Meaning of तीव्र वेदना in Hindi
Meaning of तीव्र वेदना in English
English usage of तीव्र वेदना
Synonyms of ‘तीव्र वेदना’
Antonyms of ‘तीव्र वेदना’
Articles Related to ‘तीव्र वेदना’
- कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ
- सिलसिला
- "विरह"
- शोक की लहर,,,,,
- काश! मैं पाषाण होता
- विदाई
- तुम मिले कोहिनूर से
- तुम्हारा रूठना
- शब्द सामर्थ्य बढ़ाईए-4
- प्रेम वेदना
- सुन ! ओ वेदना-- कविता --
- अपराजिता
- मौनराग
- लिखती हूँ दर्द
- विरह वेदना
- मातृभूमि
- हम दु:खी क्यों है ?
- हालात ए दिल
- "बिम्ब सा !" 'कविता'
- प्रेम और घृणा
- एक कविता रमा चक्रवर्ती भाभी जी की .... माँ.
- गीत
- बस्ती के जंगल से जब तू गुजरेगा
- कविता
- दर्द भरी पुकार
- गीत
- *_मस्तिष्क स्वस्थ और तेज बनेगा स्मरणशक्ति भी तीव्र होगी करें ऐसे कुछ ये उपाय_*
- उस पार का जीवन
- अधिकार
- असहाय वेदना
- एहसास है मुझे
- 3- हमारी मातृभाषा हिंदी (पूनम अग्रवाल )
- बिछड़न
- वेदना पुरुष की
- महिला और तेजी से बदलता समाज
- कवि , उसकी कविता और तुम !
- शाश्वत थकन - दिनेश डाक्टर
- अर्जुन के तीर :-- आचार्य अर्जुन तिवारी
- बलदेव पाण्डेय जी की कविता
- विचलित धरा
- कोठे वाली के एहसास
- राज(नीति)!आंदोलन से उपवास तक!
- मस्तिष्क स्वस्थ और तेज बनेगा स्मरणशक्ति भी तीव्र होगी करें ऐसे कुछ ये उपाय
- लाज बचा ले मेरे वीर .............
- बलात्कार
- “मुक्तक”
- 'कविता' का जीवन..
- आओ सीखें शब्द (70)
- तुम्हें बनना होगा कैकेयी (भाग-1 प्रथम)
- तुम नहीं हो
- गुमनाम ज़िंदगी
- प्रेमपथ पर है धुआं सा !
- जीवन की धग-धग जलती मरुधरा
- माँ
- धरा कुपित
- श्रीे मदन मोहन मालवीय जी का दलित प्रेम ।
- तुम क्या जानो, पुरुष जो ठहरे!
- जानूँ मैं
- माँ
- कविता क्या है?
- 5G तकनीक:लाभ और प्रभाव
- वेदना
- तुम साथ दो न दो ,
अश्रु मेरे साथ हैं ।
वेदना से जब कभी,
व्यथित हुआ हृदय मेरा,
अस्तित्व ही बिखरने लगा,
आरोपों के प्रहार से,
लेकर ये अपनी शरण में,
समेटते मुझे हर बार हैं।
तुम साथ दो न दो,
अश्रु मेरे साथ हैं ।
जब कभी पथ खो गया,
गहन अंधकार में,
और मैं भटक गया
निराशा के संसार में,
आशाओं को फिर जगाकर,
देते दिलासा हर बार हैं ।
तुम साथ दो न दो,
अश्रु मेरे साथ हैं ।
स्मृतियों में डूबकर,
विरह में जब मन जला,
छोड़ दूँ संसार को क्या?
प्रश्न ने, मन को छला,
तब हृदय की अग्नि बुझाते,
देते शीतलता अपार हैं।
तुम साथ दो न दो,
अश्रु मेरे साथ हैं ।
दर्द में हँसी में
दुख में खुशी में
जीत में हार में
धूप में छाव में
थाम कर हाथ मेरा,
लगाते मुझे उस पार हैं।
तुम साथ दो न दो ,
अश्रु मेरे साथ हैं ।
- ''भेदभाव बढ़ चला है आपसी''
- हे प्रभु तुम्हारी मांग है
- "विमोहा छंद मुक्तक"
- वेदना के स्वर
- दस्तक
- वेदना की कसौटी ✍️
- सोलन की गुफा में रहने वालेे चंबाघाट व जटोली वाले बाबा
- औरत का मजाक
- जुगनू की चमक क्या होती है तुम क्या जानो
- अखरोट
- आह
- जीवन तुम अह्लादित होकर
- बच्चों की किलकारियाँ
- मधुशाला( पूर्णता प्रेम की)
- "दोहा मुक्तक"
- “कुंडलिया”
- "दोहा मुक्तक"
- रिश्तों की दुनिया
- जीवन
- डिजिटलीकरण
- विरह व्यथा
- धरा से प्यार
- दीपक की तरह बनिए
- हाल ऐ दिल
- प्रियतम का इंतज़ार
- आँगन में चारपाई
- असंभव कविता
- संत कबीर और दलित-विमर्श (संत कबीर दास जयंती पर विशेष )
- अपना गम छुपाना होगा
- लहर है अति तीव्र भावनाओं की......
- विश्व को विनाश से बचाने का एकमात्र उपाय
- लघुकथा-एक
- लेख-- खेल के मैदानों से दूर होता बचपन
- 7. मन जब कभी करे विद्रोह
- जब इठलाती बरखा रानी आई !!
- मूड के गुलाम हम
- मन के गुलाम
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें