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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम्बिनी और भुवन की कहानी है ,जो धन के लालची और धोखे बाज़ हैं ,भुवन भी एक चोर है। दोनों ही अपने - अपने काम को ठीक से अंजाम दे रहे थे। एक दिन उस गांव के प्रधान के बेटे ने ,कादम्बिनी की सम्पूर्ण पोल -पट्टी  गांववालों के सामने खोलकर रख दी। ये उसी का षड्यंत्र था ,ताकि कादम्बिनी की हकीकत सबके सामने ला सके। कादम्बिनी ने उसके दोस्त को भी ऐसे ही फंसाया था ,तब प्रधान के बेटे ने अपने दोस्त का बदला,लेने के लिए, कादम्बिनी को फंसाया और उससे अपने दोस्त को धोख़ा देने के कारण कादम्बिनी से बदला ले लिया किन्तु जब गांववालों को उसकी सम्पूर्ण सच्चाई ,पता चली तो उन्होंने उसे ''प्राण दंड 'देने की सजा की  प्रधान से सिफरिश की किन्तु प्रधान ने ,यह कहकर उसकी सजा को टाल दिया -कि अभी इसका पति यहां नहीं है। 







 कादम्बिनी के पति के आते ही उसे बुलाया गया और कादम्बिनी की सच्चाई से उसे अवगत कराया गया ,जिसे सुनकर भुवन के'' पैरों तले से जमीन खिसक गयी।'' अब आगे -



भुवन अपनी पत्नी की सच्चाई जानकर ,बहुत ही दुखी हुआ किन्तु तुरंत ही उसने अपने को संभाला और सोचा -मैं भी तो इसे धोखा ही दे रहा था ,मैं ही कौन सा' 'दूध का धुला हूँ।'' अभी वो ये सब सोच  ही रहा था ,तभी लोगों के शोरगुल ने उसका ध्यान भंग किया ,



वो कह रहे थे -इसे प्राण दण्ड दिया जाये।



एक बार तो भुवन के मन में भी आया कि इसे जान से मार दूँ किन्तु वो चोर था ,हत्यारा नहीं।प्रधान जी भी ,उसका ही चेहरा देख रहे थे, कि ये अपनी पत्नी के बचाव में क्या कहता है ?किन्तु वो तो कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। माना कि, वो धोखेबाज़ निकली किन्तु वो तो उससे प्यार करता था ,अपना सब कुछ उसे सौंपा। उनका छल का रिश्ता था ,तो ऐसे परिणाम तो आने ही थे। 



तभी प्रधान जी की आवाज़ गूँजी -भुवन तुम्हें अपनी पत्नी के व्यवहार के विषय में तो ,पता चल ही गया होगा। और अब इस गांव के लोगों ने इसके लिए ,मृत्यु दण्ड माँगा है। ये तुम्हारी पत्नी है ,क्या तुम इसके बचाव में कुछ कहना चाहते हो ?



कादम्बिनी अपने व्यवहार के लिए तनिक भी लज्जित नहीं थी ,फिर भी वो उसकी ओर आशा भरी ,नजरों से देख रही थी। 



तब भुवन बोला -मैं मानता हूँ ,इससे गलती हुई है ,इसने लोगों को ठगा है ,किन्तु सम्पूर्ण गलती इसकी भी नहीं ,उसकी बात सुनकर, सभी एक -दूसरे का चेहरा देखने लगे। हाँ ,सम्पूर्ण गलती इसकी ही नहीं है, उसने अपनी बात को दोहराया। सभी की निगाहें भुवन पर टिकी थीं। जब उन लोगों को पता था ,[जो इसके धोखे में आये ]इसका पति बाहर गया है ,यहां नहीं रहता तो इसके पास क्यों आते थे ? मैं उन लोगों से अपने प्रश्नों का जबाब चाहूंगा ,जो मेरे पीछे मेरे घर में आते थे। भुवन के इस तरह के प्रश्न पूछते ही ,लोगों में सन्नाटा पसर गया।



