क्रिकेटर इमरान खान प्रधान मंत्री के पद के करीब
डॉ शोभा भारद्वाज
25 जुलाई के आम चुनावों की गहमागहमी रही मतदाताओं नें नेशनल असेम्बली एवं राज्य विधान सभाओं के लिए मतदान किया चुनाव नतीजे स्पष्ट करते हैं इमरान खान की पार्टी तहरीके –ए इंसाफ पार्टी को नेशनल असेम्बली में बहुमत मिला लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं मिला ,अत : मिली जुली सरकार के प्रधान मंत्री क्रिकेटर इमरान खान ही बनेंगे | माना जा रहा है इमरान खान के पीछे सेना का वरद हस्त है उन्होंने चुनाव जीतने के लिए कट्टरपंथियों से भी समझौता किया 22 वर्ष से वह अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं | भारत की दृष्टि इन चुनावों पर रही हैं हाफिज सईद ने चुनाव में अल्लाह हो अकबर पार्टी के तले अपने उम्मीदवार उतारे भारत के विरोध में जोशीले भाषण दिए लेकिन उनका कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका आतंकियों नें चुनाव के माध्यम से नेशनल असेम्बली में पहुंचने की कोशिश की थी जनता की समझदारी है उन्होंने पाकिस्तान का हित पहले देखा | इससे पहले भी मौलाना धर्म के नाम पर चुनाव प्रचार के लिए आते रहे हैं लेकिन मतदाता ने कभी उनको महत्व नहीं दिया |
भारत ने पाकिस्तान से नजदीकियाँ बढ़ाने की सदैव कोशिश की है इमरान खान का क्रिकेट प्रेमियों में बहुत सम्मान है उनके दिल में भी अब तक भारत का ऐसा विरोध नहीं था लेकिन इमरान की चुनावी रैलियों में इस्तेमाल की गयी भाषा में भारत एवं नरेंद्र मोदी जी विरोध साफ़ दिखाई देता था |सत्ता पर कोई आसीन हो पाकिस्तान का पुराना राग भारत विरोध चलता रहेगा सेना एवं आईएसआई हावी रहेगी इसी में उनका हित है लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है सेना को सत्ता पर लोकतंत्र का मुखौटा चाहिए |आईएमएफ से लोन माँगा है चीन ने भी पाकिस्तान को हाल में दिया जाने वाला लोन रोका हुआ है|
अलग देश बनने के बाद से ही पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों की इच्छा रही है उनके देश में प्रजातांत्रिक व्यवस्था की स्थापना हो तरक्की के साथ भारत से अधिक मजबूत देश ही नहीं मुस्लिम जगत का नेता भी बने| भारत में संविधान सभा द्वारा संविधान की रचना करते समय हर पहलू पर गौर किया गया तर्क वितर्क के बाद संविधान का निर्माण हुआ |संविधान में परिवर्तन की प्रक्रिया भी जटिल है अत : सत्ता पर बैठे राजनीतिक दलों के लिए अपने हिसाब से संविधान की धाराओं को तोड़ना मरोड़ना आसान नहीं है | संविधान की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट हैं| पाकिस्तान ने भी भारत की तर्ज पर संविधान का निर्माण किया प्रधान मंत्री मुहम्मद अली की सरकार के अधिकारियों नें विपक्षी दलों के सहयोग एवं उनकी देखरेख में देश का संविधान तैयार किया गया 23 मार्च 1956 को पाकिस्तानी दिवस के दिन लागू किया गया | संविधान द्वारा संसदीय प्रणाली को स्वीकार किया यहाँ एकसदनीय व्यवस्थापिका है | पाकिस्तान नेशनल असेम्बली में बहुमत दल का नेता प्रधान मंत्री पद ग्रहण करेगा राष्ट्रपति महोदय कार्यपालिका अध्यक्ष हैं लेकिन समय-समय पर उनकी शक्ति घटती बढ़ती रही न्यायपालिका की स्वतन्त्रता का ध्यान रखा गया था लेकिन आर्मी डिक्टेटर उस पर अपना प्रभाव डालते रहते हैं | पकिस्तान में 18 वर्ष की उम्र के नागरिक को मतदान का अधिकार है, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए| हैरानी है “पाकिस्तान की सत्ता पर सेना कैसे हावी हो गयी? अंत में अपनी पकड़ इतनी मजबूत कर ली कोई भी जनता का चुना गया प्रधान मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका”|
