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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके अपने ही ज़िम्मेदार हैं ,तब वो बहुत परेशान हो जाती है ,जिनका हल उनकी मौत से होकर गुजरता है। ऋचा जब उस स्थान पर ,जाती है तब उसका साहस ,जबाब दे जाता है और वो बाबा से ,मना कर देती है। तब बाबा कहते हैं -आगे जो भी मौतें होंगी ,उनकी ज़िम्मेदार सिर्फ तुम होंगी और उसे समझाते हैं। और वो मान भी जाती है। अब आगे -







ऋचा बाबा के संग ,रात्रि में निकलती है। दिन के समय वो दृश्य देखकर वो पहले ही आतंकित थी किन्तु इस समय  बहुत अँधेरा था। चारों ओर ,घनघोर सन्नाटा था ,वो सन्नाटा भी बहुत ही ख़ौफ़नाक लग रहा था।जब सारी दुनिया नींद की आगोश में सिमट रही थी ,तब ये लोग ,उस अँधेरे को चीरते हुए ,अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे। बस छोटी सी रौशनी के सहारे वो आगे बढ़ रहे थे। जब उस स्थान के करीब पहुंचे ,तभी ऋचा की चीख़ निकल गयी -ई.... ई...... 



बाबा ने उसकी तरफ देखा ,तब उसने नीचे की तरफ इशारा किया। बाबा ने उस रौशनी को नीचे किया और मुस्कुरा दिए क्योंकि उसका पैर किसी नर की कंकाल की अंतड़ियों में जा फंसा था। बाबा ने उसके पैर से ,उसे अलग किया और मन ही मन बुदबुदाए -बेचारी... बच्ची.... इस उम्र में भी न जाने इसे क्या -क्या देखना पड़ गया है ?



जब वो लोग उस स्थान पर पहुंचे ,वहां पर पहले से ही ,वो आत्मा आ चुकी थी। बाबा ने उससे एक निश्चित स्थान पूछा और वहीं पर कुछ मंत्रोच्चारण करने लगे। बाबा ने जो यंत्र बनाया था ,वो ऋचा को दिया ,उस यंत्र को देखकर ,वो आत्मा बोली -मैं इस यंत्र के साथ ,इसके शरीर में प्रवेश नहीं कर सकूंगा। 



बाबा ने समझाया -वो जिम्मेदारी मेरी है ,किन्तु उस यंत्र के साथ, तुम्हें कुछ कष्ट तो अवश्य होगा ,वो पवित्र यंत्र है। उसके छूने मात्र से तुम भस्म हो सकते हो ,इसीलिए मैंने उसे अनेक आवरणों में लपेटा है ,ताकि तुम्हें उसका स्पर्श न हो। किन्तु उसकी शक्ति ,का तेज़ फिर भी तुम्हें कुछ कष्ट दे सकता है।



 एक अच्छे कार्य के लिए ,मैं कष्ट सहने को तैयार हूँ। 



अपनी मौत को सामने देखकर ,वो तुम्हें प्रलोभन भी दे सकता है ,सकती है किन्तु तुम्हें किसी भी प्रलोभन में नहीं आना है बाबा ने समझाया। 



ऋचा बोली -बस एक बार मुझे उनके समीप पहुँचा दो उसके पश्चात मैं स्वयं देख लूँगी। 



वो जोश में ,कह तो गयी किन्तु बाबा को तब भी ,उस पर थोड़ा अविश्वास था। जब अपने पिता का मुख देखेगी तब कमज़ोर पड़ सकती है। 



