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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं,  कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता चलता है -कि अन्य आत्माएं भी हैं जो दुखी और उसकी कैद में हैं। पंडितजी को लगता है ,शायद उन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता है और उनकी सहायता के लिए, हमें कुछ न कुछ जोख़िम तो उठाना पड़ेगा ही, तभी हमें मालूम होगा कि परेशानी कहाँ है और उससे कैसे निपटना है ?तब वो ऋचा को उस जोख़िम को उठाने के लिए तैयार करते हैं किन्तु उसके पापा इससे इंकार करते हैं ,जिसका ड़र था वही हुआ ,ऋचा के ऊपर चौबे जी के साये के कुछ देर पश्चात ही ''नितिका ''उसके शरीर को अपने कब्ज़े में ले लेती है किन्तु पंडितजी के रहते ले जा नहीं सकी। अब आगे -

 

 

 

ऋचा के पापा उसको ,वहीं लिटा देते हैं और पंडितजी से पूछते हैं -अब क्या होगा ?वो तो इस तरह उन लोगों से हमें सम्पर्क नहीं करने देना चाहती ,ताकि हम उनकी कोई सहायता न कर सकें। 

 

पंडित जी बोले -धैर्य रखिये ,अभी ऋचा को होश में आने दीजिये ,तब उससे मिलकर बातें करते हैं ,वो हमसे पहले से ही, इस स्थान पर रह रही थी ,कुछ जानकारी इसे भी होगी उसी के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे। 

 

ऋचा के पापा ने सबसे पहले, जो उसका'' रक्षा कवच '' था,उसे पहनाया। 

 

पंडितजी कोई भी ऐसी क्रिया करना नहीं चाहते थे जिससे उस चौबे दम्पत्ति की आत्मा को भी कष्ट पहुंचे। जब तक ऋचा होश में नहीं आती ,तब तक उन्होंने सम्पूर्ण घर का निरीक्षण करने का निर्णय लिया। 

 

कुछ समय पश्चात ही ,ऋचा उठ बैठी ,उसके समीप ही उसके पापा और पंडितजी थे। उसका शरीर दर्द से टूट रहा था , तब भी उसे अपनी फिक्र नहीं थी, तब भी उन लोगों की ही फिक्र थी।उसने पूछा -क्या उन लोगो ने कुछ बताया ?

 

वो बताते ,इससे पहले ही नितिका आ गयी और उसने सारी योजना निष्फ़ल कर दी। 

 

ऋचा बोली -वो नितिका भी चेेन से बैठने वाली नहीं ,पापा को भी एक ''रक्षा कवच ''दे दीजिये और आप भी...... तभी पंडितजी बोले -तुम मेरी चिंता न करो ,मेरे गले में ये रुद्राक्षों की माला है जिसका एक -एक मोती अभिमंत्रित है। मैंने इस घर के कई ऐसे स्थान देखे हैं,जो सही नहीं हैं ,उस आत्मा का प्रभाव ,कुछ स्थानों पर अधिक है। तब ऋचा ने उन्हें उस घर के तहखाने के विषय में भी बताया और दीक्षित परिवार ने जो भी कहानी सुनाई थी, वो भी सुना दी। 

 

रात्रि को उसके साथ क्या हुआ, कैसे वो बस में बैठी और कैसे उसे लगा कोई पीछे है और कैसे सुबह उसी अड्डे पर उसने अपने को बैठे पाया ?सब बतला दिया और ये भी कि उनका बेटा भी अभी लापता है।

 

पंडितजी को अंदेशा था कि वो इधर तहखाने की सीढ़ियों के माध्यम से और उस गोदाम पर भी उसका कब्जा है और उन्हीं जगहों से आने वाले रास्तों को उन्होंने अभिमंत्रित कर दिया है। वो उधर ही रहेगी। पंडितजी की बात सुनकर ,ऋचा और उसके पापा ने चैन की साँस ली। 

 

आज शाम को ही पंडितजी ,एक विशेष पूजा करने वाले हैं ,ऋचा के पापा ,उसके लिए सामान लेने चले गए। ऋचा अपने ऊपर वाले कमरे में थी ,और पंडितजी भी अपनी क्रियाविधि की तैयारी में जुटे थे। 

 

शाम का धुँधलका छाने लगा ,ऋचा के पापा शाम का खाना और पूजा का सामान लेकर आ गए , और ऋचा को आवाज लगाई। ऋचा अपने पापा की आवाज सुनकर ,नीचे आई। 

 

ऋचा बेटा ,पंडित जी नहीं दिख रहे ,क्या तुमसे कुछ कहकर गए हैं ?

