शंघाई सहयोग संगठन 2019
डॉ शोभा भारद्वाज
श्री नरेंद्र मोदी दुबारा भारत के प्रधान
मंत्री बनने के बाद शंघाई सहयोग संगठन की दो दिन चलने वाली समिट में हिस्सा
लेने के लिए किर्गिस्तान के बिश्केक गये यहाँ मोदी जी ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष
जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता कर उन्हें भारत दौरे के लिए आमंत्रित किया श्री जिनपिंग चाहते थे भारत पाकिस्तान वार्ता
द्वारा आपसी सम्बन्ध सुधारें मोदी जी ने भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया भारत ने
पाकिस्तान से अपने सम्बन्ध सुधारने की कोशिश की थी लेकिन जब तक पाकिस्तान समर्थित
आतंकवाद पर रोक नहीं लगती तब तक वार्ता का कोई लाभ नहीं हैं
मोदी जी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से गले
मिले श्री पूतिन ने उन्हें ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम में मुख्य अतिथि के तौर पर
आमंत्रित किया मोदी जी ने उनका निमन्त्रण स्वीकार कर लिया
उन्होंने उत्तर प्रदेश के शहर अमेठी में राईफल
निर्माण में रूस के सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया | वह ईरान के राष्ट्रपति
श्री हसन रूहानी से भी मिले लेकिन उन्होंने पाकिस्तानी प्रधान मंत्री से दूरी
बनाये रखी उन्होंने स्पष्ट कहा था आतंकवाद और वार्ता साथ नही चल सकती अपने आठ मिनट
के भाषण में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर सबसे अधिक जोर आतंकवाद पर दिया उन्होंने
कहा अपने हाल के श्रीलंका दौरे में उन्होंने ईस्टर के दिन प्रार्थना करते
क्रिश्चियन समाज पर हुए आतंकी हमले के बाद के खतरनाक हालात को देखा है |आतंकवाद
विश्व के लिए खतरा है इसका विरोध सभी राष्ट्रों को मिल कर करना चाहिए आतंकवाद के
खिलाफ सभी एक जुट हों यदि आतंकवाद से लड़ना है उसे
प्रोत्साहित करने वाले एवं आर्थिक मदद
देने वालों के खिलाफ एक जुट होना चाहिए भारत चाहता है आतंक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय
सम्मेलन हो एससीओ देशों को आतंकवाद के सफाए के लिए एक साथ आना चाहिए मोदी जी का भाषण
चल रहा था उसको सुनने के बजाय क्रिकेटर से प्रधान मंत्री इमरान खान लिखित भाषण को
जिसे उन्होंने सम्मेलन में देना था दोहरा रहे थे| मोदी जी ने कहा अफगानिस्तान
में शान्ति बहाली का प्रयत्न करना चाहिए उन्होने भारत
में दे टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिश भी की |पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान
खान ने अपने भाषण के दौरान जम्मू कश्मीर के मुद्दे का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र
किया स्वयं को भी आतंकवाद से पीड़ित बताया |
कजाकिस्तान
की राजधानी असताना में 9 जून 2017 को मध्य एशिया के क्षेत्रीय संगठन की मीटिंग में भारत और पाकिस्तान
को भी सदस्यता प्रदान की गयी थी पहली बार दक्षिण एशिया के दो देशों को सम्मलित
किया गया |शंघाई सहयोग संगठन का 18वां सम्मेलन पूर्वी चीन के तटीय
शहर किंगडाओ में 9-10 जून को हुआ जिसमें नरेंद्र मोदी जी ने भाग लिया
एससीओ का इतिहास –( शंघाई फाईव)
अप्रैल 1996 में शंघाई में आपसी सहयोग
बढ़ाने एवं धार्मिक और नस्लीय विवाद मिटाने के लिए मीटिंग हुई थी इसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान , किर्गिस्तान और तजाकिस्तान पांच देशों ने हिस्सा लिया था | 2001 में रूस ,चीन,किर्गिस्तान ,कजाकिस्तान ,तजाकिस्तान ,और उजबेगिस्तान अर्थात
मध्य एशिया के राष्ट्रपतियों ने शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना
की |एससीओ के सम्बन्ध संयुक्त राष्ट्र संघ से ही नहीं योरोपियन संघ , आसियान ,कामनवेल्थ और इस्लामिक
सहयोग संगठनों से भी हैं | संगठन का प्रमुख उद्देश्य
मध्य एशिया की सुरक्षा का ध्यान रखना है | एससीओ को अमेरिकन प्रभाव
वाले नाटो के ही समान मध्य एशिया का संगठन बनाने की कोशिश की गयी हैं | संगठन में शामिल देशों के पास तेल एवं प्राकृतिक गैस
के
भंडार
थे
भारत के हित में इससे मध्य-एशिया में प्रमुख गैस एवं तेल अन्वेषण परियोजनाओं
तक व्यापक पहुंच मिलेगी | इसके अलावा, यह संगठन जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा और विकास की समस्याओं को लेकर यह संगठन
भारत के लिए मददगार साबित हो सकता है इसके अलावा आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी तथा साइबर सुरक्षा के खतरों आदि पर महत्वपूर्ण
जानकारी साझा करके आतंकवाद विरोधी और सैन्य अभ्यास में संयुक्त भूमिका निभाना भी
इसके उद्देश्यों में शामिल था. इस समय यह संगठन विश्व की 40 प्रतिशत आबादी और जीडीपी के करीब 20 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाला बन गया है.
