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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023

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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर तक रोती है। माँ मिली भी ,तो इस रूप में ,किन्तु उसके पापा उसे पहले ही सचेत करते हैं- कि अब वो तेरी माँ नहीं ,ऋचा अपने पिता से पूछती भी है, कि मेरी माँ का देहांत कैसे हुआ ?किन्तु उसके पिता के पास कोई जबाब नहीं था। अपना मन हल्का कर ,तब वो अपने घर जाती है ,घर पहुंचने से पहले ही उसे एक लड़की अपने घर के दरवाज़े पर दिखाई देती है। वो ऋचा को अपना परिचय देती है -मैं कणिका हूँ ,इस घर में एक कमरा किराये पर चाहिए। ऋचा तो पहले से ही ,घर में जाने से ड़र रही थी ,एक से भले दो सोचकर ,उसने कणिका को रहने की इजाज़त दे दी। उसके आने से ऋचा प्रसन्न है ,ऋचा अपने लिए खाना बनाती है और कणिका से भी पूछती है किन्तु कणिका उसे कोई जबाब नहीं देती ,तब ऋचा स्नानागार का जैसे ही दरवाज़ा खोलती है तुरंत ही बंद कर देती है। अब आगे -







कणिका..... कणिका....... ऋचा उसे आवाज लगाती है किन्तु वो कोई जबाब नहीं देती तब ऋचा उस स्नानागर का दरवाजा खोलती है तो देखती है ,उसके सामने जो ,कणिका है किन्तु शीशे में उसका असली चेहरा नजर आ रहा था। ऋचा को कुछ ,सूझा नहीं और बोली -माफ करना !तुम्हारी आवाज नहीं आई तो......... कहकर उसने दरवाजा पुनः बंद कर दिया। वो अंदर से काँप रही थी ,जो उसने अंदर देखा ,अविश्वनीय था। जो वो दिख रही थी ,असल में वो नहीं थी। शीशे में उसका डरावना चेहरा ,कुछ नई कहानी कह रहा था ,यानि कि ये उस नितिका की  ही,रूप बदलकर उसके सामने आने की नई चाल थी।उसका ड़र के कारण ,गला सूख गया , उसने रसोईघर में जाकर पानी पिया फिर अपने को संयत किया। वो प्रतिदिन की तरह ही ,अपना खाना लेकर ऊपर वाले कमरे में जाना चाहती है।इससे पहले उसे मंदिर का दिया भी तो जलाना है। वो शीघ्र ही मंदिर का दिया जलाने जाती है किन्तु उसका पैर फिसल जाता है और धड़ाम से गिरती है।आज उसका पैर फिसला नहीं ,वरन उसे गिराया गया था।  



वो खिसककर ,आगे बढ़ने लगती है ,आज उसे मंदिर तक पहुंचना कठिन लग रहा था। कणिका अंदर बैठे -बैठे आज उसे अपनी शक्तियां दिखला रही थी। उसके पैरों की शक्ति जैसे किसी ने निचोड़ ली हो ,वो आगे बढ़ने की पुरजोर कोशिश कर रही थी। किन्तु असफलता ही हाथ लगी ,उसके नेत्रों से अश्रु जल बह निकले,घर के अंदर से बहुत ही तेज हंसने की आवाज आ रही थी ,तभी उसे स्मरण हुआ और उसने मन ही मन ''हनुमान चालीसा '' आरम्भ की। जैसे -जैसे वो हुनमान चालीसा पढ़ती गयी ,उसकी शक्ति बढ़ी और उसने खड़े होने का प्रयत्न किया और तेज कदमों से मंदिर के करीब पहुँच गयी। वहां तक पहुंच तो गयी किन्तु अब वो काफी थकावट महसूस कर रही थी। 



ज्यों ही उसने ,मंदिर का दीपक जलाया उसका प्रकाश ऋचा के ऊपर पड़ा और वो पहले की तरह तरो -तजा हो गयी। हां, अब अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। ऋचा को आज देवी माँ के सहयोग की बहुत आवश्यकता थी क्योकि वो जानती थी ,कि आज की रात पता नहीं क्या होगा ?जो लड़की उसके संग है ,वो असलियत में ,एक आत्मा है जिसने कणिका के रूप में ,अपने को बदला है। ऋचा ने ,अपने माथे तिलक लगाया और अपने उस अभिमंत्रित कलावे को भी। 



