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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023

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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो रातों -रात भाग खड़ा होता। किन्तु ऋचा उस मकान में तीन दिनों से रह रही है ,यहां उसे कोई जानता भी नहीं, सिर्फ देवीलाल जी के सिवा ,वो भी इसीलिए ,ये मकान उन्होंने ही तो उसे दिलवाया है। किन्तु इस मकान की दहशत इतनी है ,वो स्वयं भी ,इसमें कदम रखने से डरते हैं। ऋचा का इस मकान में तीन दिनों तक रहना ,आश्चर्य का कारण बन गया। आज भी ,ऋचा किसी उद्देश्य के तहत ही ,उस बगीचे में घूमने जाती है ,जहाँ उसे पहली बार दो बुजुर्ग मिले थे और वो उसे देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। अब आगे -



ऋचा वहां घूमने लगती है ,तभी वो बुज़ुर्ग भी ,उसे दिखते हैं ,आज उनके संग एक महिला भी थीं ,ऋचा ने बातचीत के उद्देश्य से ,उन्हें नमस्कार किया। वो उसे पहचानने का प्रयत्न करते हुए बोले -क्या तुम वही हो ,जो हमें परसों मिली थीं ?







जी..... ऋचा का छोटा सा जबाब था। अब कहाँ रह रही हो ?उनमें से एक ने पूछा। 



जी ,उसी मकान नंबर ''अट्ठावन ''में ऋचा ने साधारण सा दो टूक जबाब दिया। 



क्या..... वो चौंकते हुए ,आश्चर्य से बोले। तुम तीन दिनों से वहीँ हो !उनके आश्चर्य से उसे थोड़ी हंसी आ गयी किन्तु अपनी हंसी को छिपाते हुए ,मुस्कुराकर बोली -अंकल मैं ,आपसे एक बात पूछना चाहती हूँ। 



पूछो !वो इस तरह बैठ गए ,जैसे कोई ''प्रतियोगी परीक्षा ''देने के लिए बैठे हैं।



 ऋचा ने पूछना आरम्भ किया -मैं ये पूछना चाह रही थी - कि ये मकान किसका है ,और इस तरह खाली और वीरान क्यों है ?



तब उनमें जो महिला शांति से ,हम लोगों की बातें सुन रही थीं ,एकाएक बोलीं -ये किस मकान की बात कर रही है ? शायद उनमें से एक अंकल उनके पति थे ,बोले -अरे वो ही ,''चौबे जी ''का मकान। 



क्या..... उनकी आश्चर्य से आँखें, इस बुढ़ापे में भी ,चौड़ी हो गयीं। वे ऋचा से बोलीं -अब उस घर में कोई नहीं रहता और न ही रह पाता है ,सुना है ,अब उस घर में भूतों का वास है ,तुम भी ,उस घर से दूर ही रहना। 



उन अंकल ने अपनी पत्नी को ,बताया -अब ये उसी मकान में रह रही है। इतना सुनते ही वो अपने पति का हाथ पकड़कर खड़ी हो गयीं और बोलीं - ऐसा कैसे हो सकता है ? उन्हें लगा -शायद इस लड़की पर ही तो कोई भूत तो नहीं ,वे मन ही मन '' हनुमान चालीसा ''पढ़ने लगीं। 



उनकी मनःस्थिति को समझकर ऋचा बोली -आंटीजी मैं ठीक हूँ मेरे अंदर कोई , भूत नही है, जो आप इस तरह " हनुमान चालीसा " पढ़ने लगीं ।मैं तोबस ये पूछना चाहती थी कि उस परिवार में कितने लोग थे और अब कहाँ हैं ? उस घर की कुछ तो कहानी होगी। 

नहीं, अब ये समय उनकी कहानी सुनाने का नही है, हमें देरी हो रही है, कहकर वो लोग आगे बढ़ गए   ऋचा निराश खड़ी उन्हें जाते देख रही थी , आंटी जी! अंकल जी  ! आप लोगों को कुछ जानकारी तो होगी, कुछ तो उस परिवार के विषय में जानकारी होगी। तब चलते - चलते अचानक आंटी जी रुक गई और बोली- मैं तुम्हें बताती हूँ। 

उन तीनों में से ,आंटीजी ने ही बोलना प्रारम्भ किया -पहले हम उसी मकान के ,बराबर में ही रहते थे। श्रीमान और श्रीमति चौबे ,बहुत ही अच्छे थे ,उनका एक बेटा नौकरी करता था। चौबेजी व्यापार करते थे ,उस व्यापार से बहुत पैसा कमाया। मकान बनाया और बच्चों को भी काबिल बनाया और उनका विवाह भी किया।



