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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले तो सुलेखा ड़र जाती है फिर अपना वहम समझ फिर से सो जाती है ,अब आगे -



सुलेखा ..... सुलेखा !तुमने मुझे इतनी जल्दी भुला दिया। आओ !न..... सुलेखा फिर से उठी। उसे आवाज़ आ रही है किन्तु कोई दिखाई नहीं दे रहा।







 ये आवाज़ तो प्रदीप की है ,वो यहाँ कैसे हो सकता है ?सोचकर फिर से सोने का प्रयत्न करने लगी किन्तु अब उसे नीद नहीं आ रही थी। तभी उसे लगा जैसे कोई ,उसके समीप है ,उसके बिस्तर तक आ गया है। अब तो उसे ड़र लगने लगा। सुलेखा ने ,अपनी चादर ऊपर तक तान ली , कुछ समय तक तो सब शांत रहा किन्तु अब उसकी देह से चादर खिसकती दिखाई दे रही थी। अब तो उसकी चीख़ निकल गयी। कौन हो तुम ?मुझे इस तरह परेशान क्यों कर रहे हो ?अब उसकी हालत ऐसी हो चुकी थी कि उसने बाक़ी रात्रि जागते और डरते हुए बिताई। 



सुबह वो थकी -थकी सी थी। नींद भी पूरी नहीं हुई थी। दोनों बच्चे भी तैयार होकर ,अपने -अपने काम पर चले गए। सुलेखा ने दिन में भी ,सोने का प्रयत्न किया किन्तु चौंक कर उठ जाती। 



आज वो भरपूर नींद लेने लिए ,शीघ्र ही अपने बिस्तर में जा घुसी थी। कल रात्रि को उसे ठीक से नीद भी नहीं आई थी ,इसीलिए उसे लेटते ही नींद आ गयी ,जैसे ही रात्रि गहराने लगी। उसने महसूस किया कि कोई उसके बहुत क़रीब है। उसने अपनी आँखें खोली ही थीं ,उसने अपने बराबर में ,प्रदीप को लेटे पाया ,जो मिटटी से सना और उसका चेहरे की चमड़ी भी लगभग गल चुकी थी ,उसका इतना वीभत्स रूप देखकर ,वो चीखी और बाहर की तरफ भागी। उसके बच्चे ,उसकी चीखें सुनकर दौड़े आये। 



क्या हुआ? मम्मी ! इतनी रात गए क्यों चीख़ रही हो ?



मे.... रे..... बिस्तर पर मिटटी है। 



मिटटी !!दोनों बहन -भाई चौंके ! मिटटी कहाँ से आई ?यदि मिटटी है ,भी तो ,उसे आप साफ़ कर सकती हैं। दोनों अंदर जाकर देखते हैं ,बिस्तर तो साफ है। 



सुलेखा ने भी अंदर आकर देखा ,तब उसे अपनी सोच और अपनी आँखों पर विश्वास करना कठिन हो जाता है।कुछ देर ,की परेशानी के पश्चात ,वो फिर से सोने का प्रयास करती है। उसे तभी अपने कानों में आवाज सुनाई पड़ती है। सुलेखा..... तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ?मैं तो तुमसे प्रेम करता था। मैंने तो अपने घर की बागडोर तुम्हारे हाथों में सौंपी थी। तुम्हारी गलतियों को भी क्षमा कर दिया था। फिर भी मुझे इतना बड़ा दर्द क्यों दिया ?क्यों दिया..... ,क्यों दिया.....? ये आवाज तीव्र से तीव्र होती चली गयी। अब वो समझ गयी ,है तो ये प्रदीप की ही आवाज़ या फिर कोई मुझे उसकी आवाज के माध्यम से डराना चाहता है। वो भी पलटकर चीख़ी ,क्या चाहते हो ?तुम....! जो भी है ,सामने आओ !



तभी प्रदीप की आत्मा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी। अँधेरे में भी ,वो आकृति चमक रही थी और उसकी तरफ बढ़ने लगी। सुलेखा चीख़ी और बेहोश हो गयी। कुछ देर वो उसके समीप बैठा रहा फिर वो आकृति ग़ायब हो गयी। 



अगले दिन ,राकेश आया ,तब उसने सुलेखा ,की हालत खराब देखी और बोला -क्या तुम ठीक हो ?



सुलेखा ने उसकी तरफ देखा और उससे गले लगकर रोने लगी ,बोली -वो आ गया है। 



राकेश कुछ समझा नहीं ,बोला -कौन आ गया है ?



प्रदीप..... !



नाम सुनकर ,वो हंसा और बोला -मरे हुए लोग....... कैसे वापिस आ सकते हैं ?



तभी उसके बेटे ,के कानों में भी ये शब्द पड़े ,उनके पास आकर बोला -कौन मरा हुआ ?आ गया। आप लोग किसकी बातें कर रहे हैं ?



