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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023

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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाबा ''के पास भेज देता है किन्तु वे उन्हें अपने पास बुलाते हैं। तब दोनों ''भैरों बाबा '' के पास पहुंचते हैं ,वे घने जंगलों के बीच ,गहरी गुफा में रहते हैं। ऋचा और उसके पापा को ,उनके पास पहुंचाने के पश्चात ,वो व्यक्ति अचानक से गायब हो जाता है।बाबा कहते हैं -तुम उसकी चिंता न करो ,वो सही जगह पहुँच जायेगा। तभी वो ध्यान लगाकर ,ऋचा के पापा से नाराज हो जाते हैं और कहते हैं -तुम हत्यारे हो !उनके इतने कहने से ऋचा चौंक जाती है और वो आँखें चौड़ी कर कभी पापा को कभी ''भैरों बाबा ''को देखती। अब आगे - 







ऋचा के मन में ,अनेक प्रश्न उठते हैं, और सबसे ज्यादा तो यही प्रश्न कुलबुला रहा था ,मेरे पापा ने हत्या की ,वो भी किसकी ?मेरी ज़िंदगी भी अजब पहेली है ,मेरी माँ ,जो ''बेचारी'' बनकर दूसरों की भावनाओं से खेलती और अब पिता का नया रूप दिखा ,एक अपराधी का।



तभी बाबा बोले -बेटा ये तुम्हारी गलती नहीं ,तुम तो निर्मल आत्मा हो ,बस कुछ कर्मो का लेखा -जोखा हैं ,जिन्होंने तुम्हें इनकी बच्ची रूप में पैदा किया।ऋचा सोच रही थी- कि क्या बाबा मन के विचार भी सुन सकते हैं ?तभी उन्होंने हाँ में गर्दन हिलाई और बोले - तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ -



आज से तीन सौ साल पहले ,एक गाँव था ,''दौलतपुर '' उस गांव के सभी लोग ''दौलत ''वाले थे तभी उस गांव का नाम ''दौलतपुर ''रखा गया था। अब जहाँ अच्छे लोग होते हैं तो बुरे भी होते हैं ,वहीं एक औरत रहती थी ,वो अत्यधिक चालाक और लालची थी ,उसके पास जितना भी धन था ,उससे संतुष्ट नहीं थी। अधिक धन की लालसा ने उसे बेईमान बना दिया। वो लोगों को कभी धोखे से ,कभी प्यार से फंसा लेती और जब वो लोग लाचार और बेबस हो जाते ,तब उनसे पैसे ऐंठने का कार्य करती। 



एक बार उसने इसी तरह एक लड़के को फंसा लिया किन्तु वो लड़का तो उससे भी चालाक निकला ,उससे प्रेम -मोहबब्त के वादे कर ,बाहर चोरी करता और चुराया हुआ माल ,उसे लाकर देता। वैसे तो वो भी उस महिला यानि क़ादम्बिनी के धन के लालच में आया था ,किन्तु उसका यौवन और उसकी सुंदरता देखकर वो उस पर मोहित हो गया। उसने सोचा -घर तो बसाना ही है ,क्यों न यहीं बस जाऊँ ?ये अपनी चोरी की दौलत का कोई रखवाला भी तो होना चाहिए। यही सोचकर उसने अपने को एक बहुत बड़ा व्यापारी बताया। दोनों का लालच ही ,उनके मिलन का कारण बना। पति -पत्नी तो वो दोनों बन गए फिर भी दोनों ने अपना काम नहीं छोड़ा। चोरी -धोखाधड़ी यही उनके घर की नीव थी। 







दोनों ने आपस में भी ,एक -दूसरे को कुछ नहीं बताया। एक दिन कादम्बिनी के कारण ,एक महिला का घर उजड़ गया क्योकि कादम्बिनी ने उसके पति को फंसाया और उनके घर में ,दोनों पति -पत्नी में झगड़े करा दिए ,जिस कारण उसके पति ने आत्महत्या कर ली। जब उसकी पत्नी को सही जानकारी मिली और उसे पता चला- कि उसका पति सही था सच्चा था ,उसे बहुत आत्मग्लानि और दुःख हुआ। तब उसने भी आत्महत्या की और मरने से पहले ,कादम्बिनी को श्राप दिया। तेरे कारण ,मैं अपने सीधे -सच्चे पति पर विश्वास नहीं कर पाई। जिस कारण हमारा बसा -बसाया घर उजड़ गया। अब मैं तुम्हें श्राप देती हूँ ,तुम भी कभी अपना घर बसा नहीं पाओगी और इस जन्म में भी तुम्हे कोई सुख प्राप्त नहीं होगा।