 

नहीं पापा ! जब मैं गयी थी ,तब तो यहीं बैठे थे ,तभी उसने स्टूल पर उनकी रुद्राक्ष की मालाएं रखी देखीं और बोली -मुझे लगता है ,शायद ''बाथरूम ''गए हैं ,तभी ये माला इस तरह ही रखकर जाते हैं ,उन्होंने उनकी प्रतीक्षा की किन्तु आधा घंटा बीत जाने पर भी नहीं आये तब ऋचा के पापा ने ,दरवाजा खटखटाया किन्तु तब भी कोई आवाज नहीं आई तब धीरे से दरवाज़ा खोला तो उनकी चीख़ निकल गयी।

 

 ऋचा भी उनके समीप गयी ,वो बेहोश होते -होते रह गयी ,पापा ने उसे संभाला ,उन्होंने स्टूल पर रखी मालाएँ उठा लीं और आगे बढ़े ,ये देखने के लिए कि पंडितजी जिंदा हैं कि नहीं। 

 

उन्होंने देखा ,सारे बाथरूम में खून ही खून फैला था ,उन्होंने पंडितजी को सीधा कर देखा तो उनको वमन होते -होते रह गयी ,पंडितजी के मुँह और नाक से खून बह रहा था और उस आत्मा ने उनकी गर्दन तोड़कर मोड़ दी थी। उन्होंने आस -पास देखा ,आवाज ऊपर छत से आ रही थी हूँ........ हूँ..... और वो वहीं की खिड़की से बाहर चली गयी।

 

ऋचा और उसके पापा के लिए ,बेहद वीभत्स्व दृश्य था ,पंडितजी की ऐसी हालत देखकर ,अब उनका साहस जबाब दे चुका था कि वो रात्रि इस घर में बितायें ,वो बाहर की ओर भागे ,कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें ?वो तो बस भागे जा रहे थे ,जैसे कोई भूत उनके पीछे लगा हो। 

 

 

 

तभी ऋचा को वही मंदिर दिखा ,जिसमें से वो दीक्षित परिवार के घर का दरवाज़ा खोलने के लिए ,सिंदूर लाई थी। वो उसी दिशा में दौड़ी, मंदिर के प्रांगण में जाकर ही दम लिया। वहाँ शाम की आरती चल रही थी ,वे वहीं बैठ गए उनके मन को थोड़ा आराम मिला। 

 

मंदिर के पंडित जी ने ,उन्हें आरती दी ,प्रसाद दिया। अब वो थोड़े शांत हो गए थे किन्तु जा नहीं सकते थे इसीलिए वहीं बैठे रहे ,उन्हें इस तरह बैठे देखकर ,पंडितजी ने पूछा -क्या कोई परेशानी है ?तब ऋचा ने उन्हें सम्पूर्ण बातो से अवगत कराया और पंडितजी की मौत के विषय में भी जानकारी दी। 

 

उनकी बातें सुनकर ,पंडितजी ने अपने कानों में हाथ लगाया और बोले -यहाँ तो आप लोग रुक नहीं सकते ,क्योंकि मंदिर के बंद करने का समय हो गया है। 

 

अब हम इतनी रात्रि को कहाँ जायेंगे ? हो सकता है ,वो हमारे पीछे ही हो ,रात्रि में उसकी शक्तियां दोगुनी हो जाती हैं। 

 

पंडित जी कुछ सोचते हुए बोले -आप लोग मेरे संग ,मेरे घर चल सकते हैं ,पास में ही मेरा घर है। 

 

दोनों बाप -बेटी किसी मासूम बच्चे की तरह उनके पीछे हो लिए। 

ऋचा और उसके पापा की रात्रि कैसी बीती  ? क्या मंदीर वाले पण्डित जी ने उनकी सहायता की  ? उन पण्डित जी की लाश का क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी

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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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