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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल जी ने कभी देखा नहीं ,न ही जानते हैं ,उसका इनके पास कैसे फोन आता है ? ऋचा ने भी उस नंबर से फोन करके देखा किन्तु किसी ने भी नहीं उठाया। अभी तक तो वो ये ही समझे थी कि देहरादून से ''प्रदीप चौबे ''का ही फोन आता होगा। अब वो अपने घर वापिस जाती है और चौबे दम्पत्ति के कमरे में से ,अपनी जरूरत की चीज़ लेकर बाहर आना चाहती है किन्तु वो आत्मा तो दरवाजा ही बंद कर देती है। अब तो ऋचा बुरी तरह घबरा जाती है और किसी तरह बाहर निकलने का प्रयास करती है और उस प्रयास में सफल भी हो जाती है। तब वो बस अड्डे पर आकर ,देहरादून वाली बस में बैठ जाती है। इस बीच उसे लगता है ,जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है किन्तु कौन ?ये जान नहीं पाती। अब आगे -







वो बस से उतरती है और टेढ़े -मेढ़े रास्तों से होती हुई ,आगे बढ़ती जाती है। पहाड़ी इलाका है ,लोग घूम रहे हैं ,मज़े कर रहे हैं। चारों तरफ पहाड़ों के साये ही उसे नजर आ रहे हैं। कुछ धुंध भी है ,उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उसे इतनी ठंड लगेगी,रात्रि का समय है ,पहाड़ी इलाका भी , अब तो ठंड जैसे बढ़ती जा रही है। सड़कों की लाइट से अंदाज़ा लेते हुए वो किसी को रोकती है और उससे कागज पर लिखा हुआ  पता पूछती है , किन्तु वो उसे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाता क्योंकि वो भी तो इस जगह से अनजान है। किसी अन्य व्यक्ति से ,इस तरह तीन -चार लोगों से पूछने के पश्चात वोो, निराश हो जाती है। तब उसे एक लड़का जाता दिखलाई पड़ता है ,पहले तो सोचती है -इसे भी कहाँ मालूम होगा ?अब इतने बड़े शहर में ,कहाँ जाये किससे पूछे ?हताश हो ,आख़िरी बार मन में सोचकर उस लड़के से ,पता पूछती है ,वो उसे पता बताता भी और उसके संग भी चल देता है। 



ऋचा उससे मना करती है ,किन्तु वो है कि सुनने को तैयार ही नहीं है। ये क्या नई मुसीबत है ?उसे एक अंजाना सा भय  भी सताता है। वे लोग कभी किसी पहाड़ी पर चढ़ते और फिर नीचे उतरने लगते। कभी उसे लगता ये अज़नबी उसे भृमित तो नहीं कर रहा। वो उसे टटोलने के उद्देश्य से बातचीत आरम्भ करती है -क्या तुम इन लोगों को जानते हो ?



उसने'' हाँ ''में गर्दन हिलाई।



उनका परिवार कैसा है ?बहुत दिनों बाद आई हूँ न इसीलिए रास्ता भटक गयी। तभी वो एक घर के सामने जाकर रुक जाता है और कहता है -आपकी मंजिल आ गयी।



 वो उस घर का दरवाज़ा खटखटाती है और पीछे पलटकर उसे धन्यवाद के लिए मुड़ती है तभी देखती है ,वो अब भी वहीं खड़ा है और दरवाजा खुलने की प्रतीक्षा कर रहा है। 



अब तो ऋचा को कहना ही पड़ा -आपका बहुत -बहुत धन्यवाद !अब आप जा सकते हैं। 



तभी घर की मालकिन थी ,पता नहीं कौन थी ?बोली -आ गया तू ........ ऋचा की तरफ देखते हुए बोली -ये कौन है ?अपने संग किसे ले आया ?



वो बोला -ये हमारे ही घर का पता पूछ रही थीं, मैंने इन्हें ये घर दिखा दिया कहकर, ऋचा की तरफ देखकर मुस्कुराया ।



तू ऐसे ही ,किसी को भी , अपने घर ले आया ,क्या तू इसे जानता है ?



नहीं !



अभी तक ऋचा उनके घर का जायजा ले रही थी। वो एक फ्लैट था ,उसके ऊपर भी मंजिल थी ,उन माँ -बेटों की बहस सुनकर वो बोली -आप परेशान न होइए। बस मुझे एक बार श्रीमान ''प्रदीप चौबे '' जी से मिला दीजिये। 



उसकी बात सुनकर ,जैसे उन दोनों को चार सौ चालीस वॉल्ट का झटका लगा हो। 



वे दोनों ,एकसाथ बोले - कौन हो तुम ?



