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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023

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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,तब उसे बहुत डर लगा।ऋचा ने उस आत्मा से लड़ने के लिए , अपना मन बना लिया। इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता मांगती है क्योंकि वो लोग पहले उनके घर के ,बराबर में ही ,किराये पर रहते थे। श्रीमति दीक्षित ऋचा को बताती हैं -एक बार श्रीमति चौबे जी के पति की तबियत बिगड़ गयी ,तब एक नर्स को उनकी सेवा के लिए लगाया गया। उसके साथ ,उसकी एक छोटी बच्ची भी थी।

उस नर्स ने उन्हें  बताया -उसका पति उसे मारता -पीटता है और वो बड़ी परेशानी से अपना और अपनी बेटी का भरण -पोषण करती है। उस बेचारी नर्स को चौबे परिवार ,काम देने के साथ -साथ अपने घर में भी रख लेता है ताकि उसकी सेवा के साथ -साथ ,उस बेचारी की भी मदद हो जाये। इस तरह उसने उनकी सेवा और प्यार भरे व्यवहार से उन दोनों पति- पत्नी का दिल जीत लिया  । उनके सामने, दुखियारी और" बेचारी "बनकर रही , जिस कारण उन दोनों ने उसे अपने घर में रहने की इजाज़त दे दी । 







छह माह तक तो सब ठीक रहा ,उसके पश्चात ,एक दिन अचानक वो एक लड़की लाती है ,उसके पश्चात एक लड़का भी आता है। तब तो वो उन्हें कभी अपना दोस्त ,कभी रिश्तेदार बताकर, अपने घर के अंदर बुला लेती , किन्तु चौबे परिवार के' बुजुर्ग दम्पत्ति 'की नजरों से कुछ छिप नहीं पाया। जब चौबे जी थोड़े ठीक होने लगे तब उन्होंने नितिका को सख्ताई से मना कर दिया -यदि यहां रहना है तो ठीक से रहो ,बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां दिखना नहीं चाहिए। उनके कहने पर उसने 'हाँ 'में सर हिलाया। कुछ दिन पश्चात एक व्यक्ति आया और उससे बहुत झगड़ा हुआ। हम लोगों को पता चला वो उसका पति था। अब आगे -



ऋचा बोली - उसका पति क्यों लड़ रहा था और उसने उस झगड़े की क्या वजह बताई ?



श्रीमती दीक्षित बोलीं -वही तो बता रही हूँ ,उस नर्स ने उससे प्रेम विवाह किया था । ये उसका प्रेम भी नहीं था वरन वो तो ,उसके गांव से निकलने का माध्यम था। नितिका ने उससे प्रेम का नाटक किया ताकि वो अपने गाँव से बाहर आये और शहर में ,अपनी मनमर्ज़ी से रह सके ,जो सपने उसने देखे हैं ,उन्हें जी सके। उसका सपना था -'बहुत सारा पैसा कमाना'। जब वो लोग , गाँव से भागकर आये तब रहने ,खाने -पीने की समस्या भी बढी। वो लड़का पढ़ा -लिखा था, तो किसी विद्यालय में ,पढ़ाने लगा। घर से भागकर आये थे ,इसीलिए किसी से कोई सहायता की अपेक्षा भी नहीं थी। कुछ दिन तो ,यूँ ही चलता रहा किन्तु इस तरह कैसे जीवन बिताते ?धीरे -धीरे , उसके साथ जो लड़की भागकर आई थी, वह भी लोगों से मिलने और शहर के तौर -तरीकों को समझने लगी। 



एक दिन अपने पति से बोली -मैं भी कुछ काम सीखती हूँ।



काम सीखने के बहाने ,बाहर जाने लगी। दिनभर की भागदौड़ और कम आमदनी। आमदनी बढ़ी भी थी किन्तु उसके सपने तो बहुत ऊँचे थे। इस बीच उसकी बेटी भी आ गयी ,पहले तो वो उसे ,इस संसार में लाना ही नहीं चाहती थी किन्तु पति के समझाने पर मान तो गयी, किन्तु उसके मन की इच्छाऐ बढ़ती गयीं। अब तो एक बच्ची की माँ भी बन चुकी थी ,जो उसे अंदर से कचोट रहा था ,उस पर माँ की मुहर जो लग चुकी थी।