भारत ईरान और
पाकिस्तान संगठन की सदस्यता के इच्छुक रहे हैं अत: 2005 में
अस्ताना में हुये सम्मेलन में इन्हें पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया था | जून 2010 में
एससीओ के सम्मेलन में सदस्यता का दायरा बढ़ाने का एक साथ निर्णय लिया गया| पर्यवेक्षक देशों को भी सदस्यता प्रदान
की जाये| भारत एससीओ की
सदस्यता का सदैव इच्छुक रहा है | जिससे वह बढ़ते
आतंकवाद को मिटाने में महत्वपूर्ण रोल निभा सके |चीन
पाकिस्तान को भी भारत के समान सदस्यता प्रदान करने का समर्थक रहा है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
सरकार बनने के बाद 2014 के
सितंबर में भारत ने SCO की
सदस्यता के लिए आवेदन किया. 2015 में रूस के उफ़ा में भारत को शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य का
दर्जा मिलने का ऐलान हुआ. भारत के साथ पाकिस्तान भी इस संगठन का सदस्य बना. कजाकिस्तान के
राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने भारत और पाकिस्तान की सदस्यता का समर्थन किया
था उनके अनुसार नये सदस्यों को शामिल करने से संगठन का विकास होगा अंतर्राष्ट्रिय
स्तर पर मजबूती मिलेगी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारत और
पाकिस्तान की सदस्यता मंजूर करने की घोषणा की थी.
श्री
पूतिन ईरान और अफगानिस्तान को भी सदस्य बनाने के समर्थक हैं लेकिन कई देश ईरान की
सदस्यता का विरोध कर रहे हैं अफगानिस्तान को भी सदस्यता देने के समर्थक देशों और
श्री पूतिन का तर्क है अफगानिस्तान में शान्ति स्थापना में आसानी रहेगी | अफगानिस्तान संगठन में पर्यवेक्षक है
अफगानी राष्ट्रपति अफगानिस्तान से होने वाली ड्रग तस्करी पर रोक लगाना चाहते हैं
और आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए रणनीति बना कर एससीओ का समर्थन चाहते हैं अपने
देश में शान्ति की बहाली चाहते हैं |
संगठन
के सभी सदस्य मिल कर चलते हैं हर निर्णय में सभी सहभागी हैं | भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
विश्व के हर राजनीतिक मंच पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद विश्व का ध्यान खींचते रहे
हैं | उन्होंने कहा
आतंकवाद के खतरे से निपटा जाए लेकिन किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय
अखंडता के सम्मान का ध्यान रखा जाये| मोदी जी ने रूस दौरे
में राष्ट्रपति पूतिन से भी यही कहा था राष्ट्रों के सम्बन्धों में सम्प्रभुता
प्रमुख है |
उन्होंने
कहा सभी राष्ट्र कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में प्रयत्न करें जिससे व्यापार और निवेश
की सम्भावना बढ़ेगी कई ऐसे क्षेत्र हैं जैसे उर्जा, शिक्षा, कृषि, रक्षा, खनिज और विकास,मिल कर बढ़ाया जाये | एससीओ के मंच से सदस्य देशों को जलवायु
परिवर्तन से निपटने का सभी सदस्य राष्ट्र प्रयत्न करें | विशेषकर चीन के राष्ट्रपति और
