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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। लोग कहते हैं -कि वहां किसी की आत्मा निवास करती है ,कोई भी उस स्थान पर आना पसंद नहीं करता किन्तु देवीलाल जी घर की ज़िम्मेदारियों के चलते ,उस बच्ची ऋचा को उस घर को दिखा देते हैं जबकि उनकी पत्नी ने ,उनसे ऐसा करने के लिए मना किया था।ये मकान ''प्रदीप चौबे जी ''का है ,जो देहरादून में रहते हैं। इससे पहले इनके माता -पिता इस घर में रहते थे जो अब नहीं रहे। ये घर बर्षों से इसी तरह खाली पड़ा है। कोई इस घर में आता भी है तो एक दिन भी नहीं टिक पाता। स्वयं देवीलाल जी भी ,उस घर में दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं किन्तु उन्हें किसी अनजान व्यक्ति का फोन आता है कि  इस घर को, किसी को किराये पर उठा दो। परिस्थिति वश वो, ऋचा को वो घर दिलवा देते हैं और वो ये सोचकर ही सिहर उठते हैं कि बेचारी बच्ची का क्या होगा ?अब तो उसकी रक्षा भगवान ही करेंगे।यह सोचकर अपनी जिम्मेदारियों और लापरवाही से पल्ला झाड़ लेते हैं। 







 ऋचा ने  घर की सफाई करके,अपना सामान जमाया और खाना खाकर आराम किया। एक आदमी का कितना काम होता है ? अब करने को कुछ नही था।तब ऋचा अपने घर के सामने ही ,एक पार्क में टहलने जाती है ,उस बगीचे में कोई भीड़ नहीं ,कोई एक आध बुजुर्ग ही घूम रहे थे। और वे लोग उसे टहलते हुए देखकर बोले -बेटी ,क्या यहाँ नई आयी हो ?

जी ,ऋचा ने जबाब दिया।

तुम्हारा परिवार कहाँ है ?एक ने प्रश्न किया।

जी... मैं अकेली ही हूँ ,यहां नौकरी के लिए आई हूँ। दोनों बुजुर्गों ने एक -दूसरे की तरफ देखा और चुप हो गए। अपना ख़्याल रखना ,कहकर वो लोग चले गए। अब ऋचा भी अपने घर की तरफ चल दी ,उसने उनकी बातों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया किन्तु जब वो घर के अंदर गयी तो  यह देखकर हैरान रह गयी।  घर का सारा फर्निचर,सोफे और कुर्सियाँ उलट -पुलट थे ,उसे  यह देखकर,हैरानी हुई , वह सोच रही थी -बंद घर में ऐसा कौन कर सकता है ? 



शाम भी हो रही थी , सबसे पहले, उसने उस घर के मंदिर में दिया जलाया और आरती भी गाई। अंदर आकर ,वो स्रोईघर में गयी। वहां पहले से ही ,पानी बह रहा था मन ही मन बड़बड़ाई -इस तरह नल खुला कैसे रह गया ?उसे लग रहा था - जैसे  आस पास कोई है ? उसने अपने लिए खाना बनाया ,उसकी खाने की थाली खिसककर, दूसरी तरफ चली गयी।उसे अंदर से डर महसूस हुआ, हालाँकि वो अपने को ऐसे दिखला रही थी कि इन बातों से उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। किंतु मन ही मन उसे डर लग रहा था।तभी  एक ही झटके में  उसने अपनी थाली उठाई और पानी लिया और ऊपर की तरफ चली गयी। वैसे तो अपने मन में साहस दिखला रही थी किंतु उसे ऐसा आभास हो रहा था जैसे कोई उसके आस पास, आगे - पीछे है किसी की दृष्टि उसे घूर रही है । रात्रि के समय, उस निर्जन से दिखने वाले मकान में वो अकेली थी ।अपने कमरे में जाकर ही ,उसने चेेन की साँस ली ,उस कमरे में , उसने एक पदार्थ छिड़का और आराम से बैठकर खाना खाने लगी।उसे कमरे के बाहर कोई छाया दिख रही थी किन्तु वो निश्चिन्त थी। 



