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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023

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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता लेती है। तब उसे पता चलता है - ''नितिका ''नाम की नर्स ,एक बच्ची के साथ ,उनके घर में आती है और चौबे परिवार की सेवा भी करती है। वो लोग उससे प्रसन्न होकर ,उसे अपने घर में ही रहने देते हैं। उसके घर में रहने के ,कुछ समय पश्चात वो अपना रंग दिखाती है। तभी उसका पति भी आ जाता है और उसकी सम्पूर्ण सच्चाई ,सबके सामने प्रकट कर देता है। ऋचा ''नितिका ''की बेटी का नाम उनसे पूछती है ,उन्हें कुछ ज्यादा तो स्मरण नहीं ,किन्तु शायद उसकी बेटी का नाम मालिनी था ,बताते हैं। ऋचा उन लोगों को सुरक्षित करके कल आने के लिए कहकर ,चली जाती है। अब आगे -







ऋचा का मन उदास हो जाता है और उसका दिल करता है ,वो रोये। पता नहीं ,जो वो सोच रही है -यदि वो सच हुआ ,तो पता नहीं क्या करेगी ?उसका दिल घबरा रहा था - कि सच्चाई की जानकारी लूँ या नहीं ,कौन मुझे इस सच्चाई से अवगत करायेगा?वो अपने उस डरावने घर न जाकर ,उसी बगीचे में चली गयी। बहुत देर तक उदास बैठी रही ,अचानक ही उसकी रुलाई फूट गयी। उस समय वहां कोई नहीं था। काफी देर तक रोती रही ,तभी उसका फोन बज उठा ,उसने बुझे स्वर में -हैलो !कहा। 



उधर से आवाज आई ,हैलो !मालिनी बेटा कैसी हो ?क्या तुम ठीक हो ? उसके पापा का चिंतित स्वर उभरा। 



जी...... पापा कहकर  वह चुप हो गयी। 



नहीं ,तुम्हारी आवाज तो कुछ और ही कह रही है ,शायद तुम परेशान हो ,अपने पापा से नहीं कहोगी। 



पापा से नहीं कहूंगी तो और किससे कहूँगी ?कहते हुए ,ऋचा की हिड़की बंध गयी , कुछ देर इसी तरह रोती रही , तब बोली -पापा !मेरी माँ का क्या नाम था ?



बेटा , तू आज क्या बात ले बैठी ?आज तक तो तूने कभी उसका नाम नहीं पूछा। 



आज ऐसे ही माँ का स्मरण हो आया। बताइये ,न पापा !



उधर से ,कोई आवाज नहीं आई। वो तो जैसे ,बेटी को समझाने के लिए शब्द ढूंढ़ रहे थे। कुछ समझ नही आ रहा था जिस राज को वो इतने वर्षों से अपने सीने में दफ़्न किये थे  आज कैसे जुबान पर लायें।

अपने पिता की खामोशी देखकर ऋचा समझ गयी, कि इस समय वो बहुत परेशानी में हैं  उनकी समस्या का हल शीघ्र ही ऋचा ने कर दिया।मेरी माँ का नाम ''नितिका ''था न ,जिसकी बेटी का नाम ''मालिनी ''था। मैं ठीक कह रही हूँ न, पापा !



हम्म्म !



यानि वो नर्स और कोई नहीं मेरी माँ ही थी जो आज इस घर में ,मरने के पश्चात भी ,अपना डेरा जमाये है। यानि मुझे अपनी माँ से  ही लड़ना होगा ,माँ से नहीं वरना,उसके भूत से लड़ना होगा। मुझे मेरी माँ स्मरण नहीं ,मिली भी तो इस रूप में ,कहते हुए वो और तेज  स्वर में रोने लगी। 



चुप हो जा !मेरी बच्ची ,तेरा ये पिता विवश है ,होनी को कौन टाल सकता है ?उसने तो जीते जी ,तुझे माँ का सुख नहीं दिया तब मरने के पश्चात ,कैसे  उससे उम्मीद कर सकते हो ? कि तुम्हारी माँ बनकर तुम्हारे साथ रहती, जिन्दा रहती भी तो ,अपने सुख के लिए ,जब तक रही ,अपनी इच्छाओं की दास बनी रही। अपने सिवाय उसे कुछ नहीं दीखता था। 



पापा !मेरी माँ मरी कैसे ?