 चौबेजी चाहते थे - कि बेटा उनका व्यापार संभाल ले ,और काम को आगे बढ़ाये किन्तु प्रदीप की व्यापार में कोई रूचि नहीं थी ,उसने व्यापार करने के लिए ,अपने पिता से इंकार कर दिया और बाहर जाकर नौकरी करने लगा। जब तक उनके बस में था ,उन्होंने  अपना व्यापार सम्भाला ,उसके पश्चात उन्होंने अपना व्यापार धीरे- धीरे समेट लिया।दोनों पति -पत्नी आराम से अपनी ज़िंदगी बसर करने लगे। पड़ोसियों ने कहा भी ,कुछ दिन जाकर अपने बेटे के पास रहो।



 वे गए भी ,किन्तु अपना घर तो अपना ही होता है ,उनका ज्यादा दिनों तक वहाँ मन नहीं लगा ,कहने लगे -उसकी सीमित आय है और एक -एक चीज़ मोल की आती है ,यहाँ तो हमने अपने घर में साग -सब्ज़ी भी लगाई है ,दूध वगैरहा भी ,सस्ता पड़ जाता है इसीलिए हम वापस आ गये ।

अब किसी के घर की, हम क्या जाने ?क्या सही है ,क्या ग़लत ?हमसे तो उन्होंने जो बताया ,वो मान लिया। इतना सब कहकर ,वो शांत हो गयीं। 



बस इतनी सी ही उनकी कहानी थी ,कोई विशेष बात !अच्छा ये बताइये -वे लोग कितने वर्षों तक जिन्दा रहे ?इस बीच  क्या उनका बेटा और उनकी बहु उनसे मिलने आते थे कि नहीं। लोगों से उनका व्यवहार कैसा था ? आंटी जी आप तो बता रही थीं कि हम उनके पड़ोसी थे, फिर आपने वो मकान क्यों छोड़ा ?







उन आंटीजी का जैसे , आगे कुछ भी,बताने का मन नहीं था ,बोलीं -तुम क्यों इतनी खोजबीन कर रही हो ?तुम्हें बचना है ,तो उस घर को शीघ्र ही छोड़कर चली जाओ !वरना पछताओगी। कहकर वो जाने लगीं। 



आंटीजी कृपया करके ,मुझे उनके विषय में कुछ और जानकारी दीजिये ,जिससे मैं उस परेशानी का हल सोच सकूं। जब तक मुझे सम्पूर्ण जानकारी नहीं होगी, तब मैं कैसे उस समस्या से निपट सकूंगी ?



तुम क्या ?कोई भी उस समस्या से नहीं निपट सकता ,उनकी अपनी पाली समस्या है ,झेलेंगे भी वही ,उनकी अपनी समस्या कौन सी ?मैं कुछ समझी नहीं। उन्होंने कौन सी समस्या पाली ?



अब तुम कल आना , तभी तुम्हें मैं विस्तार से बताऊँगी अब तो काफी अँधेरा भी हो गया ,थोड़ी देर और रुक जाइये आंटीजी ! उन्हें जाते हुए देखकर, ऋचा रोककर बोली- मुझे उस घर में दो बुजुर्ग़ रोते हुए दीखते हैं ,क्या वे भी कोई आत्मा हैं ,क्या मैं उनकी कोई सहायता कर सकती हूँ ?



क्या..... ये तुमने हमें पहले क्यों नहीं बताया ?इसका अर्थ है ,उन्हें मुक्ति नहीं मिली ,वे भी उसी घर में भटक रहे हैं। तुम इस घर में कैसे आ गयीं ?उनमें से उन आंटीजी के पति ने कहा। 



उन लोगों के कहने के तरीक़े से ,अब मन ही मन अपने घर वापस जाते हुए ,ऋचा को भी डर लगने लगा। और मन ही मन बुदबुदाई -ये पापा ने मुझे कहाँ फ़सवा दिया ?

क्या वो बुजुर्ग दम्पति ऋचा की सहायता करेंगे  ? उसके घर में जो दम्पत्ति रोते दिखते हैं, क्या वो आत्मा है ? या सच! क्या आंटीजी ऋचा को आगे की कहानी सुनायेगीं या नही, जानने के लिए पढ़िये -बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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