाम जमशेदजी नौशेरवानजी टाटा हैं ,होमी जहांगीर भामा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त परमाणु वै ज्ञान िक टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च और भारतीय परमाणु आयोग के संस्थापक थे | यही नहीं दाराशां भूगर्भ शास्त्र के जाने माने नाम हैं | दिल्ली में श्राफ आँखों का प्रसिद्ध अस्पताल नेत्र रोग विज्ञान के विशेषज्ञ जमशेदजी नौसेरवानजी ने बनवाया था| जरनल मानिक शाह को कौन नहीं जानता? समाज में घुले मिले और भी कई महानुभाव हैं |पारसी समाज के अपने लोगों को कभी गलत राह नहीं दिखाई सबको एक सूत्र में बाँध कर रखा | नोरोज और अपने अन्य धार्मिक पर्वों पर पारसी धर्मशाला में इकठ्ठे हो कर पूजा करते हैं |
यह धर्म परिवर्तन में विश्वास नहीं करते लेकिन अपने धर्म के प्रति आस्थावान हैं | नौरोज को उस धूमधाम से नहीं मना पाते जितना उनके मूल स्थान ईरान की पर्शियन संस्कृति में मनाया जाता है |पहले नोरोज की शाम को आग जला कर उस पर से कूदते थे अब इस्लामी सरकार ने बैन लगा दिया लेकिन नौरोज नव वर्ष पारम्परिक ढंग से मनाया जाता है | इंदिरा जी पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती सन्तान थीं नेहरू जी कश्मीरी सारस्वत ब्राह्मण थे परिवार स्वतन्त्रता संग्राम से सम्बन्धित था परिवार का वातावरण धर्म निरपेक्ष था इंदिरा जी के दो पुत्र राजीव गाँधी और संजय गांधी थे |
राहुल गांधी राजीव गाँधी के पुत्र हैं उनकी माँ सोनिया गाँधी रोमन कैथोलिक क्रिश्चियन हैं उनका जन्म स्थान इटली हैं 1968 में उनका भारत आकर वैदिक विधि से राहुल गांधी से विवाह हुआ | प्रश्न उठता है राहुल गाँधी का धर्म क्या है वही जो उनके पिता का है इंदिराजी की मृत्यू के बाद अपनी माँ देश की प्रधान मंत्री इंदिरा जी का अंतिम संस्कार करते समय मीडिया के कैमरे उनके जनेऊ पर फोकस कर रहे थे |21 मई 1991 पेरम्बटूर में राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे एक लड़की चन्दन का हार लेकर उनकी तरफ़ बढ़ी जैसे ही वह पैर छूने के लिए झुकी भयानक धमाका हुआ ‘राजीव गांधी’, गांधी परिवार की दूसरी शहादत |स्वर्गीय राजीव जी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से हुआ था उनकी हत्या हुई थी बहुत दुखद था सोनिया गांधी अपने दोनों बच्चों के साथ अपने पति की चिता के पास हतप्रभ खड़ीं थी प्रियंका उन्हें सम्भाल रही थी |
राहुल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी इंदिरा परिवार के पुराने पंडित ने अंतिम संस्कार कराया | तब सोनिया जी की राजनीति में रूचि नहीं थी उन्होंने बाद में सोच समझ कर राजनीति में प्रवेश किया| गुजरात में चुनाव प्रचार चल रहा है कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी मन्दिरों में दर्शनार्थ जा रहे हैं |सोमनाथ के मन्दिर के अतिथि रजिस्टर में गैर हिन्दू को दर्शन से पहले रजिस्टर में नाम दर्ज कराना पड़ता है यह नियम सुरक्षा कारणों से 2015 से बनाया गया है राहुल गांधी का नाम अहमद पटेल के साथ इसी रजिस्टर में दर्ज था राजनीतिक गलियारों चैनलों में चर्चा होने लगी |
चुनाव के समय हर बात का महत्व होता है वैसे धर्मनिरपेक्ष देश में किसका क्या धर्म है महत्वहीन है लेकिन चुनाव का समय है शीघ्र ही कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ताओं ने कहा राहुल गांधी हिन्दू ही नहीं जनेऊ धारी है उनके अनेक चित्र जिसमें वह जनेऊ पहने हुये है दिखाये |