अलग देश बना लेकिन पाकिस्तान अशांत क्यों रहा? जानने के लिए इतिहास में जाना चाहिए देश के पहले प्रधान मंत्री लियाकत अली खान थे यह अंग्रेजों के आधीन भारत में वित्तमंत्री भी रहे थे वह पहले प्रधान मंत्री थे, अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रूमैन के बुलावे पर अमेरिका गये लेकिन वह भारत के समान अमेरिकन या कम्यूनिस्ट ब्लॉग किसी से जुड़ना नहीं चाहते थे एवं गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाना चाहते थे | उनकी एक अफगान द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी| अमेरिकन विदेश नीति विशेषज्ञ पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति के महत्व को समझते थे अत : पाकिस्तान को अमेरिकन गुट में शामिल करने के इच्छुक थे पाकिस्तान में संविधान लागू करने के बाद इसकंदर मिर्जा को पहला राष्ट्रपति नियुक्त किया गया राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा ब्रिटेन के आदमी माने जाते थे उनके कार्यकाल में चार प्रधान मंत्री बदले गये उन्होंने यूएस के और समीप आने के लिए अमेरिका की यात्रा की | पाकिस्तानी मिलिट्री जनरल अयूब खान को अक्टूबर 1953, में यूएस द्वारा यात्रा का न्यौता आया यहीं से उनमें अमेरिकन गुट से बंधने की नीव एवं सत्ता पाने की चाह बढ़ गयी | अमेरिकन नीति निर्धारक जानते थे कम्यूनिज्म के खिलाफ पाकिस्तानी सिपाही अच्छे लड़ाका सिद्ध होंगे वह ब्रिटिश साम्राज्य के आधीन भारत की ट्रेंड आर्मी है जरूरत केवल अत्याधुनिक मारक हथियारों की है जिन्हें वह स्वयं विकसित नहीं कर सकते ,पाकिस्तान को उस समय के अत्याधुनिक हथियार एवं फाईटर प्लेन दिए गये पाकिस्तान इस समय सातवें आसमान पर था |इसकन्दर मिर्जा ने सेना प्रमुख अयूब खान को मुख्य सेना का शासक नियुक्त| 7 अक्टूबर पाकिस्तान में कूप हुआ इसकन्दर मिर्जा ने सेना की मदद से देश में मार्शल्ला लगा दिया राजनीतिक दलों पर बैन लगा जनता के मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गये |
अब तक जनरल अयूब खान की सत्ता पकड़ने की चाह बढ़ चुकी थी उन्होंने इसकन्दर मिर्जा को राष्ट्रपति पद से हटा कर सत्ता अपने हाथ में ले ली पाकिस्तानी जनता के लिए प्रजातंत्र की चाह धूमिल हो गयी |आज तक देश सेना के प्रभाव में है पाकिस्तानी सेना का सत्ता पर वर्चस्व हासिल करने की प्रवृति बढ़ती गयी वह शक्तिसम्पन्न एवं धनवान होती गयी आज उनके बड़े-बड़े फ़ार्म हाउस हैं विदेशों में डालर | भारत विरोधी हवा चलाए रखना उनके हित में हैं |1958 से 1969 तक आर्मी चीफ अयूब खान का सत्ता पर कब्जा रहा ,1969 में जनरल याहिया खान ने कुर्सी संभाली। उनके बाद से जियाउलहक और परवेज मुशर्रफ जैसे सेनाध्यक्षों के लिए तानाशाही का रास्ता साफ हो गया पाकिस्तान ने 71 वर्षों में 35 वर्ष सेना की तानाशाही झेली है 13 बार सरकारें बनीं 18 राजनेता 22 बार प्रधान मंत्री बने | 1973-1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने सत्ता संभाली वह अनुभवी राजनीतिज्ञ थे आर्मी चीफ अय्यूब खान के कार्य काल में विदेश मंत्री रहे लेकिन अय्यूब खान से मतभेद बढने के बाद उन्होंने 1969 में अपनी अलग पार्टी पीपीपी बनाई 1962 से 1971 तक वह पाकिस्तान के महत्वपूर्ण पदों पर रहे|
पाकिस्तान में चुनाव हुए पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर्रहमान की आवामी लीग पार्टी को बहुमत मिला था लेकिन जुल्फिकार अली भुट्टो सत्ता को किसी भी तरह से हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे अत: :मुजीबुर्रहमान पूर्वी पाकिस्तानी नेता को जेल में डाल दिया यहीं से बंगला देश की नीव पड़ी पाकिस्तान के राष्ट्रपति यहिया खान के आदेश से आर्मी जनरल टिक्का खान ने ऐसा दमन चक्र चलाया मानवता कराह उठी |बंगला देश निर्माण के बाद सेना का राज खत्म हुआ श्री भुट्टो देश के राष्ट्रपति बने 1973 में पाकिस्तानी कानून के तहत देश एक संसदीय गणतंत्र बना भुट्टो प्रधानमंत्री चुने गये उन्होंने ही पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई वह कहते थे 1000 वर्ष तक घास की रोटी खायेंगे लेकिन एटम बम जरूर बनायेंगे |लेकिन 1977 में जनरल जियाउल हक ने तख्ता पलट कर स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया उनके प्रभाव से सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय द्वारा उन्हें 51 वर्ष की अवस्था में फांसी की सजा दी गयी एक राजनीतिज्ञ अलविदा हो गया |
