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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023

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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ के अंतिम संस्कार के लिए गया था ,तबसे वापस ही नहीं आया ,किसी को भी नहीं पता, कि उसके साथ क्या हुआ ?अब वो कहाँ है ?है तो ,वापस घर क्यों नहीं आया ? ऐसे अनेक प्रश्न वो अपने पीछे छोड़ गया। वो अभी इसी बात से हैरान -परेशान थी कि तभी उसे कोई उठाता है तब वो अपने को उसी बस अड्डे पर पाती है ,अब वो इस बात से परेशान है कि ऐसा कैसे हो सकता है ?वो तो बस में ही बैठी थी ,यहाँ कैसे पहुंच गयी ?ये सब सपना तो नहीं हो सकता।अब आगे -







ऋचा घड़ी में देखती है ,सुबह के छह बज चुके हैं ,अब उसे स्मरण होता है ,पापा तो आज पंडितजी के साथ आने वाले हैं यही सोचकर वो घर के लिए ,रिक्शा करती है। घर के नजदीक पहुंचकर देखा- काफी सफाई लग रही थी और वहां कुछ फूल भी बिखरे थे ,बेल पत्रों द्वारा रास्ता सा बना था। जब दरवाजे के अंदर गयी ,तब देखा- उसके पापा ,उस घर के मंदिर की सफाई कर रहे थे। इसका अर्थ है ,पापा आ गए ,यही सोचकर उसने घर के अंदर जैसे ही उसने कदम रखा ,तभी पंडितजी ने रोका ,वहीं ठहरो !



वो वहीँ रुक गयी ,तब पंडितजी एक परात लेकर आये ,उसमें सिंदूर का पानी था ,उन्होंने उस पानी में उसके दोनों हाथ डलवाये और अपने भी हाथ डाले ,कुछ देर मंत्र पढ़ते रहे और धीरे -धीरे उन्हें उस पानी में एक परछाई दिखी ,वो बोले -वो यहीं है ,आस -पास ही है। उन्होंने गंगाजल लिया और उसके चारों और छिड़का। तभी घर के अंदर से ,बड़ी तेज -तेज दरवाजा बंद होने ,खुलने की आवाजें आने लगीं। वो घर के अंदर भी गए ,पहले जो उनका गोदाम था। उसे देखा ,वहां भी दो आत्माएं उन्हें दिखीं किन्तु वे दोनों आत्मायें उन्हें कैद नजर आई। वो समझ नहीं पाए कि ये कौन सी आत्माएं हैं ?तब उन्होंने ध्यान लगाया ,तब उन्हें वे आत्माएं दुःखी और कैद दिखीं। 



उन्होंने ऋचा को भी उन आत्माओं के विषय में भी बताया ,तब ऋचा बोली -वे दोनों आत्माएं तो स्वयं ही परेशान हैं ,वे इस घर के मालिक और मालकिन की आत्मायें हैं वो किसकी कैद में है और क्यों ?वो मैं नहीं जानती इन्हें तो कई बार मैंने रोते देखा है। 



क्या कभी तुम्हारी उनसे बातें नहीं हुईं ?



नहीं ,मुझे ड़र था ,कहीं ये उस नितिका की कोई चाल न हो। 



पंडितजी बोले -वो तो तुमसे सहायता की उम्मीद कर रहे थे। 



मैं भला उनकी कैसे सहायता कर सकती थी ?और कैसे उनसे सम्पर्क बनाती ?ऋचा ने पूछा। 



तुम्हें ये अपने हाथ का रक्षा कवच खोलना होगा , तभी वो तुमसे सम्पर्क बना पायेंगे ,तुम्हें अपनी परेशानी बताने के लिए तैयार होंगे ,तभी हम उसका कुछ निवारण कर सकते हैं। 



ऋचा इस बात के लिए तैयार हो गयी ,तभी उसके पापा बाहर से आये और बोले -पंडितजी ये आप क्या कर रहे हैं ? आपने इसका'' रक्षा कवच ''उतरवा दिया और वे लोग सम्पर्क न बना सके और इसके बदले वो ''नितिका ''आ गयी तब क्या होगा ?



