“नवाज शरीफ का कबूल नामा 26/11 के मुम्बई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था" पार्ट -2
डॉ शोभा भारद्वाज
हाफिज सईद आतंकी सरगना, के अनुसार नवाज द्वारा जेहाद का समर्थन न करने से उनकी सत्ता उसकी गयी है , पाकिस्तान में नारे लगे ‘जो मोदी का यार है वह देश का गद्दार है’ | सत्ता से बाहर होने के बाद पूर्व प्रधान मंत्री नवाज साहब नें एक महत्वपूर्ण खुलासा कर पाकिस्तान में हलचल मचा दी |
26 नवंबर 2008 की रात अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा। हमलावरों ने मुंबई के दो पांच सितारा होटलों, जिनमें होटल ताज एवं होटल ओबेराय, शिवाजी टर्मिनल, शहर के लियोपोल्ड कैफे ,और नरीमन हॉउस को निशाना बना कर सात बंधकों की मार दिया ,कामा अस्पताल यहाँ हेमंत करकरे ,विजय सालसकर और काम्टे शहीद हुए शुरू में तो किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि मुम्बई में इतना बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। यह खौफनाक मंजर पूरा देश टीवी के माध्यम से देख रहा था विदेशी आतंकी देश में घुस कर कैसे निर्दोषों की हत्या कर रहे थे | 166 लोग मारे गये इनमें विदेशी भी शामिल थे 300 से अधिक घायल हुए | नौं आतंकी मारे गये केवल जान पर खेल कर अजमल कसाब को पकड़ा जा सका हमले में पाकिस्तान के हाथ होने का ज़िंदा सबूत |
घटना के तुरंत बाद भारत सरकार ने हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाया लेकिन उलटा आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने कहा हमला बंगलादेशी और भारतीय अपराधियों द्वारा किया गया है जबकि हमले के सभी सबूत पाकिस्तान को सौंपे गये जिसमें कसाब का कबूल नामा एवं आतंकियों को लगातार निर्देश देते पाकिस्तान से आतंकियों के मास्टर माईंड के सबूत | अमेरिकन एवं संयुक्त राष्ट्र के दबाब में जमात उद दावा के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया एवं संगठन के संस्थापक लखवी को उसके अपने घर में कुछ समय के लिए नजर बंद किया गया | डेविड हेडली की गिरफ्तारी के बाद पता चला हमले से पहले उसने रेकी की थी भारत में आतंक की घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों को ट्रेनिग भी पकिस्तान में दी गयी थी| लेकिन जाँच की गति धीमी ही रही हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी उलटा पाकिस्तान के नीति कार एवं उनका मीसिया भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है |
सत्ता जाने के बाद नवाज शरीफ के इस ब्यान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी उनके अनुसार 26 /11 के अटैक में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे उनके अनुसार पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं | पाकिस्तान की अंग्रेजी अखबार वहाँ के बुद्धिजीवियों में प्रसिद्ध है उसमें दिए गये एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा देश कैसे चल सकता है जब देश में दो या तीन सरकारे समानांतर चल रहीं हों| प्रजातांत्रिक व्यवस्था में सरकार सम्वैधानिक प्रक्रिया से चुनी गयी सरकार ही होनी चाहिए |देश में सक्रिय आतंकी संगठनों को क्या सीमा पार कर मुम्बई में लोगों की हत्या की इजाजत देनी चाहिए थी ? उन्होंने प्रश्न किया रावलपिंडी की आतंकरोधी अदालत में बम्बई हमले की प्रक्रिया अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई ? पूर्व प्रधान मंत्री के कबूल नामें ने पाकिस्तान के राजनीति क हलकों में हलचल मचा दी |इमरान खान क्रिकेटर से राजनेता बनें पाकिस्तानी सत्ता को पाने के लिए प्रयत्न शील रहे हैं उन्होंने नवाज पर निशाना साधते हुए कहा नवाज ने गलत ढंग से पैसा कमाया है पैसे को छिपाने तथा अपने बेटों की कम्पनियों को बचाने के लिए नवाज नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं | नवाज को अपने देश में लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा | सेना ने उनके ब्यान की निंदा करते हुए कहा उनका ब्यान गलतफहमी पैदा करने वाला है यही नहीं ब्यान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है नवाज के ब्यान से भारत के दावे को मजबूती मिलती है पाकिस्तान की जमीन पर आतंकियों के ट्रेनिग कैंप हैं उन्हें सीमा पार कर आतंकी हमलों के लिए तैयार किया जाता है अन्तराष्ट्रीय समुदाय पहले से ही पाकिस्तान को शक की नजर से देखता है |
पाकिस्तान में पहले अल्लाह , आर्मी और अमेरिका का दौर था लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान की सहायता से हाथ खींच लिये पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है उनके अनुसार परमाणु हथियारों से सम्पन्न पाकिस्तान विश्व के लिए खतरा बन रहा है वह आतंकवाद का भी पोषक है| अब पाकिस्तान की विदेश नीति में बदलाव साफ़ देखा जा सकता है उनका झुकाव चीन एवं रूस की तरफ बढ़ रहा है |चीन के नीतिकार नवाज शरीफ के बाद की स्थिति पर नजर रख रहे हैं उनका ग्वादर बन्दरगाह पर बहुत धन लगा है उन्होंने पैसा दीर्घकालीन लाभ के लिए लगाया है |
पाकिस्तान भारत विरोधी है चीन भारत की बढ़ती शक्ति पर रोक लगाना चाहता है इसीलिए पाकिस्तान को समर्थन दे कर भारत के विरुद्ध कूटनीतिक चालें चलता रहता हैं | जब से नवाज शरीफ प्रधान मंत्री बने थे वह पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं को रोकना चाहते थे लेकिन लगातार बार्डर से सेना के कवर में जेहादी भेजे जा रहे हैं हाफिज सईद का हौसला बढ़ रहा था पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं अब इस्लामिक स्टेट की विचारधारा भी सिर उठा रही है | नवाज शरीफ के समान कई बुद्धिजीवी पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद का विरोध कर रहे हैं वहाँ प्रश्न उठ रहे हैं भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ आजाद हुए थे लेकिन भारत ने तरक्की की पाकिस्तान आजतक अमरीकी एड की तरफ देखता है सेना सदैव सत्ता पर कब्जा करने के लिए तैयार रहती है जनता की चुनी सरकार केवल प्रजातंत्र व्यवस्था का मुखौटा है |अबकी बार आतंकी सईद भी अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारना चाहता है लाजमी है उनका घोषणा पत्र इस्लामी कानून लागू करना ,जेहाद , आतंकवाद को मान्यता देना भारत विरोध एवं कश्मीर पर कब्जा ही होगा |