अपना क्रोध कभी -कभी ,अपनी बेटी पर निकालती। तू ही मेरे कर्म में रखी गई, अभी तो मेरे ही अरमान पूर्ण नहीं हुए, अब तुझे लाधे कहाँ -कहाँ घूमूँ ? एक तो इस मास्टर के बहकावे में आकर तुझे पैदा किया , अब तुझे सम्भालूं या अपना भविष्य देखूँ , कहकर उसके दो -चार तमाचे भी लगा देती  बेचारी बच्ची रोते हुए अपने पिता के पास चली जाती



क्या सोचकर ,वो उसके साथ भागी थी और क्या हो गया ?एक गरीब मास्टर की पत्नी बनकर रह गयी। न ही जीवन में आगे बढ़ना, न ही कहीं से धन- दोलत की वर्षा होने वाली है  अब भी यदि मैने कुछ नहीं किया तो इस मास्टर के साथ, ऐसे ही किसी किराये के मकान में सडकर् मर जाऊंगी  सारा दिन उस बच्ची और अपने जीवन को कभी मास्टर को कोसती रहती। 

कल को हमारी बेटी बड़ी होगी इसका क्या भविष्य होगा  ? इसके खर्चे भी बढ़ेंगे  ये स्कूल भी जायेगी, इतनी कमाई से गुजारा सम्भव नहीं ।अब वो अपनी बेटी का बहाना लेकर ,उससे और अधिक पैसे कमाने के लिए कहती। बेचारे ने ट्यूशन भी किये। वो भी नर्स बन गयी। अब तो वो पैसे वाले लोगों को देखकर ,सोचती - काश!वो उनकी जगह होती।



 ज्यादा पैसे लेकर 'अवांछित गर्भ 'भी गिरा देती। इसके अतिरिक्त उसने ,अलग कमरा लेकर ,लड़के -लड़कियों को भी बुलाने लगी और अपनी बेटी को भी ,पति के पास ही छोड़ आई। उसकी पैसे की लालसा इतनी अधिक हो गयी थी कि वो कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार थी। 



उन्हीं दिनों ,चौबे जी कि तबियत बिगड़ गयी। ऐसे में एक नर्स की आवश्यकता पड़ी तो संयोग देखिये -उन्हें वो ही मिली। और वो बेचारी बनकर ,उनके घर में आ गयी। 



किन्तु आंटी उसकी बेटी तो अपने पिता के पास थी ऋचा ने पूछा। 







हाँ ,पहले अपने पिता के पास थी किन्तु एक माँ पर लोग शीघ्र ही, विश्वास कर लेते हैं इसीलिए उसे चुपचाप उठाकर ,ले आई। उसने तो अपने पति को अपने रहने का स्थान भी नहीं बताया और जब उसे ढूंढता -ढाढंता ,यहां पहुंचा तब झगड़े हुए और हमने भी देखा, उसे अपनी बेटी से मिलना था, वो नही चाहता था, वो अपनी बेटी को भी अपने जैसा न बना दे। 



उसके पति का क्या नाम था ?ऋचा ने पूछा। 



वो तो हमें नहीं मालूम ,क्योंकि वो तो कुछ देर के लिए ही तो आया था ,उसमें भी  उन दोनों का आपस में झगड़ा हो गया। वो तो अपनी बेटी को लेने आया था ,लेकर चला गया। कह रहा था -जैसी ये स्वयं है ,मेरी बेटी को भी ऐसा ही बना देगी। 



वो भी तो लड़कर कह रही थी ,मेरी भी बेटी है ,मैं चाहे जो करूं ?



उनकी बेटी का तो नाम स्मरण ही होगा ,ऋचा ने उनसे पुनः पूछा। 



वो अपनी स्मरणशक्ति पर जोर देते हुए बोलीं -सालों हो गए ,अब इतने वर्षों की बातें कहाँ स्मरण रहती हैं ?तभी वो अंकल बोले -वो उसे ,मलु -मलु कहती थी। 



हाँ ,शायद ,उसका नाम मालिनी था ,पक्का तो नहीं कह सकती। 



ऋचा उस नाम को सुनकर ,उदास हो गयी और बोली -अच्छा अब मैं चलती हूँ ,बहुत देर हो गयी ,बाक़ी कि कहानी कल सुन लूँगी कहकर उठी। 



वो बोलीं -जिन्दा बचेंगे ,तब न। देखा नहीं ,तेरे अंकल की क्या हालत कर दी उसने ?

उनकी कहानी सुनकर और उस लड़की का नाम सुनकर ऋचा क्यों उदास हो गयी ? जानने के लिए पढ़ते रहिये - बेचारी


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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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