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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023

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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत में ,नितिका का भेजा हुआ पंछी ,उस हवन की अग्नि में अपनी जान देकर ,उस हवन की अग्नि को बुझा देता है। अब बाबा पुनः हवन के इरादे से ,उस स्थान को शुद्ध कराते हैं ,नई हवन सामग्री मंगाते हैं ,तब तक ऋचा और बाबा दोनों ''चौबे दम्पत्ति ''की अस्थियों को 'नितिका 'के चंगुल से मुक्त करा लाते हैं। तब बाबा ऋचा को कुछ समझाते हैं और पुनः हवन आरम्भ कर देते हैं। अब आगे -

 

हवन में ,बाबा के ठीक सामने ऋचा और उसके पापा बैठे हैं ,ये हवन अब शुद्धि के लिए नहीं ,अब तो 'नितिका की आत्मा' को उस स्थान पर बुलाने के लिए हो रहा था , किन्तु नितिका थी....... कि वो अपने स्थान को छोड़ना नहीं चाहती थी। अपने स्थान से अलग होने पर वो कमजोर पड़ जाती ,अब तो चौबे परिवार की आत्मा भी ,उसके चंगुल से मुक्त हो गयीं ,जिस कारण उसकी शक्ति और भी कमज़ोर पड़ गयी। किन्तु बाबा के मंत्रों के आगे, वो कमजोर पड़ती जा रही है। 

 

तभी तेज़ बवंडर सा उठता है ,और घर का सामान भी ,उस बवंडर की चपेट में आकर इधर -उधर गिरने लगता है ,तब बाबा तेज स्वर में कहते हैं -क्या तुम्हें , अपने अपराधी से बदला नहीं लेना ?क्या तुम इसी तरह इस संसार में भटकती रहोगी ?हर किसी को एक न एक दिन जाना होता है। अब अपने मन को शांत करो और ये बताओ !तुम्हें किसने मारा ?

 

 

 

नितिका ने अपनी सम्पूर्ण ताकत झोंक दी ,किन्तु उसे बाहर आना ही पड़ा। तब बाबा ने ,ऋचा की तरफ इशारा किया और वो वहां से उठ कर चली गयी। उसके उठते ही ''नितिका ''उसके पिता के ,शरीर के अंदर प्रवेश कर गयी। 

 

बाबा बोले -तू क्या चाहती है ?

 

बदला !!!!!!!

 

किससे ? सारी दुनिया से ,सभी मेरे दुश्मन हैं ,सभी ने मुझे जीते जी सताया। 

 

तू क्या 'दूध की धुली 'है ?तूने भी तो ,लोगों को धोखा दिया अपने फ़रेब में फँसाया। 

 

तूने तो अपनी बच्ची और अपने पति को भी नहीं छोड़ा। 

 

वो भी तो, इतना सीधा नहीं था ,मुझे सुंदर सपने दिखलाकर लाया ,और मैंने अपनी इच्छाएं , अपनी इच्छा से जीना चाहा तो मेरा दुश्मन बन गया और लोगों को भी मेरा दुश्मन बना दिया। अब आ ही गयी हूँ तो इसे छोडूंगी नहीं ! इसी ने मुझे मारा !मेरी हत्या की !ये शब्द..... जाती हुई ऋचा के कानों में भी पड़े। उसके कदम वहीं ठहर गए। क्या !!!पापा ने माँ को मारा..... ?वो वापस आना चाहती थी ,किन्तु बाबा के अनुसार उसे उसी स्थान पर ,पहुंचना था ,जब तक उसकी 'माँ की आत्मा 'को बाबा अपनी बातों में उलझाए हैं। 

 

वो घर के ठीक ,पीछे पहुंच गयी ,वहां उसने देखा -बाबा के कहे अनुसार ,एक रास्ता बना है। वो गली सुनसान थी ,वहां कोई इक्का -दुक्का आदमी ही जाता होगा। उसने वो बड़ा सा लोहे का दरवाज़ा खोला। और वो उसमें अंदर दाख़िल हो गयी। वो ये देखकर ,हैरान रह गयी ,ये रास्ता उनके घर के उस तहखाने से जुड़ा है किन्तु उस तहख़ाने से ये रास्ता नहीं दिखता ,क्योंकि वो दीवारें इस तरह बनाई गयी हैं ताकि इधर की होने वाली गतिविधियों के विषय में किसी को भी पता न चल सके। 

