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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे किन्तु ऋचा का उनसे क्या रिश्ता है ?उसके मन में उठ रहे ,सवालों का जबाब देते हैं। वो बताते हैं -कादम्बिनी को गांव से बाहर निकाल दिया जाता है किन्तु उस सजा से ,उसके ह्रदय में कोई परिवर्तन नहीं होता और वो गाँववालों से बदला लेने के लिए ,अपनी शक्तियाँ बढ़ाती है ,इसमें उसकी सहायता पास के गांव का एक ''तांत्रिक ''करता है। कादम्बिनी को अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए दस कन्याओं की बलि देनी है ,अब तक वो अपने ही गांव की आठ कन्याओं को पकड़ लेती है। अब आगे -







कादम्बिनी कन्याओं की तलाश में ,अपने ही गांव में भेष बदलकर घूम रही थी ,तभी उसकी नजर प्रधान की पोती पर गयी ,जो अभी कुछ दिनों पहले ही ,दसवें बरस में लगी है। कादम्बिनी मौका देखकर ,उस बच्ची के समीप गई किन्तु वो उसकी वेशभूषा देखकर ,डरकर भाग गयी। तब कादम्बिनी ने ,एक अन्य छोटी लड़की को जो लगभग छह या सात बरस की होगी। उसे कोई मीठी चीज देकर ,बहलाया और कहा -ऋचा को अपने साथ ले कर जंगल में खेलने आ जाओ !वहां और भी बहुत सी मिठाइयाँ हैं। 



अबकि बार ऋचा मुस्कुरा दी और बोली -बाबा ,उस समय भी मेरा नाम ऋचा ही था ,नहीं ,इस समय तो तुम्हारा नाम मालिनी है ,ऋचा तो तुम्हारा नाम रखा गया है। 



बाबा की बात सुनकर वो हतप्रभ रह गयी कि ये सब भी बाबा को मालूम है। 



हाँ क्योंकि इसी नाम से तुम्हारा इतिहास जुड़ा है और इसी नाम वाली लड़की ही उस आत्मा का नाश करेगी। 



क्या उस समय भी मैंने ,किसी आत्मा का नाश किया था ?



किसी का नहीं ,कादम्बिनी का नाश किया था। 



वो कैसे ?उस समय तो ,मैं बहुत छोटी थी ,अभी आपने ही तो बतलाया। 



हाँ ,तुम छोटी अवश्य थीं किन्तु बहादुर थीं ,तुम उस छोटी बच्ची के कहने पर जंगल के नजदीक तो चली गयीं किन्तु उसके अंदर नहीं गयी। तब कादम्बिनी , उसे ज़बरदस्ती जंगल की तरफ खींचने लगी। वो बेचारी..... लड़की रो रही थी और उसने अपने बचाव के लिए , एक पेड़ का तना पकड़ लिया। अभी दोनों में खिंचतान चल ही रही थी ,उसके रोने की आवाज भी तेज हो रही थी। किसी भी तरह कादम्बिनी उस लड़की को ,जल्द से जल्द उस जंगल के अंदर ले जाना चाह रही थी , लड़की गायब है , इससे पहले किसी को पता चले।उसके साथ जो बच्ची आई थी वो तो अपने आप ही ,मीठी गोली के लालच में चली गयी किन्तु ऋचा जाने के लिए तैयार नहीं थी। तभी उधर से गुजरते हुए ,एक व्यक्ति ने किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो वो उसी आवाज की दिशा में बढ़ चला। 



गांव में पहले से ही ,बच्चियों के खोने की चर्चा हो रही थी- कि कौन है ?जो बच्चियों को ले जाता है। न ही उनका पता चलता है ,न ही उनकी कोई लाश ,ये भी पता नहीं चल रहा -कि उन्हें कोई जानवर ले जा रहा है या फिर इंसान। समझ नहीं आ रहा ,गांव की बच्चियाँ किधर जा रही हैं ?एक गांववाले को कादम्बिनी पर शक़ भी हुआ। उसे लग रहा था -जब से हमने कादम्बिनी को गांव से बाहर निकाला है ,तभी से बच्चियां गायब होनी आरम्भ हुई हैं। एक दिन सभी गाँव वालों को लेकर आया भी था किन्तु उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। 



ऐसा कैसे हो सकता है ?बिन किसी ठोस सबूत के ,कादम्बिनी पर भी अंगुली नहीं उठा सकते।



बाबा ! फिर बच्चे कहाँ जा रहे थे ?वो गांव वालों को क्यों नहीं मिले ?







