मैं तेरे साथ जी नहीं सका, अकेला
मर तो सकता हूँ
डॉ शोभा भारद्वाज
रिसेटेलमेंट कालोनी के छोटे
प्लाट में बने चार मंजिला घर में हा –हाकार मचा था उस घर के जवान बेटे ने फांसी
लगा ली थी घर का कमाऊ बेटा तीन भाई पाँच बहनों का भाई अंधे पिता ,बीमार माँ का
सहारा जिसने भी सुना हैरान रह गया फांसी के बाद लम्बी गर्दन और लम्बी हो गयी आँखे
फटी हुई थी लाश पंखे की हुक से बंधी रस्सी से झूल रही थी | सबसे पहले छोटे भाई ने
भाई को लटकते देखा था वह चीखता हुआ जल्दी –जल्दी सीढ़ियाँ पार कर आया सब हैरान अभी
घंटा भर पहले अपनी वर्कशाप बंद कर वह घर आया था आते ही अपने कमरे में बोतल खोल कर पीने
बैठ गया पत्नी ने डरते – डरते पूछा खाना लाऊं उसने रूखे पन से जबाब दिया नीचे जाओ
भेजा मत चाटो बेचारी नीचे आकर रसोई में खाना पकाने लगी खाना तैयार था माँ ने छोटे
बेटे को उसे बुलाने भेजा था इसी बीच ऐसी अनहोनी हो गयी अंधा पिता घुटनों में मुहँ
देकर बैठा था माँ बुत जड़ पत्नी की गोद में नवजात शिशू भूख से बिलख रहा था घर के
अन्य सदस्य चीख रहे थे और | समझदार लोग एक –एक कर इक्कठा होने लगे पुलिस को खबर दी
गयी लाश को नीचे उतारने की किसी में हिम्मत नहीं थी|
पुलिस आई लाश को उतारा बदन
की तलाशी लेने पर जेब में सुसाईड नोट मिला | लाश को उलट पुलट कर दिखाया पंच नामा
कर लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गयी अब बारी थी ब्यान की हालात ऐसे नहीं थे कोई
जबाब देता बिरादरी के कुछ समझदारों में मिल कर सलाह मशवरा हुआ बहू को बुलाया उसे बंद
कमरे में क्या समझाया किसी को नहीं पता था वह और भी जड़ हो गयी छाती से दूध टपक रहा
लेकिन बिलखते बच्चे को दूध पिलाने की उसे होश नहीं थी कुटुम्ब की बड़ी बूढी ने बच्चे को माँ के सीने से
लगा दिया बच्चा चप – चप कर दूध पीने लगा जब पेट भर गया गोद में सोते ही लुढ़क गया
माँ को उसे सम्भालने की भी होश नहीं थी | दाहसंस्कार हुआ हुआ अब तक रो- रोकर आंसू
सूख चुके थे कुछ ने सलाह दी आत्मा की शान्ति के लिए शान्ति पाठ कराया जाए शन्ति
पाठ हुआ अब रात हो चुकी थी पड़ोसियों ने खाना भिजवाया अपने हाथ से परिवार वालों के
मुहँ में निवाले डाले लेकिन खाना किसी के गले से नीचे नहीं उतरा |
अगले दिन ब्यान लेने पुलिस
आ गयी स्थानीय पुलिस आफिसर के साथ महिला पुलिस भी आई थी बंद कमरे में बहू का ब्यान
लिया गया हैरानी हुई उसने सिर झुका कर रटे रटाये शब्द बोल दिए ‘मेरे से झगड़ा हुआ
उन्होंने फांसी लगा ली’ पुलिस आफिसर को ब्यान अजीब लगा उन्होंने दबाब देकर कहा अरे
तू क्या कह रही हो ?डरो नहीं सच – सच बताओ तुम्हारे ब्यान कमरे की चाहरदीवारी में
ही रहेंगे एक जवान ने आत्म हत्या की है कोई तो वजह होगी पत्नी का यही जबाब था
पुलिस आफिसर ने महिला पुलिस को आदेश दिया मैं बाहर जा रहा हूँ तुम सच्चाई उगलवाने
की कोशिश करो हर तरह से पूछने पर वही जबाब था महिला पुलिस ने बदन खुलवाया चेहरे को