पाकिस्तानी प्रधान मंत्री को कहा आपसी सहयोग से सम्प्रभुता और क्षेत्रीय
अखंडता की रक्षा होनी चाहिये आतंकवाद मानवता का शत्रू ही नहीं राष्ट्रों की सीमाओं
को लांघ रहा है | कट्टर पंथी विचार
धारा वाले संगठन आतंकवाद के लिए नौजवानों को आकर्षित कर उनको ट्रेनिग कैम्पों में
प्रशिक्षित कर दूसरे देशों में आतंक फैलाते हैं इसके लिए आर्थिक मदद करते
हैं | अंत में मोदी जी ने
भारत की सदस्यता के समर्थन के लिए एससीओ के सभी देशों का आभार व्यक्त करते हुये
कहा एससीओ में भारत की सदस्यता ,सदस्य देशों के बीच
सहयोग को निश्चित ही नई उंचाइयों पर ले जाएगी। एससीओ आज एक ऐतिहासिक मोड़ है और
भारत इस समूह में सक्रिय एवं सकारात्मक भागीदारी के लिए तैयार है।
2017
मोदी का भाषण चल रहा था पूरे समय नवाज शरीफ की दृष्टि नीचे थी वह जानते थे मोदी
उन्ही को सम्बोधित कर रहे थे| चीन के राष्ट्रपति
नवाज से खिन्न थे क्योंकि बलूचिस्तान में दो चीनियों की हत्या की गयी थी लेकिन
इसका अर्थ यह नहीं था चीन भारत के नजदीक आ रहा है |कुछ
सप्ताह पूर्व भारत ने बीजिंग में आयोजित बेल्ट एंड रोड फॉर्म का बहिष्कार किया था
क्योकि जिस गलियारे के लिए सम्मेलन आयोजित किया था इसमें दुनिया के 29 देशों नें हिस्सा लिया था यह सड़क
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है |यही नहीं चीन से मदद
या कर्ज लेने वाले देश भविष्य में कहीं चीन के उपनिवेश ही न बन जायें| नवाज के बोलने से पहले उनके साथ आये
सैन्य अधिकारी ने उनके कान में कुछ कहा भंगिमा से ऐसा लगा जैसे नवाज कुछ असहज हुए
हें लेकिन सहमत हो गये नवाज शरीफ ने भी मोदी के समान लगभग यही कहा संगठन की पहल
पाकिस्तान की सुरक्षा में सुधार करने में मददगार साबित होगी जबकि नवाज नाम मात्र
के प्रधान मंत्री हैं सारी शक्ति सेना के पास है | श्री
पूतिन ने आतंकवादी खतरों की ओर इशारा करते हुए सबको आगाह किया इस्लामिक
स्टेट संगठन की नजर मध्य एशियाई देशों तथा दक्षिणी रूस में घुसपैठ करने की है।
अस्ताना
के अंतिम घोषणापत्र के अलावा, सभी सदस्य देशों ने 10 अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिसका एजेंडा कट्टरवाद से निपटने के लिए
एक सम्मेलन बुलाया जाये जिसमें अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त
लड़ाई के लिए एक घोषणा पत्र शामिल किया अबकी बार 2018 में
एससीओ की मेजबानी चीन करेगा|
भारत के लिए SCO का महत्व
SCO का उद्देश्य आतंकवाद का खात्मा भी है क्षेत्र
में सुरक्षा एवं रक्षा से जुड़े विषयों पर अपनी बात रखने में आसानी होगी 13 एवं 14 जून 2019 एससीओ के सम्मेलन में भारत की कूटनीतिक विजय
हुई |
न्यूज नेशन चैनल द्वारा आयोजित सम्मेलन
में मोदी सरकार की गृह नीति एवं विदेश नीति पर प्रकाश डाला गया एससीओ अम्मेलं में
मोदी जी की यात्रा में उन्होंने आतंकवाद एवं आतंकवाद का समर्थन करने वाले
राष्ट्रों पर अपने विचार रख कर पाकिस्तान को घेरने का प्रयत्न किया|