कभी जब मैं सोचती हूं
अकेले बैठे विचार में पड़ती हूं
दीन दुनिया की खबर जब लेनी है
तो दुनिया के बारे में ख्याल आही जाता है।
कितनी विविध रंगी कितने रहस्यों से भरी यह तिलिस्मी दुनिया है।
जिसको भगवान ने रचा है ।
कितने रहस्य है भरे हुए,
तरह तरह के जानवर तरह तरह के इंसान तरह-तरह के रहस्य तरह-तरह के जादू से भरी है दुनिया
जादुई दुनिया तो कहलाएगी।
जिसका जादूगर एक है ऊपरवाला। और दूसरे सारे हैं उसके खिलाड़ी ।
जो जादू वो दिखाता है। लोग वही जादू देखते हैं।
और उन्हीं में खो जाते हैं ।
पर पता नहीं कब वह अपना जादू समेट लेता है ।
जो इंसान जानवर जो भी है दुनिया से दूर चला जाता है।
दूसरी दुनिया में चला जाता है। जिसकी खाली कल्पना ही है कि वहां क्या है क्या नहीं।
मगर हो सकता है वहां और भी बड़ा जादू हो और भी बड़ी जादूई दूनिया हो।
स्वरचित कविता 23 सितंबर 21