छोड़ कर पीठ ,कमर टांगों पर लम्बे निशान थे कुछ पुराने घाव कुछ नये महिला पुलिस
काँप गयी तुम्हे किसने बेदर्दी से मारा है क्या तुम्हारा पति तुम्हें मारता था ?बहू
का जबाब था हमारी जात में हर औरत पिटती हैं रोज पिटती है पिटना हमारी तकदीर हैं
क्यों मारता था ?कोई जबाब नहीं दिया उलटा
बिलख – बिलख कर रोने लगी मारता था तो क्या हुआ ?हाय मेरी इज्जत का रखवाला
मुझे छोड़ कर चला गया लेडी पुलिस ने माथा पीट लिया हाय तुझे जानवर की तरह मारता था
क्या तेरे पीछे पीहर में कोई नहीं है ,सास ससुर ने रोका नहीं ?वह अब उनको भी
गालियाँ देते थे |
आस पड़ोस से पूछा गया पता
चला जब प्रिंस ( परिवर्तित नाम ) के रिश्ते आ रहे थे उसने अपने परिवार को साफ़ कह
दिया था वह अपनी पसंद की लड़की से शादी करेगा बिरादरी का कितना भी बड़ा चौधरी आये उस
पर दबाब डाले वह वह किसी की नहीं सुनेगा रिश्तों की कमी नहीं थी उसने जिस लडकी को
पसंद किया गोरी चिट्टी लम्बी सुराही जैसी गर्दन सबसे बड़ी बात उसकी आँखें बिलौरी थी
वह बारवीं तक पढ़ी हुई थी ढोलक को थाप देकर
गाती भी बहुत अच्छा थी नाचने में उसका जोड़ नहीं था उसके एक गीत की फरमाईश होती थी
“ जो कोई देखे मेरा नाच अटे पे आ जईयो नाचूंगी सारी रात किले पे आ जईयो “ प्रिंस ने उसे देख कर लट्टू हो गया शादी की
जल्दी करने लगा | शादी पर सुसराल वालों ने सब कुछ दिया बरात की खातिर भी बहुत जोर
से हुई |दोनों दों हंसों का जोड़ा थे घर का सबसे ऊपर वाला कमरा प्रिंस का था दोनों
देर रात तक घर की छत पर गुटर गूं करते हमें लड़की बहुत भाग्यवान लगती थी दो बच्चे
हैं पहली लड़की ,डेढ़ साल के अंतर पर दूसरा बच्चा लड़का हुआ पर , कुछ समय से प्रिंस को न जाने क्या हो गया शराब पीने लगा बीबी
को गालियाँ देते सुना फिर मार पीट भी शुरू कर दी अक्सर गर्भवती बीबी को घर से
निकलने को कहता माँ ने हाथ पकड़ कर रोकने की कोशिश की उसे ऐसा धक्का
दिया सिर फट गया | पता नही क्या हो गया था पहले कभी खर्चे पर लगाम नहीं लगाता था
अब हर पैसे का हिसाब माँगता था इतना चिल्लाता था बाहर तक आवाज आती थी |
माँ मिलने वालों से बिलख –बिलख
कर रोती थी पहला बच्चा था बड़ा सुंदर दादी ने प्रिंस नाम रखा कहती थी मेरा तो चाँद
का टुकडा है मेरे एक के बाद एक बच्चे हुए पाँच लड़कियाँ तीन लड़के| यह बड़े अच्छे
कारीगर थे (पिता ) पहले एक आँख गई फिर दूसरी लेकिन मालिक बहुत अच्छा है उसने पेंशन बाँध
दी हर महीने समय पर मुनीम जी पेंशन भी देने आते हाल चाल भी पूछ जाते यह पीने लगे
सारा पैसे अपनी अंठी में रखते इतना बड़ा परिवार बड़ी मुश्किल से घर चलता था |अक्सर
घर के बाहर से बच्चों के चीखने चिल्लाने की आवाजे आती पता चलता बाप ने चखने के साथ
जम कर शराब पी उसके बाद बीबी बच्चों को पीट –पीट कर घर से निकाल कर नशे में सो
जाता | बच्चे चीखते पापा –पापा दरवाजा खोलो ठंड लग रही है या भूख लगी है पड़ोसी दया