बाबा ने मन ही मन निश्चय किया ,मैं भी अपने सूक्ष्म रूप में इनके साथ ही ,उस स्थान पर प्रवेश कर जाऊंगा। अब वो भी ,वहीं आसन जमाकर बैठ गए। इस समय ऋचा भी अपने में नहीं थी ,क्योंकि उस पर उस आत्मा का कब्ज़ा था। वो आगे बढ़ा जा रहा था। उस स्थान पर अज़ीब गंध फैली थी ,चारों ओर नर कंकाल घूम रहे थे। जिनकी आत्मायें ,'नितिका' के नियंत्रण में थीं। वो आत्मा भी ऋचा के शरीर के साथ वहां प्रवेश कर गयी। सामने ही ,उसके पिता किसी तांत्रिक क्रिया में ,तल्लीन दिखलाई दिये। 



 उस आत्मा से बाबा ने सम्पर्क साधा और बोले -उसके समीप जाकर देखो ! जैसे ही वो उसके समीप गया ,उसे एक ज़ोरदार झटका लगा।



 ''नितिका ''तेज़ी से हंसी ,तू क्या समझता है ? मैंने अपनी सुरक्षा के लिए ,कोई उपाय न किया होगा। मेरे समीप कोई आत्मा नहीं आ सकती। ये सभी मेरे वश में हैं और एक दूरी बनाकर रहते हैं। तू मेरे वश में नहीं ,यदि होता तो यहाँ मेरे क़रीब आने का प्रयत्न न करता। बता ! तू किसके साथ है ?किसका कहा मान रहा है ?और इस शरीर के साथ तो ,तेरा उद्देश्य तो सही नहीं हो सकता। 



उसकी बातें और फटकार सुनकर ,वो आत्मा घबरा उठी। 



अब देख, मैं तेरी क्या हालत करती हूँ ?



बाबा ने तुरंत सम्पर्क साधा और बोले -इसके तन को छोड़ दो ! तुरंत छोड़ दो !अपना बचाव करो।



वो तुरंत ही ऋचा के शरीर से बाहर आ गया ,एकाएक इस झटके से ,ऋचा वहीं गिर पड़ी और अचेत हो गयी। वो आत्मा ,अपने बचाव के लिए ,उस स्थान से बाहर जाने लगी। नंदिनी उस पर ,अपनी शक्तियों से प्रहार कर रही थी और वो बचने का प्रयास। 



बाबा ने ऋचा को कई बार चेताया -उठो !!!!ऋचा ,उठो!!!!!होश में आओ !उसके मष्तिष्क में ,बाबा की आवाज़ गूंज रही थी ,जब ऋचा थोड़ा होश में आई ,तब बाबा का आदेश आया जाओ! उस स्थान पर चली जाओ ! तुम कोई आत्मा नहीं ,तुम उस स्थान पर जा सकती हो। अपना यंत्र निकालो ,शीघ्रता करों !अभी उसका ध्यान उस आत्मा को दंड देने में है। अगर तुम अभी चूक गयीं ,तो तुम्हारी मौत भी हो सकती है और ये मौत के सिलसिले कभी रुकेंगे नहीं। 



एकदम से ऋचा को साहस आया और वो उसी स्थान पर जा बैठी ,बोली -माँ ,अब ये तांडव रोक दो ,आपने बहुत अपनी मनमर्ज़ी चला ली। अब तो अपनी इन शैतानी बातों से तंग आ जाओ !



नितिका तेजी से हंसने लगी ,और बोली -ये तेरा बाप है ,मैं नहीं..... कहकर ,उसके तन से बाहर आ गयी। उसके निकलते ही ,उसका पिता ,बेबस ,लाचार नजर आ रहा था और एक तरफ को उसका शरीर लुढ़क गया । 



उधर बाबा ने ,अपना माथा -पीट लिया ,ये तो इसके तन से बाहर आ गयी और ऋचा को भी चेताया। 



ऋचा बोली -ये मेरा बाप है ,किन्तु तुम्हारे बिना ये कुछ भी नहीं कर सकता। तुम्हारा भी कोई अस्तित्व नहीं है। इनके बिना तो तुम भी कुछ नहीं कर पाओगी।

