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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''की शक्तियां बढ़ती जा रही थीं, किन्तु जैसे ही नितिका की आत्मा को ज्ञात होता है -कि ऋचा द्वारा ही उसकी आत्मा की मौत होगी यानि उसे मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए उसको भी तो तैयार होना होगा। वो आत्मा ,ऋचा के शरीर पर ही कब्ज़ा कर लेती है ,अब बाबा को कुछ अनिष्ट की आशंका होती है और ऋचा के शरीर से ,उसे बाहर आने के लिए कहते हैं -किन्तु वो बाहर नहीं आती तब बाबा उस आत्मा पर अपने मंत्रों से प्रहार करते हैं जिसकी मार वो सहन नहीं कर पाती और विवश होकर बाहर आ जाती है। अब आगे - 



वो बाहर आ गयी ,किन्तु उसके क्रोध की अग्नि ,उस वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा भर रही है ,किन्तु अभी ऋचा उस मार के कारण सम्भल नहीं पा रही है और वो इसी तरह ,बैठी रही ,उसके शरीर का पोर -पोर दुःख रहा है।किसी बाहरी आत्मा का अपने अंदर प्रवेश करना और उस ताकत के बाहर आने पर, उसको जो शरीरिक् दण्ड मिला उसके कारण अब ऋचा को कष्ट हो रहा था । 







 तब उसके पापा ,बाबा से कहते हैं ,बाबा आपने ये क्या कर दिया ?मेरी बेटी में तो जैसे शक्ति नहीं रही। 



बाबा बोले -किसी भी आत्मा का शरीर में प्रवेश होना, कोई आसान कार्य नहीं ,उसके बाहर आने से भी, शरीर को कष्ट तो होगा ही ,किन्तु कोई परेशानी की बात नहीं कुछ समय पश्चात ,ये सामान्य हो जाएगी।



अपनी ही बातों में ,वो इस तरह लीन थे कि उन्हें नितिका का स्मरण ही नहीं रहा ,वो उस स्थान से बाहर भी नहीं जा सकती थी ,तभी एकाएक ,ऋचा बहुत तेजी से हँसी और सीधी खड़ी हो गयी। अभी वो लोग कुछ करते या सम्भलते ,ऋचा ऊपर उड़ने लगी ,अब वो छत की ओर नहीं ,वरन खिड़की की ओर जा पहुंची थी और जोर -जोर से हंस रही थी। शायद उनकी लापरवाही पर ,या फिर अपनी होशियारी पर  प्रसन्न हो रही थी  जोर- जोर से ठहाके लगाकर हँस रही थी। 



वो खिड़की से बाहर आ चुकी थी बाबा और उसके पापा ,उसके पीछे -पीछे थे किन्तु बाहर तो घुप्प अँधेरा था। बाबा को जिस बात का ड़र था ,वही हुआ ,वो नहीं चाहते थे कि नितिका की आत्मा उसे लेकर बाहर जाये ,इस तरह तो उसका मिलना कठिन हो जायेगा।



 पता नहीं ,इस बच्ची को लेकर कहाँ जाएगी कहकर ऋचा के पापा ने अपना माथा पीट लिया।



नितिका की आत्मा भी प्रसन्न थी, कि जिसके द्वारा उसकी मुक्ति लिखी है ,आज वो ही मेरे कब्ज़े में है उसका बाप तो वैसे ही उसके ग़म में मर जायेगा। 



तभी बाबा... फिर से अपने आसन पर बैठ गए और बोले -इस समय उसकी शक्तियाँ बहुत अधिक हैं ,किन्तु उसे ज्यादा दूर नही ले जा सकेगी और आँखें मूंदकर ,फिर से अपनी पूजा में लीन हो गए।



ध्यान में लीन ,उन्हें सुबह के चार बज गए ,ऋचा के पापा भी सो नहीं पाए वे बाबा के अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे। 



कुछ समय पश्चात बाबा ने अपनी आँखें खोलीं और बोले -चलो ! 



कहाँ ?????उन्होंने पूछा। इससे पहले ही बाबा, तेज गति से बाहर की तरफ निकल गए ,अमृत बेला थी ,चारों तरफ़ सुनसान था ,सड़कें भी सुनसान पड़ी थीं ,अभी कोई इक्का -दुक्का ही जाता दिख रहा था। बाबा और मैं आगे बढ़े जा रहे थे। बाबा अपनी भभूत से एक रेखा सी बनाते जा रहे थे। चलते -चलते बाबा ने किसी से पूछा -किधर है ?वो !!!!