कर ओढ़ने और बिछाने को दे देते परन्तु खाना इतने बड़े परिवार को महंगाई के जमाने में
खिलाना किसी के बस का नहीं थी जवान होती लड़कियाँ घर से बाहर पार्क में सिकुड़ कर
लेट जाती अच्छी बात थी पार्क घरों से घिरा हुआ है | सुबह जब बच्चों के पापा की
आँखे खुलती अपने आप को , शराब को और तकदीर को कोसता बीबी से माफ़ी माँगता खाना भी
खाना था |सब जानते थे बेचारी दिन रात मेहनत करती थी |किसी पेड़ पर कोई लकड़ी नहीं
छोड़ती थी पढ़ी लिखी नहीं थी घरों में काम करते करते उसकी कमर झुक गयी अब रो – रो कर विलाप कर रही थी आधा पेट रहता था
रोज पिटता था तब नहीं मरा बेटा सब झेल गया अब तो तू हमारा पालन हार था | प्रिंस
बहुत मेहनती थी उसने डिप्लोमा करने के बाद गाड़ी ठीक करने वाली कई वर्कशाप में काम
किया उसका अच्छे कारीगरों में नाम था | किराये पर अपनी वर्कशाप खोली इतना क्माऊ था
अपने छोटे से प्लाट को चार मंजिला बनाया छत पर टीन शेड लगाई बरसात के दिनों में
शेड के नीचे सोना उसे बहुत भाता था | प्रिंस की बहनें भी मेहनती थी ज्यादा पढ़ नहीं
सकी थी लेकिन ज्यों – ज्यों बड़ी होती गयीं कम्पनी में काम करने लगी सब मिला कर
खर्च ही निकलता था प्रिंस ने अपनी बहनों के लिए अपनी हैसियत के अनुसार लड़के देखे
सबकी शादी कर दी घर से अभाव विदा हो गया
था पिता की आँखें बनवाना चाहता था लेकिन डाक्टरों ने मुआयना करने के बाद कहा आँखों
में रौशनी आना सम्भव नहीं है | माँ को दिल का दौरा पड़ा उसका हर सम्भव इलाज कराया
यदि ज़िंदा रहता आपरेशन भी करवा देता अफ़सोस उसके दोनों भाई निकम्मे थे |
पुलिस ने केस की फाईल बंद
नहीं की आखिर एक जवान ने फांसी लगाई थी
कोई तो कारण होगा |बहू का ब्यान दबाब से दिलवाया हो सकता है |कुछ बातें समझ में
आने लगीं थी फांसी से कुछ दिन पहले वर्कशाप की कुछ दूरी पर खुले डिपार्टमेंटल
स्टोर वाले से झगड़ा हुआ था एक दूसरे को धमकाया भी गया था कुछ कह रहे थे मारपीट भी
की गयी थी लेकिन प्रिंस के बदल पर पिटने का कोई निशान नहीं था | स्टोर को भाई बहन
चलाते थे जिस नये आईटम का टीवी में विज्ञापन होता था स्टोर पर मिलता |स्टोर पर
बैठने वाली लड़की छोटे कद की सावली उसे सलोनी नहीं कहा जा सकता था चेहरे पर मुहासों
के निशान थे छोटे कद को बड़ा दिखाने के लिए बालों को चिमटियों के सहारे ऊँचा कर
चोटी बांधती पहनावा लम्बी कमीज चूड़ीदार पैजामा था |अक्सर वही स्टोर पर बैठती भाई
बाहर का काम करता था | स्टोर पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती लेकिन बहुत छोटी चींजों
के खरीदार ज्यादा थे जैसे शैम्पू का एक पाउच काफी का एक दस रूपये वाला पैकेट
जिसमें तीन लोगों की काफी ही बन सकती थी यह भी रोज खरीदने आते और भी जरूरत ,
बेजरूरत का सामान लड़की हाथ में एक अंग्रेजी पत्रिका लिए रहती उसे अंग्रेजी आती थी
? शायद नहीं बस पन्ने पलटती रहती ग्राहक