नहीं ,मुझे अब इसके तन की भी आवश्यकता नहीं। तब ऋचा को लगा ,इससे तो बेहतर है , मैं इसे अभी मार डालूँ ,उसने वो यंत्र उसकी ओर फेंका और वो यंत्र,सीधा उसके पिता के सीने में जाकर लगा। यह देखकर ऋचा ,चौंक गयी और हतप्रभ सी हो, उन्हें देखने लगी , क्योकि जो यन्त्र उसने नीतिका की तरफ फेंका वो सीधा उसके पिता के सीने में प्रवेश कर गया। यानी नीतिका उसे अभी भी भृमित कर रही थी।कि वो उसके पिता के तन से बाहर है। उस यन्त्र के लगते ही, नीतिका के साथ- साथ उसके पिता भी अचेत हो गए ऋचा को, कुछ  भी समझ नहीं आया और वो रोने लगी।



उसके मरते ही ,वहां की सभी नकारात्मक शक्तियां स्वतः ही नष्ट हो गयीं। अब तो बाबा  ऋचा के करीब आ गए ,उन्होंने रोती हुई ,ऋचा को शांत किया और बोले -अब दिन भी निकलनेवाला है ,इनके अंतिम संस्कार की तैयारी करते हैं। 



अंतिम संस्कार के पश्चात ,ऋचा दुखी तो थी ही ,किन्तु उसके मन में अभी भी ,कई प्रश्न कौंध रहे थे और उसने बाबा से पूछा -ये कैसे हो सकता है ?मैंने तो उस ''नितिका '' पर वो यंत्र फेंका था फिर पापा को जाकर कैसे लगा ?



बाबा बोले -जब मृत्यु सामने होती है ,तब कुछ नहीं सूझता ,जब तुमने नितिका के नाम से वो यंत्र उस पर फेंका ,तब वो पुनः अपने बचाव के लिए ,तुम्हार पिता के तन में प्रवेश कर गयी क्योंकि अब तक वो ,उसके तन द्वारा ही बची हुई थी। प्रवेश करते ही ,उस यंत्र का रुख भी मुड़ गया। मैंने इसी तरह से इसे तैयार किया था जिसके नाम से इसे छोड़ा जायेगा ,वो कहीं भी हो ,उसे ढूँढ ही लेगा। 



ऋचा बोली -चलो ,अब ''नितिका की कहानी तो अब समाप्त हुई ,प्रदीप और उसके माता -पिता का क्या होगा ?



उसके बच्चे तो कल ही आ जायेंगे और कल ही सम्पूर्ण क्रिया पूर्ण कर देंगे बाबा ने बताया।  







अगले दिन प्रदीप का बेटा और उसकी बहन आते हैं ,बाबा उन्हें उनके दादी -बाबा के अस्थि -कलश ,उन्हें सौंपते हैं। उनके पिता का तो कोई भी संस्कार नहीं हुआ था ,उसे तो ऐसे ही जमीन में गाढ़ दिया था। बाबा ने वहीं की थोड़ी मिटटी लेकर ,उसे एक पोटली में बांध दिया। उसने साथ ही गंगा जी में जाकर ,सभी विधियां पूर्ण कीं। अब तो ऋचा का कार्य भी पूर्ण हुआ ,अब वो भी अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ चली गयी। उन बच्चों को उनके घर की चाबी देकर ,बाबा भी चले गए। बच्चों ने सोचा -अभी हम लोग वहीँ रहते हैं ,और अब इस घर में कोई बुरी आत्मा भी नहीं। तब उन्होंने उस घर पर एक तख्ती लगा दी -''यह घर ख़ाली है। ''किन्तु आज भी इसमें कुछ चीख़ें सुनने को मिल जाती हैं।

दोस्तों! मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी? अपनी समीक्षाओं द्वारा अवश्य ब्ताइयेगा और मेरी अगली कहानी "ऐसी भी ज़िंदगी" को अपना प्यार दीजियेगा।  धन्यवाद🙏
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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