सुलेखा को लगा ,अब यही समय है ,जब अपने बेटे को ,सच्चाई बता देनी चाहिए। बोली -बेटा !तुम्हारे पापा.... 



क्या.... वो कब मरे ?वो तो खो गए थे न....... कुछ भी न समझ पाने की स्थिति में ,बोला -ये बात आपको कब पता चली ?



यही कोई दस वर्ष पहले..... 



और ये बात , हमें आज पता चल रही है ,तभी आपने इन राकेश अंकल से विवाह कर लिया। 



अब चौंकने की बारी ,सुलेखा की थी ,बेटे..... ये तुम क्या कह रहे हो ?



हाँ ,क्या मैं नहीं जानता ?आप लोगों ने ,क़ानूनी तरीक़े से विवाह कर लिया ,मैं एक दिन अपने सर्टिफिकेट् ढूँढ रहा था ,तभी मैंने देखा। मैं तो पूछना भी ,चाहता था-आपने हमारे पापा के आने की सम्पूर्ण उम्मीदें छोड़ दीं किन्तु छुटकी ने मना कर दिया ,कि अभी तो पापा नहीं आये। अभी के लिए ये बातें समय पर छोड़ दो। यदि मम्मी ने हमसे ,ये बात छुपाई है ,अवश्य ही कोई कारण होगा। किन्तु कारण तो ,अब पता चल गया। पापा तो रहे ही नहीं ,उनके आने की उम्मीद कैसी ?कहकर वो रोने लगा। दादी -बाबा गए ,पापा भी गए , कहकर वो बाहर निकल गया। 



राकेश बोला -तुमसे एक बात भी नहीं छुपती ,अब ये क्या नया ड्रामा है ?तुमने अपनी हालत देखी है। 



ये ड्रामा नहीं है ,सुलेखा चिढ़ते हुए बोली -यही सच्चाई है ,कि वो आ गया है और दो दिनों से ,मुझे परेशान कर रहा है।







रात्रि गहराने लगी ,देहरादून की ठंड ,दिन भी शीघ्र ही छिप जाता। घर का वातावरण ,तनावपूर्ण था किन्तु आज सुलेखा ने ,राकेश के आ जाने पर मन ही मन ,अपने को तैयार कर लिया था। आज वो ,राकेश के साथ थी ,बिस्तर पर दोनों थे। अब तो खुले आम वो पति -पत्नी की तरह रहना चाह रहे थे। कारण अब तो ,बच्चों को भी इसकी जानकारी है तब छुपाने से कोई लाभ नहीं..... 



जब वो दोनों गहरी नींद में थे ,तभी उसे वही आवाज परेशान करने लगी ,उसने लाइट जलाने का प्रयत्न किया किन्तु लाइट नहीं जली। उस आवाज़ ने कहा -तुम मुझे नहीं देख सकतीं किन्तु मैं तो तुम्हें देख सकता हूँ। तुमने तो मेरे बच्चों को भी ,नहीं बताया कि मुझे मारने वाला और कोई नहीं ,तुम ही थीं.... तुम ही थीं.... मुझे वहां तड़पता छोड़कर ,यहां इसके साथ ,गुलछर्रें उडा रही हो ,तुमने मेरी ज़िंदगी के साथ ही ,मेरा परिवार भी छीन लिया ,अब मैं भी तुम्हें चैन से नहीं रहने दूंगा। तुम भी उसी तरह तड़प -तड़पकर मरोगी ,मैं भी तुम्हें नहीं छोडूंगा। 



सुलेखा चीख़ी -मैंने तुम्हे नहीं मारा ,मैंने तुम्हें नहीं मारा.... तभी उसकी आँख खुल गयी ,उसने अपने बराबर में लेटे राकेश की तरफ देखा- तो वो उसकी तरफ देखते हुए ,चीख़ पड़ी, वो तो मृत पड़ा था। उसने अँधेरे में ही टार्च जलाई ,ऐसे समय में ,लाइट भी चली जाती है ,वो मन ही मन बुदबुदाई। टार्च की रौशनी में देखा ,तो दहल गयी ,वहां राकेश नहीं ,प्रदीप की लाश पड़ी थी। वो बिस्तर से कूदकर बाहर की ओर भागी किन्तु उसका पैर ,किसी चीज़ में उलझ गया और दहशत इतनी बढ़ी वो बेहोश हो गयी। 

आखिर प्रदीप चौबे की आत्मा क्या कहना चाहती थी? प्रदीप चौबे अपनी पत्नी पर अपनी मौत का इल्जाम क्यों लगा रहा है   ? उस रात्रि आख़िर ऐसा क्या हुआ था ? प्रदीप चौबे को किसने मारा था नीतिका या फ़िर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने जानने के लिए पढ़ते रहिये - बेचारी



सुबह उठकर बच्चों ने देखा ,माँ कमरे के दरवाज़े पर बेहोश पड़ी थी। राकेश तो पता नहीं ,कहाँ गया ? 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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