कुछ समय तक तो आवज नहीं आई फिर बोले -जिसने ये बताया कि वो तेरी माँ थी ,उससे ही पूछ लेती ,कैसे मरी ?



अपने आँसू पोंछते हुए ऋचा या मालिनी बोली -नहीं ,उन लोगों को तो पता ही नहीं ,कि वो अब इस दुनिया में नहीं। ऋचा के मन का बोझ ,अपने पापा से बात करके कुछ कम हुआ। बोली -अब चलती हूँ ,देखती हूँ मेरी माँ ने मेरे लिए ,क्या तैयारियाँ कर रखी हैं ?



बेटा ,अभी कुछ भी इतना आसान नहीं ,वो अब तेरी माँ नहीं ,पहले भी नहीं थी और अब तो प्रश्न ही नहीं उठता इसीलिए अपना ख्याल रखना और स्मरण रहे -अभी तुम ऋचा ही हो ,मालिनी नहीं। 



ठीक है ,पापा ,कहकर ऋचा घर की ओर प्रस्थान करती है। 



घर के नज़दीक पहुंचकर ,ऋचा ने देखा -उसके घर के सामने ,एक लड़की खड़ी थी ,जैसे उसी की प्रतीक्षा कर रही हो। उसको अपनी तरफ आते देखकर ,वो मुस्कुरा रही थी। 



ऋचा ने सोचा -पता नहीं ,अब मेरी माँ ने मुझे मारने या डराने के लिए क्या योजना बनाई है ?जब वो नजदीक आई। 







हैलो ! मैं कणिका ,मैंने सुना है -यहाँ एक कमरा किराये पर है।



मैं ऋचा ! इस मकान में ,तो कई कमरे ख़ाली हैं किन्तु कोई भी यहां रुक नहीं पाता। 



क्यों, ऐसा क्या है ?इस मकान में। आप भी तो रह रही हैं। 



मेरी तो बात अलग है ।

अगर आप रह सकती हो तो हम भी रहकर देख लेते हैं।उसने जबाब दिया।

,रह कर देख लीजिये। ऋचा को तो जैसे ,सहारा हो गया। वास्तव में तो ,उसे अब इस घर में ,अकेले रहते ड़र लग रहा है ,जब उसे एहसास होता है कि एक नहीं यहाँ कई भूतों के साथ उसे रात्रि बितानी है। तुम्हारा सामान किधर है ?ऋचा ने पूछा। 



अंदर ही रक्खा है। कहकर वो घर के अंदर बढ़ चली। 



ऋचा सोच रही थी -इसने पूछा भी नहीं और सामान अंदर भी रख दिया। फिर सोचा -ताला भी तो नहीं लगा था इसीलिए रख दिया होगा। ऋचा ताला लगाती ही नहीं थी क्योंकि उसका अपना तो कोई विशेष सामान था ही नहीं। और उस भूतिया घर के कारण ,और बंद गली होने के कारण, कोई उधर से गुजरता ही नहीं। 



दोनों अंदर जाती हैं ,आज ऋचा को इतना ड़र नहीं लग रहा था क्योंकि एक से भले दो। अंदर जाकर देखा तो आज घर भी साफ था। ऋचा मन ही मन सोच रही थी -ये कैसे हुआ ?वो तो जब भी सफाई करती है ,पुनः वैसा ही हो जाता था। ये सफाई तुमने की ?



हाँ....... कणिका बोली। 



अच्छा ,कुछ खाओगी ,नहीं मैं खा चुकी कहकर वो स्नानागार में चली गयी। 



ऋचा को तो भूख लगी थी ,वो रसोईघर में गयी ,तभी उसे स्मरण हुआ उसे तो मंदिर का दीपक भी जलाना है। आज वो प्रसन्न है कि उसके साथ कोई है ,आज तो कणिका से विस्तार से बातें होंगी। वो जब मंदिर का दीपक ,जलाकर आई तो बोली -कणिका ,चाय पियोगी , अंदर से,कोई आवाज नहीं आई ,उसने स्नानागार का दरवाजा खटखटाया कोई आवाज न सुनकर एक दो बार और पुकारा और दरवाज़ा खोलकर देखा, तो अंदर तक सिहर गयी। 

ऐसा क्या था ? वहाँ  ,जो ऋचा घबरा गयी, अचानक कणिका कहाँ गायब हो गयी? कहीं उस आत्मा ने, उसका खात्मा तो नहीं कर दिया क्या हुआ उन दोनों के साथ? पढ़ते रहिये - बेचारी 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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