क्योंकि कादम्बिनी ने ,वे बच्चे जंगल के दूसरे छोर पर एक गुफा में छिपा रखे थे और वहां उन्हें वो तांत्रिक देख रहा था ,जो कादम्बिनी की सहायता कर रहा था। जंगल के दूसरे छोर तक जाने का गाँव के लोगों के दिमाग में ही नहीं आया ,उन्हें लगा ,ये मामूली औरत जंगल के बीच में ही नहीं जा सकती जंगल के बीच में ही इतने जहरीले सांप ,बिच्छू और बड़े जानवर हैं ,वहां जाने की तो ,बड़े -से बड़ा भी हिम्मत नहीं कर पाता, तो ये कैसे जा सकती है ?



किन्तु वो गुफा तो उस तांत्रिक की शक्तियों का पुराना अड्डा था और अब तो कादम्बिनी भी उसके संग थी जो उसकी भी सहायता कर रही थी। कादम्बिनी का तो उद्देश्य मात्र ,अपने गांववालों को सबक सिखाना था , वो अपनी शक्तियाँ भी बढ़ाना चाहती थी। जब उस व्यक्ति ने ,बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो वो आवाज की दिशा में बढ़ा ,उसने देखा -कादम्बिनी ,एक बच्ची को जबरदस्ती खींचकर ले जाना चाहती है और वो बच्ची पेड़ के तने को पकड़कर, उससे छूटना चाहती है। किन्तु वो एक छोटी बच्ची और वो जवान महिला ,कब तक उसकी ताकत से लड़ती ?आख़िरकार उसके हाथ से वो पेड़ का तना छूट गया। 



वो उस बालिका को लेकर नजदीक ही बने झोपड़े में चली गयी। वो व्यक्ति भी ,इसी प्रतीक्षा में था क्योंकि वो एक बच्ची को ही नहीं ,अन्य बच्चियों को भी बचाना चाहता था। वो भी उसके पीछे झोपड़े में गया किन्तु वहां उसे कोई नहीं दिखा। 



ऐसा कैसे हो सकता ?वहां तो कोई भी नहीं है ,न ही वो औरत ,न ही वो बच्ची ,कहाँ जा सकती हैं ,उस झोपडी में एक चारपाई ,कुछ खाना बनाने के बर्तन ,कपड़े टांगने के लिए ,एक बड़ा सा मजबूत डंडा जो झूले की तरह लटक रहा था। उसने झोपड़ी का ठीक से मुआयना किया ,हो न हो इसी से कोई राह तो मिलेगी ,कुछ भी समझ नहीं आया ,कोई भी स्थान ऐसा नहीं लगा जिसे देखकर कहा जा सके कि ये रास्ता हो सकता है ,इसलिए तो गांववालों को भी ,कुछ नहीं मिला। किन्तु मैंने तो उस औरत को ,एक बच्ची से संग अंदर जाते देखा है। वो हताश सा एक ऊँचे से पत्थर पर बैठ गया जो शायद ऐसे ही रखा था। उस पर बैठते ही ,वो पत्थर अपने स्थान से खिसकने लगा। वो ड़र कर उठ गया ,अब वो पत्थर पुनः इसी तरह हो गया। अब उसने अपना पांव उस पर रखा ,पांव रखते ही ,उस पत्थर में फिर से हलचल हुई। 







अब तो ,उसे एक रास्ता मिल ही गया उसने फिर से पत्थर पर ,एक पैर क्या दोनों पैर रखे और वो पत्थर धीरे -धीरे खिसकने लगा ,पत्थर खिसकता हुआ नीचे की तरफ गया और एक निश्चित जगह पर जाकर रुक गया। उसे सामने ही एक रास्ता दिखा ,वो उतर गया। उसके उतरते ही ,वो पत्थर वापस अपने उसी स्थान पर पहुंच गया। 



अब वो व्यक्ति आगे बढ़ा ,वो शायद एक लम्बी सुरंग सी थी किन्तु उस सुरंग में अँधेरा नहीं था ,पता नही ,उसमें रौशनी किधर से आ रही थी ?वो आगे बढ़ता ही जा रहा था  

क्या वो आदमी, उन बच्चियों तक पहुँच सका? क्या वो बच्चियों को सही- सलामत वापस ले आया या उसके साथ कोई दुर्घटना हो गयी? जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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