प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण
जी हां मित्रों प्रभु भोज भी एक बड़ा गंभीर विषय है जिसको आज बड़े हल्के में लोग लेते हैं और बड़े हल्के में लोग प्रभु भोज को ले भी रहे हैं लेकिन उसकी गंभीरता को उसकी चेतावनी को नहीं जानते कि प्रभु
जब पांचाली की मृत्यु हो गई, तो युधिष्ठिर ने पांडवों को जवाब क्यों दिया कि वह अन्य पांडवों की तुलना में अर्जुन से अधिक प्रेम करती है? मैंने सुना है कि द्रौपदी सभी पांडवों को समान रूप से प्यार करती थी।
पौराणिक कथा के अनुसार रावण एक ऐसा महाज्ञानी था जिसने 9 ग्रहों को अपने वश में कर लिया था और जब भगवान राम ने लंका जाने के लिए पुल बनाने की सोची, तो उन्हें रामेश्वरम में सबसे पूजा करानी थी। चूंकी उस समय
अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित हो
कहते हैं कि भगवान शिव के कई पुत्र थे, जैसे गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, भौम आदि। उन्हीं में से एक अयप्पा स्वामी भी थे। अयप्पा स्वामी के जन्म की कथा बड़ी ही रोचक है। केरल के सबरीमाला में भगवान
हरि अनंत हरि कथा अनंता। रंगनाथ रामायण में एक सर्वथा नई कथा मिलती है जिसके अनुसार शूर्पणखा को एक पुत्र था जिसका नाम जंबुमाली था। कथा के अनुसार जब रावण ने अपने बहनोई विद्युज्जिह्व का वध कर दिया, उस समय
तुम कलयुग की 'राधा' हो, तुम पूज्य न हो पाओगी, कितना भी आलौकिक और नैतिक प्रेम हो तुम्हारा, तुम दैहिक पैमाने पर नाप दी जाओगी, तुम मित्र ढूँढोगी...वे प्रेमी बनना चाहेंगे... तुम आत्मा सौंप द
समर्पण: - एक बार नारद जी ने द्वारकाधीश से पूछा- "प्रभु! क्या कारण है की सर्वत्र संसार में राधे-राधे हो रहा है। आपकी महापटरानी 'रुकमणी' और अन्य रानियों को तो ब्रज तक में कोई याद नहीं करता।" कृष
तुलसी जी , पौधा नहीं जीवन का अंग है 1. तुलसी जी को नाखूनों से कभी नहीं तोडना चाहिए,। 2.सांयकाल के बाद तुलसी जी को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए । 3. रविवार को तुलसी पत्र नहीं तोड़ने चाहिए ।
आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पहले यही कोई ले
भारत में प्राचीन काल से दीपावली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में गर्मी की फसल के बाद के एक त्योहार के रूप में दर्शाया गया। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दीपावली का उल्लेख मिलता ह
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात (हे भगवान!) मुझे अन्धका
पौराणिक मान्यता है कि विजयदशमी की तिथि को भगवान श्रीराम ने अत्याचारी रावण का वध किया तो संसार को एक पापात्मा से मुक्ति मिली। लेकिन भगवान श्रीराम के ऊपर ब्रहम हत्या का पाप भी लग गया क्योंकि
श्रद्धेय रामानंद सागर कृत रामायण को असाधारण लोकप्रियता देखकर यह सोचता हूँ कि आखिर उनकी रामायण में ऐसा क्या है जो लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है!!! 80 के दशक के उत्तरार्ध में कर्फ्यू जैसे
रावण अत्यंत विनम्रतापूर्वक मारीचि को झुक कर प्रणाम करता है और मारीचि का माथा ठनक जाता है | रावण बोला मामा मारीचि चलिये स्वर्ण मृग बनना है आपको और राम को छल से भटका कर दूर ले जाना है । रावण जैसे म
वृंदावन का एक साधू अयोध्या की गलियों में राधे कृष्ण - राधे कृष्ण जप रहा था । अयोध्या का एक साधू वहां से गुजरा तो राधे कृष्ण राधे कृष्ण सुनकर उस साधू को बोला - अरे जपना ही है तो सीता राम जपो, क्या उस
🕉️!!श्री गुरवे नमः!!🕉️मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏मैं अपने भजन गायन मंडली के साथआपके समक्ष उपस्थित हूँ🙏🙏भजन सरोवर में गोता लगाने के लिएआपका हार्दिक स्वागत है💐💐🙏🙏🕉️हे वीणा
🕉️!!श्री गुरवे नमः!!!!ॐ नमो नारायणाय!!!!ॐ नमो भगवते वासुदेवाय!!🕉️मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !बारम्बार नमन आपको🙏🙏मैं अपने भजन गायन मंडली के साथआपके समक्ष उपस्थित हूँ🙏🙏भजन सरोवर में गोता लगा
जब प्रकृति हरी-भरी चुनरी ओढ़े द्वार खड़ी हो, वृक्षों, लताओं, वल्लरियों, पुष्पों एवं मंजरियों की आभा दीप्त हो रही हो, शीतल मंद सुगन्धित बयार बह रही हो, गली-मोहल्ले और चौराहे माँ की जय-जयकारों के