जी...... मैं .... आपके शास्त्रीनगर के मकान नंबर अठ्ठावन में रहती हूँ। 



क्या........ ?वो दोनों उसकी बातें सुनकर चौंकते जा रहे थे।उसकी माँ बोली -तुम उस घर में कितने दिनों से रह रही हो ?



यही कोई आठ -दस दिनों से ;



आठ -दस दिन ,क्या तुम्हें वहां कुछ नहीं दिखा ,किसी ने कुछ नहीं कहा। 



कौन कहता ? वहां तो कोई रहता ही नहीं ,वहां तो मैं अकेली रहती हूँ। ऋचा हालाँकि समझ रही थी कि ये लोग किसकी बातें कर रहे हैं ?किन्तु उसने अनजान बनते हुए उन्हें जबाब दिया। अच्छा अब आप लोग ये सब बातें छोड़िये और मुझे चौबे जी से बात करा दीजिये। 



ऋचा की बात सुनकर ,उनका चेहरा मुरझा गया और वो रुआँसी हो गयीं और बोलीं -वो तो यहां नहीं हैं। 



कहाँ गए हैं ?मुझसे उनसे कुछ महत्वपूर्ण बातें करनी हैं ऋचा ने समझाना चाहा। 



पता नहीं !



क्या मतलब ?चौंकते हुए ऋचा बोली। 



वो तो ,अपनी माँ का अंतिम संस्कार करने गए थे ,आज तक नहीं लौटे। 



क्या....... अब चौंकने की बारी ऋचा की थी। कहाँ रह गए ?उनको फोन किया। ढूंढा भी नहीं। 



कैसी बातें करती हो ?मैं अपने पति की खोजबीन नहीं करूंगी उनको ढूंढूगी नहीं। उनके न मिलने पर मैंने तो थाने में रिपोर्ट भी दर्ज़ कराई किन्तु कुछ भी हासिल न हुआ। गहरी उच्छवास के पश्चात बोलीं -मैं तो अपने बच्चे लेकर ,उसी घर में चली गयी कि जब तक वो नहीं मिलेंगे ,मैं नहीं आउंगी। 



फिर क्या हुआ ?



क्या होना था ?उनकी नौकरी पर भी आन पड़ी थी और पता नहीं क्यों, बच्चे ड़र जाते ? मुझे भी रात्रि में कुछ पूजा -पाठ की सी आवाज़ें सुनाई पड़तीं किन्तु दीखता कोई नहीं। कुछ दिनों पश्चात मुझे भी लगता, जैसे कोई मेरे साथ है किन्तु दिखलाई नहीं पड़ता। घर के ख़र्चों की भी परेशानी ,बच्चों की शिक्षा भी बीच में ही रुक गई ,तब हम वापस यहाँ आ गए किन्तु इसके पापा नहीं आये। कहकर अब तो वो रोने लगीं। 



ऋचा के लिए ये बेहद अचम्भित करने वाली बात थी। दीक्षित आंटी भी बता रही थीं कि वो बिन बताये ही चला गया। तब इस बीच क्या हुआ होगा ?''प्रदीप चौबे '' कहाँ है ?इतने बरस पश्चात ,जिन्दा है या फिर........ 



ऐ...... उठो !ऐ....... उठो !की आवाज से ,ऋचा की नींद टूटी। 







उसने आँखें खोलकर देखा -एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति ,उसके बराबर में खड़ा हो उसे जगा रहा था। 



उसने देखा ,वो बस अड्डे की एक बेंच पर बैठी थी। वो अचकचाकर उठी और बोली -मैं यहाँ कैसे ?मैं तो देहरादून की बस में बैठी थी।



 ऋचा को इस तरह हड़बड़ाहट में देखकर वो हंसा और बोला -शायद तुमने कोई सपना देखा होगा ,अब यहाँ से उठो ! मुझे सफाई करनी है। 



ऋचा वहां से उठ तो गयी किन्तु उसे विश्वास नहीं हो पा रहा था कि ये एक सपना था। 



दोस्तों मेरी कहानी ''बेचारी ''आपको किसी लग रही है ,मुझे बताते चलिए कोई सुझाव भी आप देना चाहे तो दे सकते हैं ।आखिर ऋचा के साथ ये क्या हुआ? क्या ऋचा देहरादून सच में ही गयी थी ? या फिर वो एक स्वप्न ही था? वो तो बस में बैठी थी ,बेंच पर कैसे आई ? आखिर प्रदीप चौबे कहाँ गया ? जानने के लिए, पढ़िये! बेचारी   ! 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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