लोगों ने तो सोचा ही नहीं था ,कि वे इस तरह के किसी प्रश्न में उलझ कर रह जायेंगे।वे तो अब इस औरत से छुटकारा चाहते थे। 



 तभी एक स्त्री खड़ी हुई और बोली -तुम्हारे इस तरह प्रश्न पूछने से ,तुम्हारी पत्नी का दोष कम नहीं हो जाता। पाप तो उसने किया ही है।हाँ... हाँ...... फिर से भीड़ एक स्वर में बोल उठी।



तब प्रधान जी की आवाज गुंजी और बोले - कादम्बिनी ने अपराध तो किये हैं ,किन्तु भुवन के कथनानुसार वो ही अकेली दोषी नहीं है,इसीलिए इसके अपराध को देखते हुए ,इसे गाँव से बाहर निकाला जाता है। इसके व्यवहार को देखते हुए भी , यदि इसको क्षमा कर दिया गया तो हमारे गांव की बहु -बेटियों पर इसका क्या असर होगा ? 



कादम्बिनी ,प्रधान को घूर रही थी ,वो चिल्लाकर बोली -ये मेरा  भी गाँव  है ,मैं यहाँ से कहीं नहीं जाऊँगी। मै बरसों से इसी गाँव में रह रही हूँ, अभी मेरे पति ने ही कहा - इसमें मेरा अकेली का कोई दोष नहीं सजा ही देनी है तो, उन लोगों को भी दो, वे भी तो उतने ही दोषी हैं।

 प्रधान उसकी बातो को नजरअंदाज कर ,उठकर चला गया।भुवन को भी ,अब उससे कोई हमदर्दी नहीं थी किन्तु इस बात का संतोष था कि उसके तर्क ने उसे ''प्राण -दंड़ ''से बचा लिया। अब अपने कर्मो का फ़ल भुगतेगी।



इसका अर्थ है -ये दोनों पूर्व जन्म के पति -पत्नी कादम्बिनी और भुवन हैं किन्तु बाबा इनसे मेरा क्या नाता है?पूर्व जन्म में तो इनके कोई बच्चा था ही नहीं ,ऋचा ने पूछा। 



अभी वो ही तो बताने जा रहा हूँ -  











इस हादसे से , भुवन का मन तो बदल गया ,अब उसने चोरी -चकारी छोड़ दी और जो भी उसके पास धन -सम्पत्ति थी ,उसी से उसने काम -धंधा आरम्भ किया और लोगों की सहायता भी करने लगा , किन्तु कादम्बिनी में कोई सुधार नहीं आया बल्कि उसे तो गांववालों पर क्रोध था ,इसीलिए उसने गांव से बाहर एक जंगल में एक कुटिया बनाई और वहां रहकर ,कुछ तांत्रिक क्रियाएँ करने लगीं। अपने बदले की आग में वो तो पूरे गांव को जलाकर राख कर देना चाहती थी किन्तु अभी उसकी कुछ क्रियाएँ अपूर्ण थीं। दूसरे गांव का तांत्रिक उसकी सहायता करता। 



सिद्धि पूर्ण होने के लिए ,उसे कुछ कन्याओं की बलि देनी थी ,सो उसने अपने ही गांव की कन्याओं को ,बहला -फुसलाकर ,उसी जंगल में लाने का निश्चय किया और उसने धीरे -धीरे ,अपने ही गांव से ,लगभग आठ कन्या कैद कर लीं ,पूर्णिमा की रात्रि को उन सभी की बलि देनी थी। अभी और दो लड़कियों की आवश्यकता थी तभी वो क्रिया पूर्ण हो सकती थी। 







क्या कादम्बिनी को सिद्धि प्राप्त करने के लिए ,दो कन्या और मिल सकीं या नहीं। वो पकड़ी गयी या नहीं। क्या उसे पूर्ण सिद्धि प्राप्त हो सकी या नहीं ?ऋचा का उस जीवन में क्या रिश्ता था ?जो इस जन्म की बेटी बनकर आई। उसके जीवन का क्या उद्देश्य है ?जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी ..... 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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