बाहर से ,कभी किसी सामान के गिरने की आवाज आ रही थी। कभी जैसे कोई दीवारें खरोंच रहा हो। कभी लगता -जैसे कोई रो रहा है ,किन्तु उसने तो जैसे, इस कमरे को अपना कवच बना लिया। वो बाहर नहीं निकली , एकबारग़ी वो कमरे के बाहर छज्ज़े पर आई थी। बाहर दहशत भरी अँधेरी रात्रि थी। उसने नीचे देखा ,दो बुजुर्ग हाथ थामे ,एक कोने में बैठे हैं और रो रहे हैं। उनके रुदन में इतना व्याकुल कर दिया,कि ऋचा अधिक देर तक सुन नहीं पाई ,किन्तु ये लोग मेरे घर के अंदर क्या कर रहे हैं ?अभी वो ऐसा सोच ही रही थी कि बड़े जोरों से पेड़ों के हिलने की आवाज आई। और एक साया लहराता हुआ सा ऊपर की तरफ आया किन्तु ऋचा इस चीज के लिए जैसे पहले ही तैयार थी और वो फुर्ती से अंदर चली गयी।बाहर से चीखने की आवाजें ही आ रही थीं वो भी इतनी डरावनी कोई और होता तो डरकर बेहोश हो जाता या घर छोड़कर ही भाग गया होता। किन्तु ऋचा अंदर उस कमरे में जाकर,फिर  बाहर नहीं आई और  प्रात काल,जब तक सूरज सिर तक नहीं आ गया ,वो अंदर ही रही। 







 अब दफ्तर जाने का समय भी हो गया ,वो नीचे आई ,और अपने दफ़्तर जाने की तैयारी करने लगी। उसने देखा ,उसका एक -एक सामान बिखरा पड़ा है ,जैसे  ये घर किसी के क्रोध का भाजन बना हो। उस सब पर ध्यान न देकर ,वो तैयार होने लगी। परेशानी तो थी, कोई भी सामान सही जगह पर नहीं था ,उसे क्रोध तो बहुत आ रहा था किन्तु कहे भी किससे ,कोई दिखाई तो दे ?



तभी देवीलाल जी का स्वर गूंजा -ऋचा..... ऋचा..... !

ऋचा बाहर आई और बोली -क्यों सेठ जी सुबह -सुबह कैसे आना हुआ ?अभी मैं अपने दफ्तर के लिए तैयार हो रही हूँ। ऋचा को सही -सलामत देखकर ,उनकी जान में जान आई ।

बोले -कुछ नहीं ,बस ये पूछने चला आया कि कोई परेशानी तो नहीं है।

ऋचा ने उन पर व्यंग्य करते हुए कहा -जब आपने मकान दिलवाया है ,तो काहें की परेशानी ?कहकर हँस दी। ऋचा सेठजी से बोली -बाहर से ही पूछते रहेंगे या अंदर भी आएंगे।

सुनते ही सेठजी घबराकर बोले -नहीं -नहीं ,मैं तो बस ख़ैर -ख़बर पूछने आ गया था ,अब चलता हूँ ,कहकर वहां से ''नौ -दो ग्यारह हो लिए ''



ऋचा से मिलने के पश्चात भी, वो परेशान थे ,जिस घर में इतने लोग आये और एक रात भी नहीं टिक पाए ,ये कैसे ?अकेली बच्ची है। नंदू तो यहां के नाम से ही कांपता है और ये बच्ची..... कुछ तो बात अवश्य है। 

दफ्तर जाते समय ,ऋचा के पापा का फोन आता है -मालिनी बेटा !क्या कर रही हो ?

जी पापा ! मैं अपने दफ्तर के लिए निकली हूँ।

रात में कोई परेशानी ......

उनकी बात पूर्ण होने से पहले ही ऋचा बोली -पापा वो तो बहुत खतरनाक है किन्तु जैसे आपने बताया ,मैंने वैसा ही किया। आप बेफ़िक्र रहें , मैं सब संभाल लूँगी। कोई परेशानी होगी तो आपसे कहूंगी और वो अपने सेठजी का किस्सा उन्हें हँसते हुए बताने लगी कि कैसे उनके चेहरे की हवाइयाँ उडी हुई थीं ?

जिसका ये फोन आया वो ऋचा को मालिनी क्यों बोल रहे थे  क्या ऋचा इस घर के विषय में इससे जुड़े खतरों के विषय में पहले से जानती थी? वो किसके लिए कह रही थी - पापा वो तो बहुत ख़तरनाक है  ये शब्द किसके लिए  थे ? कौन है वो..  . 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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