पंडितजी को उनकी बात सही लगी ,बोले -कह तो तुम सही रहे हो किन्तु ये जोख़िम तो हमें उठाना ही होगा। 



'रक्षा कवच 'उतारकर रख दिया जाता है ,पंडित जी ऋचा के सामने ही बैठ जाते हैं और तब ऋचा से कहते हैं कि उन बुजुर्ग दम्पत्ति का ध्यान कर ,ऑंखें बंद करो। कुछ समय पश्चात ही ऋचा हिलने लगी।उसके पापा उन्हें ये क्रिया करते देख रहे थे। पंडितजी ,कुछ समय पश्चात बोले -तुम कौन हो ?ऋचा इसी तरह हिलती रही।



 पंडितजी का स्वर थोड़ा कठोर हुआ ,वे पुनः बोले - कौन हो ?तुम !



मैं चौबे !



क्या चाहते हो ?



मदद !



क्यों ,और कैसे ?



हम परेशान हैं ,हम मुक्ति चाहते हैं ?



किससे और कैसे ?



तभी ऋचा की आवाज एक भयंकर आवाज़ में बदल गयी और बोली -केेसी मुक्ति ,किससे मुक्ति ?और कहकर ज़ोर -ज़ोर से हंसने लगी। उसके पापा थोड़े विचलित हुए ,किन्तु पंडितजी उसी तरह बैठे रहे और बोले -तुम कौन हो ?वो उसी तरह हंसती रही। 



मुझे कठोर कदम उठाने पर मजबूर मत करो ,पंडित जी दृढ़ता से बोले -बताओ !तुम कौन हो ?



नहीं ,मैं नहीं बताऊंगी ,मैं किसी की ग़ुलाम नहीं। 







तुम क्या चाहते हो ? मुझे मार दिया तो सब ठीक हो जायेगा ,देखो ,मेरी शक्तियाँ अब भी बढ़ रही हैं ,मैं किसी को भी नहीं छोडूंगी। हर जगह मेरा ही राज होगा ,मैं ही मैं होऊंगी और ऋचा का शरीर धीरे -धीरे ऊपर उठने लगा। वो उसके शरीर को लेकर जाना चाहती थी। तभी पंडितजी ने कुछ मंत्र पढ़े पास रखा डंडा उसके घुटनों पर मारा। जिस कारण उसकी चीख़ निकली किन्तु उसने ऊपर उठना नहीं छोड़ा। तभी पंडितजी ने फुर्ती से अपने पास से सिंदूर निकाला और उसके ऊपर फूंक दिया। इस क्रिया से उसका बदन जलने लगा और वो चीखते हुए ऋचा के शरीर को छोड़ने पर मजबूर हो गयी। 



उसके छोड़ते ही ऋचा का शरीर तेज़ी से नीचे आने लगा ,तब उसके पापा ने उसे अपने हाथों में थाम लिया।ऋचा अभी अचेत अवस्था में थी। उसे कमरे में लिटा दिया गया। 



पंडितजी बोले -ये जो आत्मा थी ,बहुत ही ख़तरनाक है और जिद्दी भी ,देखा नहीं ,इतना कहने पर भी नाम नहीं बताया और हमारे रहते ही ऋचा को ले जा रही थी। 



वे बोले -अब क्या होगा ?पंडितजी ! वो तो हमें उनसे सम्पर्क भी नहीं करने देना चाह रही है। 

वो तो मैं भी सोच रहा हूँ  इसने हमें उन लोगों से सम्पर्क नही करने दिया। उन लोगों से सम्पर्क हो जाता तो हम जान सकते थे, यह सब किसका किया -धरा है? तब हम उसकी काट भी ढूंढते, ये तो अच्छा हुआ  मैने शीघ्र ही, सब सम्भाल लिया यदि इस बच्ची को ले जाती तो इसे ढूँढना भी मुश्किल हो जाता। 

न जाने मेरी बच्ची ने कैसे- कैसे दिन गुजारे हैं   ? चिंतित स्वर में ऋचा के पापा बोले। 

हाँ वो तो है, तुम्हारी बेटी बहादुर है, जो इतने दिनों से एक चुडेल के साथ रह रही है । वो मरने के पश्चात् भी, अपनी शक्तियाँ बढ़ा रही है, इसका अर्थ है, उसकी आत्मा अभी भी तन्त्र क्रियाओं में लिप्त है। क्या तुम्हारी पत्नी कोई तांत्रिक क्रियाएँ  करती थी? 

मुझे नही मालूम, मेरी पीठ पीछे वो क्या -क्या करती थी? 

क्या ये आत्मा नीतिका की ही थी या फिर कोई और आत्मा थी   ? क्या पण्डित जी उसे अपने वश में कर लेंगे, इसके लिए पढ़ना होगा - बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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