स्टोर पर आता ऐसे लगता जैसे उसे ग्राहकों की चिंता नहीं थी दो बार पुकारने पर वह
बड़ी अदा से थोड़ी भोहें चढ़ा कर पूछती हाँ क्या चाहिए ? बर्ताव ऐसा था जैसे किसी
कम्पनी की सीओ हो उसकी इसी अदा को देखने वालों में चर्चा होती |
प्रिंस उसी स्टोर पर मंडराने लगा वह हर बक्त
ठंडे पेय की फरमाईश करता वहीं खड़ा होकर धीरे-धीरे पीता ठंड से उसका सीना जकड़ने लगा
गला तो परमानेंट बैठ गया था | यदि लड़की की चाय की दूकान होती वह चाय पीता रहता |
धीरे – धीरे लड़की दूकान पर अपनी माँ को बिठा कर गायब होने लगी उसकी न जाने कितनी कथित
अनगिनत सहेलियाँ उसे मिल गयीं जिनसे मिलने जाने का बहाना पक्का था इधर प्रिंस भी
ठीक की गयी गाड़ी के ट्रायल के चक्कर में गायब हो जाता | उसकी पैसे की भूख भी बढ़ती
जा रही थी ग्राहक हैरान होकर कहते तुम हाथाचाटी करने लगे हो | अब उसका गला खुलने
लगा छाती में जमी ठंड भी ठीक होने लगी एक तरक्की और हुई थी अपने पिता की शराब से
चिढ़ने वाला बेटा पहले बियर पीने लगा फिर शराब |बीबी के विरोध करने पर कहता सब पैसे
वाले पीते हैं मैं क्या गरीब हूँ ?अपने पैसे से पीता हूँ |
लड़की , रोज नये डिजाइनर
कपड़े बदलने लगी नियमित पार्लर जाना गोरा रंग करने की हर क्रीमें अजमाना उसके बालों
का स्टाईल और ऊँचा हो गया था सैंडलों की एड़ी ऊँची और ऊँची होती गयी |माता पिता या
भाई ने पूछा नही यह सब खर्च कैसे कर रही हो वह मान कर चल रहे थे कमाई बढ़ रही है
इससे मनमाना खर्च कर रही है पिछले वेलन्टाईन पर उसे लाल रोज का गुलदस्ता उसकी कथित
सहेली ने भेंट किया ख़ास दिन वह दिन भर गायब रही रात को देर से घर आई उसकी कथित
सहेली की शादी थी कानों में डिजाईनर झुमके पूछने पर जबाब था अम्मा नकली हैं |प्रिंस
की मौत के बाद स्टोर पर लड़की नजर नही आयी जबाब था नानी के घर गयी है |पुलिस का
मुखबिर हत्या का कारण तलाश कर रहा था अचानक एक दिन वह सुबह स्टोर पर नजर आई ग्राहक
कई दिन से तक झाँक कर रहे थे उनको अब बहुत कुछ खरीदना था लड़की के रंग ढंग में कोई
फर्क नहीं था |अचानक महिला पुलिस के साथ पुलिस आफिसर स्टोर पर पहुंच गये उन्हें
देख कर भाई थर – थर कांपने लगा स्टोर के पीछे वाले कमरे में लड़की से पूछताझ होने
लगी लड़की से उसके प्रिंस से सम्बन्धों के बारे में पूछा गया पहले लड़की नें आँखें
तरेरीं ,पुलिसिया घुड़की से सामना हुआ एक जवान लड़का फांसी लगा कर मरा है उसकी कुल
22 बरस की बीबी है दो अबोध बच्चे उसके बाद लड़की का जबाब था सर इसमें मेरा क्या
कसूर है मेरे स्टोर पर और ग्राहकों जैसा था क्या तुम हर ग्राहक के साथ स्टोर से
कुछ दूर निकल कर उनकी गाड़ी में घूमने जाती हो उनके साथ माल में खरीददारी करती हो महंगे
उपहार , फ़िल्में देखना महंगे रेस्ट्रा में खाना खाना पुलिस के पास तेरा और मरने
वाले के सम्बन्धों का पूरा चिट्ठा है तेरे महंगे फोन के काल डिटेल भी हमारे पास
हैं |
किसी अत्याधुनिक मार्डन