उसने दाईं ओर इशारा किया ,बाबा चलते चले गए ,लगभग चलते हुए ,हमें एक घंटा हो गया था। वो इसीलिए भी बाबा से कुछ पूछ नहीं रहे थे ,कभी बाबा के ध्यान मंत्र में बाधा न पड़ जाये। चलते -चलते वे एक श्मशान की ओर बढ़ गए। श्मशान देखकर ,उनके होश उड़ने लगे ,और परेशान हो उठे ,अब तो उनसे रुका ही नहीं गया और बाबा से पूछ बैठे -बाबा मेरी बच्ची को कहीं उसने मार... इससे पहले कि वो अपना वाक्य पूर्ण कर पाते ,बाबा ने हाथ के इशारे से रोक दिया। 



कुछ देर चलने के पश्चात ,बाबा एक स्थान पर रुके,वो तो किसी की खुदी हुई कब्र थी। जिसमें ऋचा लगभग बेहोश पड़ी थी। एक ही दिन में ,वो कितनी कमज़ोर और बेजान सी लगने लगी थी ?उसकी हालत देखकर उसके पापा को रोना आ गया और वो सीधे उस कब्र में उतर गए। अब तक तो ,सूर्य का प्रकाश भी फैलने लगा था। उन दोनों ने मिलकर ,ऋचा को उस कब्र में से निकाला। बाहर लाकर देखा तो ,उसका मुँह खून से सना हुआ था। 



बाबा इसने तो... 







हाँ ,इसके माध्यम से ''नितिका की आत्मा ''ने अपनी भूख मिटाई है ,जिसने हमारी सहायता की ,वो उसी तन की आत्मा थी बाबा ने बड़ी ही सहजता से कहा। 



ऋचा के पापा उनकी बातों का मर्म समझकर ,वमन करने लगे। थोड़ा संभलकर बाबा से बोले -बाबा इसे डॉक्टर के पास ले जाना होगा। ऐसा लगता है ,जैसे- उसने इसका सम्पूर्ण रक़्त ही निचोड़ लिया हो। 



बाबा बोले -वो इसका शरीर छोड़ेगी नहीं ,वो इस पर कब्ज़ा करने पुनः आएगी। 



बाबा मेरी बच्ची न जाने, किन झंझटों में फंस गयी ?जब वो मेरे अंदर थी ,तभी उसे समाप्त करवा देना था। 



उसके साथ -साथ तुम भी ,मर जाते। 



मैं ,मर जाता तो कोई बात नहीं थी , जीने के लिए अब मेरी जिंदगी में बचा ही क्या है ?मेरी बच्ची इन परेशानियों में तो न फंसती ,वे भावुक होकर बोले। 



बाबा उनकी परेशानी समझकर बोले -तुम तो चले जाते ,किन्तु तुम्हारी बच्ची ,तुम्हारे ही खून के इल्ज़ाम में जेल चली जाती। 



कुछ न समझते हुए ,उन्होंने पूछा -वो कैसे ????



जब वो तुम्हें मारती ,तब नितिका को भी मुक्ति मिलती क्योंकि उसका उद्देश्य तुमसे अपना बदला लेना है ,किन्तु उसकी मुक्ति किसी को भी प्रत्यक्ष रूप में नहीं दिखती ,किन्तु तुम्हारा निर्जीव तन सभी को दिखलाई देता ,वो तन जिसकी ,अपनी बेटी ने ,हत्या कर दी। पुलिस प्रत्यक्ष ,प्रमाण देखती ,तुम्हारे खून के इल्ज़ाम में उसे गिरफ़्तार कर लेती। वो अनाथ बच्ची ,जिसके पापा उसके लिए ,त्याग कर रहे थे ,वो भी चेेन से नहीं रह पाती। 

क्या नीतिका की आत्मा ऋचा पर फिर से कब्जा करने आयेगी  ? भैरों बाबा कैसे उस आत्मा पर नियन्त्रण करेंगे  ? नीतिका अपना बदला कैसे लेगी? जानने के लिए पढ़िये - बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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