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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पाता। ऐसा नहीं, कि वो मकान पहले से ही ऐसा था ,उसमें एक बुजुर्ग दम्पत्ति रहते थे।  







''प्रदीप चौबे ''उनका बेटा , नौकरी के चलते देहरादून में रहता है, किन्तु वो भी बहुत दिनों से नहीं आया।तब से ही ये मकान ऐसे ही वीरान पड़ा है। बस देवीलाल जी को एक फोन आता है। देवीलाल जी ने वो मकान अब ऋचा  नाम की एक लड़की को दिलवा दिया।







 पहली रात्रि ऋचा, उस' नितिका' नामक भूतनी के चंगुल से बच जाती है ,जो भी ,जैसा भी उसके पिता ने उसे बताया था ,उसने वैसा ही किया। किन्तु आज कि रात्रि उसे भारी पड़ने वाली है क्योंकि वो "आत्मा" जिसका नाम' नितिका 'है ,वो ऋचा के व्यवहार से क्षुब्ध है। आज उसने ऋचा के घर में घुसते ही  उसका अच्छे से स्वागत किया यानि अपना असली रूप दिखा ही दिया ,जिस कारण  आज ऋचा भी ड़र ही गयी। वो उस आत्मा के कारण ,इतनी डरी हुई थी ,जब उसके पापा का फोन आया तो अचानक उसकी आवाज ने उसे हिला दिया। अब आगे -







ऋचा इतनी डरी हुई थी ,कि पापा का फोन आते ही ड़र गयी और उसके हाथ में पानी का जो गिलास था ,वो हाथ से छूटकर ,नीचे गिर गया ,उसकी आवाज़ ने उस वातावरण में और दहशत सी भर गयी। उसने सोचा तो, ये था कि पहले वो उस कमरे में जाकर अपने को सुरक्षित करेगी किंतु फोन था कि बार- बार घण्टी बजे जा रही थी । उसने अपने को संभाला और फोन उठाया - हैलो !















 उधर से उसके पापा की आवाज आई ,क्या हुआ बेटा ?सब ठीक तो है। 







जी..... ऋचा कांपते स्वर में बोली।







 क्या हुआ ?तू कुछ परेशान लग रही है ,उनके स्वर में चिंता थी। 







ऋचा अपने को अधिक देर न रोक सकी और रोने लगी -पापा ! वो तो अत्यधिक भयंकर है उसका तो बहुत ही विकराल रूप है और ऋचा ने अपने पापा से सम्पूर्ण बातें बता दीं।







ऋचा की बातें सुनकर ,वो थोड़े चिंतित हुए ,फिर बोले -मालिनी वो तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी ,वो तुम्हें छू भी नहीं सकती। बस वो तुम्हें दूर, से ही डरा सकती है। मैंने अपने गुरूजी से बात करके ही तुम्हें भेजा था। बस तुम वो सब करती रहो ,जो भी उन्होंने बताया है और मंदिर का दीपक नियम से जलाती रहना ,इससे उसकी शक्ति कमजोर होगी। वो इससे भी ख़तरनाक हो सकती है ,बस तुम्हें जो बताया गया है ,उसे करती रहो। 







पापा के फोन से ,ऋचा में थोड़ी हिम्मत आई ,और सबसे पहले तो उसने ,मंदिर में जाकर दीपक जलाया। उसकी मंशा देखकर '' नितिका ''ने ,एकदम से तेज हवाएं चलाईं ,फिर कुछ डरावनी ,दिल दहला देने वाली चीख़ें भी ऋचा ने सुनी। किन्तु उसने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा ,जब तक उस मंदिर का दिया नहीं जल गया। वह समझ रही थी, यह जो अचानक वातावरण में परिवर्तन हुआ है, ये स्वत नही है  किया गया है। 







 उस मंदिर से बाहर ,मुख्य दरवाजे पर आते ही अनेक मकड़ियाँ वहां जाले बनाने लगीं। तभी ,जो टहनी पेड़ से उसने तोड़ी थी ,वो हवा में तैरते हुए ,उसके सामने से गयी और उसी स्थान पर जाकर लगी। ऋचा ने अब इस ओर से ध्यान हटाया ,सीधे रसोईघर में गयी और अपना सामान लेकर ,ऊपर के कमरे में जाने की तैयारी करने लगी। जैसे ही रसोई से बाहर आई ,उसे अपने ही ऊपर छत पर किसी के खिसटने की आवाजें आने लगीं।