लड़की की तरह उसने जबाब दिया सर प्रिंस मेरा केवल दोस्त था मैं न उसकी गर्ल फ्रेंड
थी न प्रेमिका न मैने उसके साथ प्रेम की कसमें खायी थी वह जिद करता मैं उसके साथ
चली जाती कुछ समय पहले वह मुझसे शादी की जिद करने लगा तुम जानती हो वह शादी शुदा
बच्चों का बाप था सर वह मेरा केवल दोस्त था उसके साथ जरा घूम फिर ली हँस बोल ली
गले पड़ गया क्या लड़कों से दोस्ती करना गुनाह है इतनी आजादी तो मुझे मिलनी चाहिए सर
? भाई से पूछ ताछ हुई तुम्हारा उससे किस बात पर झगड़ा हो रहा था क्या तुमने उससे
मारपीट की थी या उसने तुमसे? भाई को जबाब नहीं सूझा लड़की ने तपाक से जबाब दिया सर
गले पड़ गया था खर्च की पाई –पाई गिनाने लगा अरे वह ले गया मैं गयी उसे फिल्म देखनी
थी मैने साथ देखी रही बात खरीदारी की क्या मैं अपने मन का खरीद नहीं सकती हाँ उसने
जो गिफ्ट दिया, मैने ले लिया दोस्त था मना कैसे करती ? माता पिता रोने लगे दरोगा
जी लड़की की ब्याहने की उम्र है बात फैल गयी तो हमारी बिरादरी का कोई लड़का इससे
शादी नहीं करेगा | क्या तुम अपनी लड़की के रंग ढंग से समझ नहीं सके यह क्या कर रही
है ? सिवाय रोने के उनके पास क्या जबाब था ?प्रिंस ने अपनी मौत का किसी को
जिम्मेदार नहीं ठहराया था उसे प्रेम में मरना था लड़की ने उसे उकसाया इसका भी प्रूफ
नहीं था पुलिस अफसर ने नसीहत दी इससे पहले यह किसी और को दोस्त बनाये इसकी शादी कर
दो | दबी बात फैलने लगी |
फिर से प्रिंस के घर समझदारों
की पंचायत जुटी प्रिंस की बीबी का भाई ने रो –रो कर कहा हमारी बिरादरी में छोटे
भाई से चूड़ी पहना देते हैं | मेरी बहन की उम्र ही क्या है दोनों बच्चों को दादा दादी
के पैरों में डाला आपके स्वर्गीय बेटे की निशानी हैं बच्चे घबरा कर चीखने लगे ?प्रिंस
का भाई कुछ नहीं करता था वह केवल भाई का ढक्कन था वह जब दूकान से गायब होता उसकी
दूकान पर बैठा रहता इसके लिए प्रिंस उसकी हर मांग पूरी करता उसने भाई से कभी काम
सीखने की कोशिश नहीं की | प्रिंस के भाई का जबाब था मेरी भी अपनी जिन्दगी है मैं
अपनी पसंद की लड़की से शादी करूँगा मैं अपने गले में ढोल नहीं लटका सकता बहू ने रो –रो
कर कहा मुझे चूड़ी नहीं पहननी अपने बच्चे पालने है मैं पढ़ी हूँ कम्पनी में मुझे काम
मिल जायेगा मैं आपका भी सहारा बनूंगी कौन सुनता? उसने प्रिंस की मौत पर अपने ब्यान
से अपने हाथ काट लिए थे, नन्हें दो बच्चों के साथ भाई के साथ मायके जाना पड़ा | सवाल
था परिवार क्या खायेंगा ?घर में प्रिंस का एक हिस्सा खाली हो गया तत्काल परिवार उसमें
रहने लगा नीचे का हिस्सा किराये पर चढ़ा कर रोटी का इंतजाम किया |
जिन्दगी ठहरती नहीं है फिर
से चलने लगी | प्रिंस एक जिम्मेदार बेटा था उसकी मनपसन्द पत्नी दो मासूम बच्चे थे
ऐसा मूर्खता पूर्ण कदम ,प्यार था या प्यार में खुदगर्जी ? कई शायर प्यार में ऐसी
फ़िदाकारी की चर्चा करते हैं उनकी डोली जा रही थी मेरी अर्थी उठ रही थी |