श्री राम नाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति ,राष्ट्रपति पद गौरव का पद है
डॉ शोभा भारद्वाज
महामहिम राम नाथ कोविंद धरती से जुड़े दूसरे दलित नेता हैं वह 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की | अब महामहिम का निवास स्थल रायसीना हिल इसे राष्ट्रपति भवन कहते हैं होगा| पहले यहाँ ब्रिटिश वायसराय शान शौकत से रहते थे अत: 1950 तक इसे वायसराय हॉउस कहा जाता था| ब्रिटिश राज में वायसराय सर्वोपरी था । अंतिम गवर्नर जरनल माउंटबेटन के बाद भारत मूल के प्रथम गवर्नर जनरल सी गोपालाचार्या का कुछ समय तक राष्ट्रपति भवन निवास बना लेकिन उन्होंने वायसराय के शयन कक्ष की शान शौकत के बजाय अतिथि कक्ष में रहना पसंद किया |
भारतीय संविधान लागू होने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। वह गाँधीवादी विचार धारा को मानने वाले थे। उन्होंने दो बार राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया उन्हें सौ प्रतिशत से कुछ ही प्वाईंट वोट कम मिले थे| भारत में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है लेकिन ब्रिटिश साम्राज्ञी को इतनी शक्ति और अधिकार प्राप्त नहीं है जितने भारतीय संविधान में भारत के राष्ट्रपति को दिये गये हैं| वह भारत के प्रथम नागरिक, शासन के प्रमुख, कार्यपालिका अध्यक्ष और तीनों सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर हैं|
गणतन्त्र दिवस की परेड शुरू होने से पहले राष्ट्रगान, तोपों की राष्ट्रीय सलामी के बाद राष्ट्रपति अशोक चक्र और कीर्ति चक्र प्रदान करते हैं। यह क्षण बहुत भावुक होते हैं। अधिकतर यह सम्मान मरणोपरात शहीदों की अद्भुत शौर्य गाथा के साथ उनके परिजनों को प्रदान किये जाते हैं| जल, थल और वायु सेना की विभिन्न रेजिमेंट्स अपने बैंड के साथ परेड में भाग लेती हैं| मार्चिंग दस्ते अपने सुप्रीम कमांडर के सामने से गुजरते हैं वह उनकी सलामी लेते हैं| तोपें राष्ट्रपति की तरफ मुड़कर झुक जाती हैं ,हर भारत वासी का मन गर्व से भर जाता हैं | गणतन्त्र दिवस पर पहले परेड स्थल पर राष्ट्रपति घोड़ों की बग्गी में आते थे, उनके पीछे उनके अंगरक्षक चलते थे। अब सुरक्षा के लिहाज से वह विशेष अतिथि के साथ मर्सडीज में आते हैं, लेकिन उनके पीछे अंगरक्षकों का दस्ता चलता है| राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष है| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद से रिटायर्ड हो रहे हैं|
प्रणब दा इंदिरा गांधी के विश्वासपात्रों में से एक थे। इंदिरा जी के निधन के बाद उन्होंने कोलकता से दिल्ली के लिए उड़ान भरी लगा वह देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे, लेकिन इंदिरा के पुत्र राजीव गांधी अभी राजनीति में नये आये थे। उन्हें कांग्रेस ने बहुमत दल का नेता चुना और वही प्रधान मंत्री बने| प्रणब दा ने कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री , रक्षामंत्री और विदेश मंत्री का पद भार संभाला | राजीव गांधी जी से उनके सम्बन्ध अच्छे नहीं थे, परन्तु सोनिया गांधी को राजनीति में स्थापित करने में उनका भी योगदान रहा था। वह देश की सक्रिय राजनीति को और प्रभावित कर सकते थे लेकिन दल ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया| राष्ट्रपति का मतलब पांच वर्ष बाद रिटायर्ड होना है | प्रणब दा कांग्रेस से संबंधित थे, लेकिन अब वह सबके थे। सदैव निष्पक्ष रहकर राष्ट्रपति पद की गरिमा को उन्होंने बढ़ाया। कभी रबर स्टैम्प नहीं बने। देश के हित में समय–समय पर अपने सुझाव देते रहे। निसंकोच होकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सामने अपने विचार रखते रहे |प्रणब दा का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है|
राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवार थे। एनडीए ने रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया लेकिन विपक्ष के 18 दलों के गठ्बन्धन ने श्रीमती मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया | मीरा कुमार जगजीवन राम की पुत्री हैं, वह भी टक्कर की प्रत्याक्षी थीं।श्री कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष रहे। आल इंडिया कोली समाज के भी प्रेजिडेंट थे। उन्होंने काफी समय तक अपने दल के प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। 12 वर्ष तक राज्यसभा के मेम्बर रहे | उन्हें 8 अगस्त 2015 में प्रणब दा ने बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। उन्होंने 16 वर्ष तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की थी उनकी विशेषता विधि का ज्ञाता होना है। दोनों तरफ दलित वोट बैंक को प्रभावित करने की कवायद थी | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंतरात्मा की आवाज पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वोट देने की अपील की थी। उन्होंने चुनाव को विचारधारा पर लड़ा जाने वाला चुनाव कहा | कोविंद दलित वर्ग से हैं लेकिन पहले दलित उम्मीदवार नहीं हैं। राष्ट्रपति के पद को के आर नारायण ने सुशोभित किया था। वह संघर्ष से आगे बढ़े। गरीबी में लैंप पोस्ट के नीचे बैठकर पढ़ते थे। उन्होने वि ज्ञान और कानून में डाक्टरेट की उपाधि ली। वे चीन, तुर्की, थाईलैंड और यूएस में भारत के राजदूत रहे थे। जेएनयू के उपकुलपति पद को भी सम्भाला था |
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल राजस्थान की राज्यपाल थीं। वे नेहरू गाँधी परिवार के नजदीक थीं| अपने समय में वीवी गिरी राष्ट्रपति पद के स्वतंत्र उम्मीदवार थे। इंदिरा जी ने 1969 में कांग्रेस के उम्मीदवार के विरुद्ध अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील की थी | राष्ट्रपति महोदय संविधान के दायरे में रह कर संविधान का संरक्षण करते हैं | देखने में राष्ट्रपति पद शक्ति संपन्न नजर आता है, लेकिन वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री के हाथ में रहती है| लोकसभा में बहुमत दल के नेता को वह प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करते हैं। यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, तो राष्ट्रपति मिली-जुली सरकार बनाने में समर्थ नेता को आमंत्रित करते है, लेकिन इसके लिए समस्त सदस्यों की सहमति का पत्र आवश्यक है | उन्हीं के नाम पर मंत्री परिषद का गठन किया जाता है | राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 30 वर्ष तक किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। मिली-जुली सरकारों का निर्माण हुआ था |
पहले कई उम्मीदवार चुनाव के लिये पर्चा भरते थे। इनमें धरती पकड़ मुख्य थे। इनको रिकॉर्ड बनाने का शौक था। अब ऐसा नहीं है। उम्मीदवार को 15000 रुपये जमा करने होंगे। उम्मीदवारी के लिये पचास निर्वाचक हस्ताक्षर कर नाम प्रस्तुत करते हैं। पचास ही निर्वाचक समर्थन देते हैं। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए | राष्ट्रपति का चुनाव सीधे मतदाताओं द्वारा नहीं होता | चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य भाग लेते हैं लेकिन राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों, विधान परिषद के सदस्यों को मतदान में भाग लेने का विधान नहीं है | राष्ट्रपति देश का सही प्रतिनिधित्व करें, चुनाव की विशेष पद्धति है इसे एकल संक्रमणीय मतदान प्रणाली कहते हैं। राज्य की विधानसभा के विधायकों के वोट का मूल्य निकालने के लिए प्रदेश की कुल जनसंख्या को विधानसभा विधायकों की संख्या से भाग करते हैं | भाग देने पर जो संख्या आती है उसे 1000 से भाग करते हैं। यदि शेष 500 से ज्यादा है, संख्या में एक जोड़ दिया जाता है | सांसदों के वोट का मूल्य निकालने के लिए सभी राज्यों की विधान सभाओं के चुने विधायकों के जोड़ को लोकसभा और राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या के जोड़ से भाग किया जाता है | जो संख्या आती है, वह एक सांसद के वोट का मूल्य है। यदि भाग देने पर संख्या यदि 0.5 बचती है, ऐसे में वोट के मूल्य में एक जोड़ दिया जाता है|
प्रत्येक सांसद को वोट देते समय अपनी पहली, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद लिखनी पड़ती है, अर्थात जितने उम्मीदवार खड़े उतनी पसंद हैं | चुनाव सर्वाधिक वोट के आधार पर नहीं होता। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को 50+1 वोट मिलने चाहिए | श्री कोविंद को लगभग 66 प्रतिशत वोट मिले कई राज्यों में श्री कोविंद के पक्ष में क्रास वोटिंग हुई अब तक केवल राष्ट्रपति फखरुद्दीन अहमद के चुनाव में इच्छित बहुमत न होने पर प्रक्रिया को दोहराना पड़ा था | राष्ट्रपति कार्यपालिका अध्यक्ष हैं। उनके नाम पर उनकी सलाह से महत्वपूर्ण नियुक्तियां प्रधानमंत्री द्वारा की जाती हैं | हर विधेयक निश्चित प्रक्रिया से गुजरने के बाद अंत में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पास होते हैं | बजट लोकसभा में पेश किया जाता है। यहाँ बहस और संशोधनों के बाद पास होकर राज्यसभा में जाता है। राज्यसभा सुझाव दे सकती है, लेकिन उन सुझावों को सरकार माने या न माने उस पर निर्भर है। मगर अंतिम हस्ताक्षर राष्ट्रपति महोदय के होने के बाद ही बजट, बजट बन जाता है |
उन्हीं के हस्ताक्षर से देश में आपतकालीन स्थिति की घोषणा की जाती है । इंदिरा जी के समय में राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर से देश में आपतकालीन स्थिति की घोषणा हुई थी। फखरुद्दीन अहमद के बारे में कहा जाता था कि वे इंदिराजी के अनुरोध को ना नहीं कह सकते थे| आपतकालीन विशेषाधिकारों अधिकारों का उपभोग प्रधान मंत्री ,इंदिराजी ने किया था |
किसी भी सजायाफ्ता या मृत्युदंड पाये अपराधी की दया याचिका पर राष्ट्रपति चाहे फांसी दंड को आजीवन कारावास में या निश्चित कारावास में बदल दे। मृत्युदंड पर अंतिम फैसला राष्ट्रपति का है यदि राष्ट्रपति मृत्युदंड के विरुद्ध हैं, ऐसे में क्या अपराधी को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा या कारावास में बदल दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर राष्ट्रपति की मुहर जरूरी है| याकूब मेमन और कसाब को प्रणब दा के हस्ताक्षर से फांसी की सजा दी गयी, लेकिन मुम्बई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेमन के मृत्युदंड पर अंतिम समय तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई| प्रणब दा ने अपने कार्यकाल मे 97% दया याचिकायें ख़ारिज की। मृत्युदंड पर दया याचिकायें खारिज करने में वे संकोच नहीं करते थे, जबकि अब्दुल कलाम ने याचिकायें टाल दी थीं , प्रतिभा पाटिल ने 99% दया याजिकाओं पर स्वीकृति दी थी| अटैचमेंट क्षेत्र