सत्ता पर जनरल जियाउलहक का कब्जा रहा उन्होंने पाकिस्तान को मरहूम भुट्टो की तर्ज पर एटमी ताकत बनाया |जिया ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए धीरे-धीरे इस्लामी कानून का सहारा लिया उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका के स्थान पर प्रोक्सी वार लड़ी अमेरिका द्वारा आधुनिक हथियारों की खेप पाकिस्तान को दी गयी लेकिन साथ ही मुजाहिदीनों के जेहादी और अल कायदा जैसे गुट देश में पैर जमाने लगे| अफगानिस्तान से रूसी सेनायें तो चली गयीं लेकिन यह जेहादी पाकिस्तान के लिए सिर दर्द बन गये पाकिस्तान नें उनका लाभ उठाने के लिए उनका रुख कश्मीर में जेहाद के लिए मोड़ दिया| जिया की भी प्लेन दुर्घटना में मृत्यू हो गयी| 1986 में श्री भुट्टो की बेटी बेनजीर ने ब्रिटेन से लौटकर पीपीपी का नेतृत्व किया पाकिस्तान में आम चुनाव हुए भारी मतों से बेनजीर ने जीत हांसिल कर सत्ता संभाली। बेनजीर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं लेकिन उनकी सरकार 20 माह ही चल सकी उन्हें 1990 में राष्ट्रपति गुलाम इशहाक खान ने उन्हें बेदखल कर दिया अबकी बार नवाज शरीफ पाकिस्तान के 12वें प्रधान मंत्री बने 1993 तक सरकार में रहने के बाद इशहाक खान द्वारा उनकी सरकार भी गिरा दी। 1993 में बेनजीर एक बार फिर पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी लेकिन वर्ष 1996 में भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें अपने पद से दोबारा हाथ धोना पड़ा। हालांकि बाद में भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें निर्दोष पाया गया।वह अपने वतन लौटीं 27 दिसम्बर 2007 के दिन चुनाव रैली में आतंकियों की गोली का शिकार हुई |
नवाज शरीफ पाकिस्तान के लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहे हैं उनकी पार्टी पीएमएल-एन को पंजाब में बहुमत मिलता रहा था वह तीन बार पाकिस्तान के प्रधान मंत्री रहे 1997 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नवाज अधिक दिन तक शासन नहीं कर सके| नवाज ने मुशर्रफ को आर्मी चीफ नियुक्त किया था आर्मी चीफ मुशर्रफ की महत्वकांक्षा देख का उनकी ताकत को कम करने की कोशिश की लेकिन 1999 में करगिल युद्ध में शिकस्त के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ ने शरीफ सरकार का तख्ता पलट किया। मुशर्रफ ने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया। वो आर्मी चीफ पद पर भी बने रहे। 2002 में हुए जनमत संग्रह में मुशर्रफ राष्ट्रपति चुने गए। जनमत संग्रह का राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया था नवाज शरीफ को देश निकाला मिला
2013 के आम चुनाव में शरीफ फिर प्रधान मंत्री बने उनकी बड़ी उपलब्धी सैनिक अभियान द्वारा उत्तरी वजीरिस्तान एवं दक्षिणी वजीरिस्तान में आतंकियों का सफाया करना था लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहरा दिया। जुलाई 2017 में शरीफ को पद छोड़ना पड़ा। यही नहीं ठीक चुनावों से पहले उन्हें पाकिस्तान हाई कोर्ट ने 10 वर्ष की कैद और उनकी बेटी जिसे वह अपना जा नशींन घोषित करना चाहते थे 7 वर्ष की कैद की सजा सुनाई लेकिन शरीफ अपने वतन लोटे उन्हें गिरफ्तार किया गया |
पाकिस्तान में 577 विधान सभा सीटों के लिए 8396 प्रत्याक्षी मैदान में थे| नेशनल असेम्बली की 272 सीटों पर चुनाव होना था अत : 3459 उम्मीदवार मैदान में उतरे पकिस्तान में 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए, 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं 171 महिलाएं किस्मत अजमा रही थीं कुल 137 सीटों पर सरकार बननी है | 3,70 ,000 आर्मी वालों की ड्यूटी लगी है मतदाताओं की संख्या दस करोड़ 596 मतदाता हैं |मतदान की तैयारी पूरी करने पर एक इंग्लिश चैनल में उत्साहित अधिकारी इमरान शेख ने बताया 1000 कफनों की तैयारी भी कर ली है अजीब लगा |चुनावी ड्यूटी पर लगाई गयी सेना को मैजिस्ट्रेट की शक्ति दी | चुनाव प्रचार दिलचस्प था आम आदमी पाकिस्तान पार्टी से चुनाव लड़ रहे अयाज का मुख्य चुनावी मुद्दा सफाई था वह कभी सीवर में घुसकर, कभी सीवर के बहते पानी में लेटकर, कभी कूड़े के ढेर के बीच बैठकर जनता से वोट मांगे |