 उसने अभी पहला ही कदम सीढी पर रखा था ,उसे लगा ,जैसे कोई उसे खींच रहा है किन्तु कुछ समय पश्चात ही , किसी की तेज़ चीख़ भी उभरी ,उसे विश्वास था -कि गुरूजी के बताये ,तरीक़े से कोई भी आत्मा उसका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी फिर भी वो थी तो ,बच्ची ही और वो उस चीख़ के कारण ,डरकर तेज गति से ऊपर की तरफ भागी और उसी कमरे में जाकर चैन की साँस ली। उसकी साँसे फूली हुई थी, पापा के दिये विश्वास के कारण ही, आज वो यहाँ है, वरना उसकी हालत भी ऐसी ही होनी थी जैसी अन्य लोगों की हुई है  । 







आज जो कुछ भी उसने देखा ,उसकी आँखों के सामने घूम रहा था। तब वो सोचने लगी ,पापा ने मुझे ही ऐसे स्थान पर क्यों भेजा है ? उनके गुरूजी ने बताया -उस आत्मा का मैं ही ,विनाश कर सकती हूँ ,ऐसा क्यों ?अब तक तो वो जैसे इसे बच्चों का खेल ही समझकर आई थी किन्तु ये सब इतना आसान नहीं था। 







 खाना खाकर लेटकर सोचने लगी ,सोचते -सोचते उसकी न जाने कब आँख लग गयी ? किसी के रुदन से ही उसकी आँख खुली। उसने अपने फोन में समय देखा ,अब रात्रि के बारह बज रहे थे। उसने अपने कमरे की खिड़की से बाहर झाँककर देखा ,उसकी बाहर आने की हिम्मत ही नहीं हुई थी ,उसे लगा - शायद ये उसी आत्मा की कारस्तानी हो सकती है  







उसे बाहर ,वो ही बुजुर्ग दम्पत्ति रोते नज़र आये ,ऋचा सोच रही थी ,पता नहीं ,ये लोग कौन हैं ? और क्यों रोते हैं ? ये उस आत्मा का छल भी हो सकता है ,इसके विषय में पापा से बात करूंगी। तभी उसे स्मरण हुआ ,वो क्या था ? जब मैं सीढियाँ चढ़ने का प्रयत्न कर रही थी ,जैसे किसी ने मुझे खींचा हो और तुरंत ही किसी के चीखने की आवाज भी आई। क्या पापा ठीक ही कह रहे थे कि वो मुझे छू भी नहीं सकती। 







जब वो यहां आ रही थी , तभी पापा ने गुरूजी से मिलकर ,कुछ तैयारियां की थीं ,शायद उन्हें पहले से ही पता होगा कि मेरे साथ क्या -क्या घट सकता है ?तभी वो सफेद पाउडर ,हाथ में देवी के कवच से अभिमंत्रित ये कलावा और इस कमरे में छिड़कने के लिए ,पवित्र जल और भी कई सामान हैं। उसे एहसास होने लगा ,जैसे युद्ध में , भेजने से पहले योद्धा को तैयार करते हैं ,इसी तरह मुझे भी तैयार किया। 







सुबह उठते ही ,सबसे पहले ऋचा के मन में , ये विचार आया। ये आत्मा कौन है ?इससे मेरा क्या संबंध ?मैं ही इसका सर्वनाश कैसे कर सकती हूँ ?अब जो ऋचा के साथ घटनाएँ हो रहीं हैं ,उन्हें देखते हुए तो उसके मन में ऐसे प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है। 







शाम को आज फिर से ,वो उसी बगीचे में गयी वहाँ दो -चार ऐसे ही ,बुजुर्ग़ घूम रहे थे। उनमें से वो भी थे ,जो उसे पहली दफा मिले थे। उसे देखकर ,बोले -बेटा ,अब भी क्या तुम उसी घर में हो ? 







जी..... उन्हें देखते हुए बोली। वो उसे आश्चर्य से देख रहे थे। 



वो बुजुर्ग दम्पत्ति कौन है ? क्या वे उस घर के विषय में कुछ जानते हैं  ? क्या ऋचा के सवालों का जबाब उसे मिल पायेगा? पढ़ते रहिये - बेचारी 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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