 

उसने आगे बढ़कर देखा ,उस स्थान का उपयोग ,वो अपनी तांत्रिक गतिविधियों के लिए करती थी। ऋचा ने बिना देरी किये ,उस स्थान के सभी सामान नष्ट करने आरम्भ कर दिए। इस बात का आभास ,''नितिका ''को हुआ ,तब वो जाने लगी किन्तु बाबा के मंत्रों ने उसे जकड़ लिया। 

 

वो चीख़ने लगी और चिल्लाकर बोली -तू इस तरह मेरी शक्तियाँ नष्ट करना चाहता है ,मुझे समाप्त करना चाहता है ,मैं तुझे ऐसा नहीं करने दूंगी ,मुझे छोड़ दे...... मुझे छोड़ दे...... जाने दे..... जब उसका बस नहीं चला तो उसने बाबा को लालच भी दिया ,तु मुझे छोड़ देगा तो तेरी शक्तियाँ और बढ़ा दूंगी ,तेरी ग़ुलाम बनकर रहूंगी। 

 

उधर ऋचा ने ,सारा सामान और वो स्थान ,उसमें आग लगा दी ,उसी स्थान के कारण तो ,मरने के पश्चात भी ,उसकी शक्तियां बढ़ रही थीं। 

 

अपनी विवशता पर ,वो चीख़ रही थी ,वो ऋचा के पापा के शरीर को छोड़कर ,एक धुंयें की सी आकृति में बाहर खड़ी थी किन्तु उस आसन से बाहर नहीं जा पा रही थी। 

 

तब तक ऋचा भी ,अपना कार्य करके आ चुकी थी ,आकर बाबा के सामने आकर बैठ गयी और बोली -पापा आपने ही माँ को मारा!!!!!! 

 

 

 

उनकी नजरें झुक गयीं और बोले -बेटा जब मैं ,तुझे लेकर गया तब मैंने सोचा था -कि इससे कभी भी नहीं मिलूंगा ,न ही इसकी शक़्ल देखूंगा , किन्तु ये अपनी हरकतों से बाज नहीं आई -इसने उन दोनों पति -पत्नी को भी ,मार डाला , जिन्होंने इसे ''बेचारी ''समझकर अपने घर में ,पनाह दी। उसके पश्चात भी ,इसका मन नहीं भरा। पुलिस से बचने के लिए ,पहले तो ये भाग गयी , जब इन लोगों के जाने के पश्चात ,घर ख़ाली पड़ा था ,तब इसने उस तहख़ाने का उपयोग किया ,और किसी की नज़र न पड़े, इसीलिए रास्ता घर के पीछे बनवा लिया। एक दिन ये ,मुझे दिख गयी ,तब मैंने इसका पीछा किया और मैं ,इसके पीछे -पीछे ,घर के तहखाने तक पहुंच गया। तब तक इसने भी मुझे देख लिया था और अनजान बनी रही ,जैसे ही मैं इसके पीछे पहुंचा ,इसने मुझे तंत्र के बल से हवा में लटका दिया। 

 

मैंने इसे बहुत समझाना चाहा ,किन्तु ये नहीं मानी ,ये तो मुझसे ही ऐसे खेल रही थी ,जैसे मैं कोई इंसान नहीं खिलौना हूँ। जब इसकी इच्छा होती ,मुझे छुड़ा देती ,जब मन करता कैद कर लेती किन्तु बाहर जाने नहीं देती। इसकी कैद में मुझे दस दिन हो गए ,मैंने भी सोच लिया -अब इससे बच पाना मुश्किल है और मैंने इसका साथ देने का निर्णय किया। निर्णय भी क्या करना ?बस यूँ समझो !मेरी मजबूरी बन गयी।

 

आखिर ऋचा के पापा को नितिका की कैद से ,भागने का मौका मिलता है या नहीं। वो उसे किस तरह नीतिका को मारते हैं ?क्या ऋचा अपनी माँ को दुबारा मारकर ,उसकी आत्मा को शांति दिला पायेगी ?या फिर अपनी माँ का साथ देगी। क्या 'प्रदीप चौबे 'को नितिका ने मारा या फिर किसी और ने उसकी मृत्यु कैसे हुई जानने के लिए पढ़िए -बेचारी। .....  

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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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