पूरे विश्वास के साथ ,उसने घर के अंदर कदम रखा। दूर से ही उसने देखा ,उसके बाल खुले और वो जमीन किसी कुत्ते की तरह घिसटकर चल रही थी। जैसे -जैसे ऋचा आगे बढ़ रही थी वो तेज गति से पता नहीं किस दिशा में जा रही थी। इस समय उसका दूर जाना ही ,ऋचा के लिए लाभकारी था। ऋचा भी ,अपने कमरे में जा पहुंची। वो सो गयी ,आजकल उसे वे दोनों बुजुर्ग भी नहीं दिख रहे थे किन्तु आज मध्य रात्रि में ,दोनों जैसे उसे बुला रहे थे। ऋचा उनके समीप पहुंची ,तब उन्होंने हाथ के इशारे से उसे कुछ समझाना चाहा। ऋचा ने देखा- ये उस और ही इशारा कर रहे थे जिस ओर वो नकली कणिका खिसटते हुए गयी थी। 



ऋचा उधर ही चल दी ,वो आगे बढ़ रही थी एक गलियारे को पार करके उसे एक सीढी दिखाई दी ,वो तो एक कमरे और रसोई के अलावा ,घर के अंदर कभी गयी ही नहीं। उस गलियारे में उसे ,कुछ तस्वीरें भी दिखीं ,जिन्हें देखकर ,वो पहचानने का प्रयत्न करने लगी। तभी उसे वे दोनों बुजुर्ग ही उसमें नजर आये ,पास ही एक तस्वीर और थी। कोई ह्रष्ट -पुष्ट व्यक्ति की थी ,ऋचा ने अंदाजा लगाया शायद ये उनका बेटा हो। ये कणिका भी कहीं नहीं दिख रही ,कहाँ चली गयी ?इसे होना तो यहीं चाहिए था। 



ऋचा उन सीढ़ियों से होते हुए ,नीचे एक कमरे में आ गयी ,वो कमरा काफी बड़ा और गंदा था। उसने कमरे में देखा ,दो हंडिया रखी थीं और एक तरफ कुछ ढका रखा था ,जैसे कोई सो रहा हो। ऋचा वहां का वातावरण देख ,उसे उस स्थान को उघाड़ने की हिम्मत नहीं कर पाई। तभी उसे ,कहीं से कुछ मंत्रों की आवाज भी सुनाई दे रही थी किन्तु वो किधर से आ रही थी ये जान नहीं पाई। वो अपने मन को स्थिर कर उस आवाज को सुनने का प्रयत्न करने लगी। तभी उसे लगा जैसे ये आवाज दीवार के पीछे से आ रही थी। वो ध्यान से उन दीवारों में कान लगाकर सुनने लगी। तभी उसकी दृष्टि ,सामने दीवार पर गयी तो उसकी तेज चीख़ निकल गयी। उसके चीखते ही ,उसकी आँख खुल गयी।







 

वो डर के कारण ,पसीने से तरबतर थी ,उसे अब भी एहसास हो रहा हो जो उसने उस स्थान पर देखा ,उसने देखा -दीवार पर दो लाल और डरावनी आँखें उसे देख रही थीं ,जैसे ही उन पर दृष्टि पड़ी वे आँखें बढ़ने लगीं दो से तीन तीन से चार और धीरे -धीरे सम्पूर्ण दीवार पर चमकने लगीं ,तभी ऋचा की आँखें खुल गयीं किन्तु उसे अब भी लग रहा है जैसे वे आँखें उसे अब भी देख रही हैं ,उसका पीछा कर रही हैं। ऋचा ने अपनी आँखें बंद कर लीं। बंद आँखों में उसे वही दीवार नजर आ रही थी ,कुछ देर इसी तरह बैठे रहने के पश्चात ,उसने अपनी आँखें खोलीं। वो सोच रही थी -आज वे दोनों बुजुर्ग मेरे सपने में क्यों आये ?क्या वो मुझे कुछ बताना चाहते थे ?क्या इस घर में ,ऐसा भी कोई स्थान हो सकता है ?वो दो कलश किसके हो सकते हैं ?और वो चादर से क्या ढका था ?कहां से मंत्रोउच्चारण की आवाजें आ रही थीं।सुबह उठकर ,जाकर देखना होगा ,अब तो उसकी हिम्मत जबाब दे चुकी थी। सोचते -सोचते वो लेट गयी किन्तु फिर उसे नींद नहीं आई। 

क्या ऋचा को उसके सवालों के जबाब मिलेंगे ? जानने के लिए पढ़ते रहिये - बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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