भुवन तो चोरी करने दूसरे शहर और गाँवों में चला जाता और फिर सिपाहियों से बचता फिरता ,इस कारण कई -कई दिनों तक बाहर ही रहता ,गांव नहीं आ पाता। उसकी पत्नी भी बेफिक्र होकर ,लोगों को ठगती ,एक बार उसने उस गाँव के प्रधान के बेटे को ही अपने चंगुल में फँसा लिया किन्तु प्रधान तो रौबीला व्यक्ति था और चरित्र का पाक़ , उस गाँव के लोगों का उस पर विश्वास भी था। सभी उस पर विश्वास रखते थे। कादम्बिनी ने तो पहले भी कई लोगों को छला और ठगा था। उसके व्यवहार के कारण कई लोग उसके विरुद्ध भी थे। तब प्रधान के बेटे ने उसकी असलियत सबके सामने लाकर ,रखी क्योंकि उसके दोस्त के साथ भी कादम्बिनी ने ऐसा ही किया था ,उसका बदला लेने के लिए ,उस प्रधान के बेटे ने ये षड्यंत्र रचाया था। 



सभी चीजें सामने आने पर ,लोगों ने ,कादम्बिनी के विरुद्ध प्राण दंड देने की सिफ़ारिश की ,गांव की औरतों ने तो उसके ऊपर थूका और उसके ऊपर जूते - चप्पल फेंके।



प्रधान ने कहा - अभी इसका पति यहाँ नहीं है ,इसीलिए इसे गांव से बाहर निकाल देते हैं और जब वो आयेगा ,तभी इस बात का फैसला होगा कि इसका क्या करना है ?तब तक उसे गांव से बाहर एक झोंपड़े में भेज दिया किन्तु वहाँ से भी भाग न सके इसीलिए अपने दो -तीन लठैत उस पर निग़ाह रखने के लिए रख छोड़े। जब गांव में उसके पति ने कदम रखा लोग उसे अज़ीब नजरों से घूर रहे थे वो कुछ समझ नहीं पाया। एक -दो से उसने कादम्बिनी के विषय में भी पूछा तो उसे घूरते हुए निकल गए। घर उजाड़ वीरान पड़ा था। 



तब अपने गांव के ही एक मित्र से मिन्नतें की और उससे कादम्बिनी के विषय में पूछा -तब उसने सारा क़िस्सा उसे समझाया। उसकी बात सुनकर उसे बहुत क्रोध आया ,जीवन में उसने पहली बार किसी महिला पर विश्वास और प्रेम जतलाया था। इसका अर्थ है ,वो मुझे भी ,धोखा ही दे रही थी। तब उसने आपने -आप से भी कुछ प्रश्न किये -तू भी तो उसे धोखा दे रहा था ,ये तेरा घर ,तेरे धोखे और लालच की नींव पर बसा है ,इसका ऐसा हश्र तो होना ही था। उसके मन में आया ,जाकर उस चुड़ैल की हत्या कर दे ,उससे मिलने का दिल नहीं हुआ।







अगले दिन ,गांव के प्रधान की तरफ से उसके लिए संदेशा आया और वो वहां गया भी ,गांव के प्रधान की आज्ञा का उलंघन नहीं कर सकता था। वहीं उसकी पत्नी भी उपस्थित थी ,लोग उसकी पत्नी को बद्दुआएं दे रहे थे। वो अपनी करनी पर शर्मिंदा नहीं थी वरन उन लोगों को घूर रही थी ,उसे शायद उम्मीद थी कि मेरा पति मेरा साथ देगा किन्तु भुवन तो चुपचाप बैठा रहा। उसे लगता था जो व्यवहार उसकी पत्नी उसके साथ कर रही थी ,उसके प्यार में होकर कर रही है किन्तु उसे ये नहीं पता था- कि ये ही तो उसका पेशा है। लोगों को मूर्ख बनाना ,अपने जाल में फंसाना और फिर उनका लाभ उठाना। 



अब कादम्बिनी और भुवन की ज़िंदगी में क्या होगा ?लोगों का क्या फैसला होगा ?क्या उसे मृत्यु दंड मिलेगा या फिर भुवन उसे बचा लेगा। क्या भुवन की सच्चाई भी सबके सामने आ जाएगी ?क्या उस औरत का श्राप फलीभूत होगा ?जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी....     
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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