मोदी जी अमेरिकन
राष्ट्रपति ट्रम्प को वोटरों से सीधा सम्पर्क साधने की कला सिखा गये
डॉ शोभा भारद्वाज
मोदी जी राष्ट्रपति ट्रम्प को श्रोताओं का दिल जीतने की कला सिखा गये उन्होंने श्रोताओं का झुक कर अभिवादन किया पूरा स्टेडियम चहक उठा हाउडी मोदी सम्बोधन का उत्तर भारत की विभिन्न भाषाओं में दिया ( भारत में )सब ठीक है सभी भारतीय भाषाओं को सम्मानित किया हमारे यहाँ विभिन्नता में एकता है ,सम्पर्क भाषा हिंदी है क्योंकि उनका भाषण हिंदी में था प्रवासी भारतीय समझ रहे थे |मोदी जी ने सिखाया जब जनता उनकी किसी बात पर तालियाँ बजाती थी वह अपनी बात को फिर से दोहराते थे श्रोता इतने मन्त्र मुग्ध थे उनके संकेतों पर खड़ें हो कर (स्टेंडिंग ओवेशन )सराहना कर रहे थे | भाषण में नाम न लेते हुए सब कुछ कहने की भरपूर क्षमता थी |मोदी जी की वाणी में जोश, स्वर में उतार चढ़ाव ,हास्य ,व्यंग एवं दुश्मन देश को खुली चेतावनी थी मोदी जी अपने धारा प्रवाह भाषण की समाप्ति पर राष्ट्रपति ट्रम्प के पास गये उन्होंने उनसे जनता के बीच जाकर स्टेडियम का चक्कर काटते हुए जनता का अभिवादन स्वीकार करने का आग्रह किया सिक्योरिटी की प्रवाह न करते हुए ट्रम्प मान गये ‘अमेरिका’ विश्व का सबसे पुराना प्रजातांत्रिक देश ,भारत सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश के जनता द्वारा बहुमत से चुने गये राजनेताओं ने एक दूसरे के कस कर हाथ पकड़े ही नहीं थे ऊंचे उठाये थे एक हाथ से जनता जनार्धन का अभिवादन कर रहे थे श्री ट्रम्प का चेहरा भावुक हो गया उनका चेहरा उनके भावों की तस्वीर बन गया उन्होंने नेता ही नहीं जननेता बनने की कला सीख ली |यही नहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने देखा उन्होंने रेडिकल इस्लामिक आतंक वाद की निंदा की समस्त स्टेडियम में उपस्थित जन समुदाय ने खड़े होकर उनका समर्थन किया प्रवासी भारतीय देश से दूर हैं लेकिन दिल से भारतीय हैं |मोदी जी ने कहा धारा 370 संसद के दोनों सदनों में लम्बी बहस के बाद दो तिहाई बहुमत से समाप्त की गयी जबकि राज्यसभा में उनकी सरकार का बहुमत नहीं था पार्टी लाइन से हट कर सांसदों ने धारा हटाने के पक्ष में वोटिंग की उपस्थित जन समुदाय ने खड़ें होकर सांसदों को सम्मानित किया |यह है कुशल नेतृत्व | पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान से वार्ता एवं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भी मोदी जी का असर श्री ट्रम्प पर साफ़ दिखाई दे रहा था यह है कुशल नेतृत्व | कूटनीति में उतार चढ़ाव चलते रहते हैं दोनों देशों के वार्ताकार अपने –अपने देश के हितों को सामने रखेंगे लेकिन इतने बड़े जनसमुदाय एवं भारतीय जनसमुदाय के सामने अपनी बात रखने का अवसर श्री ट्रम्प को पहली बार मिला |