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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023

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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके पिता ,एक दम शांत हो गए और बोले -मैं आज ही पंडित जी से मिलकर ,बात करता हूँ। तब ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है। वहां जाकर देखती है ,तो हालत खराब हो जाती है। उस घर का दरवाजा ही नहीं खुल रहा। किसी तरह मंदिर के पंडितजी से मिलकर उस घर के दरवाजे को खोलती है किन्तु अब श्रीमती दीक्षित उससे नाराज़ होती हैं कि तुम्हारे कारण ,आज हमारी ये दुर्दशा हुई है ,अब हम तुम्हारा और साथ नहीं देंगे। उनका साथ पाने के लिए ,वो बता देती है कि आप लोगों के कारण ही मुझे अपनी माँ के विषय में मालूम हुआ ,अब तो दोनों ,उसे शक़ की नजर से देखते हैं और उससे पूछते हैं -तुम कौन हो ?अब आगे -







दोनों पति -पत्नी उसके जबाब की प्रतीक्षा कर रहे थे ,उसने सोचा -अब तो उसके मुँह से निकल ही गया तो सच्चाई बताने में ही भलाई है ,यही सोचकर ऋचा उन्हें बताती है -वो और कोई नहीं ,उस नर्स 'नितिका '' की लड़की ही है ,इस बात का उसे यहीं आकर पता चला ,जब उन लोगों ने उसे बताया कि उसकी बेटी का नाम ''मालिनी ''था। 



किन्तु तुम तो ऋचा हो !वे आश्चर्य से बोलीं। 



हाँ ,सिर्फ यहां के लिए ,मैं वही मालिनी हूँ जिसके पिता अपनी पत्नी से लड़कर ,उस बच्ची को अपने साथ ले गए थे। 



अब तुम यहाँ किसलिए आई हो ?



अपने माँ की मौत का राज पता करने ,और उस परिवार पर जो अत्याचार हुआ ,अब भी हो रहा है ,उससे उन्हें मुक्त करने। ऋचा की बात सुनकर दोनों पति -पत्नी सकते में आ गए। सोच रहे थे -अब इस बच्ची से क्या कहें ?



ऋचा बोली -अब आंटीजी ,कुछ मत सोचिये ,बस आगे क्या हुआ ?बता दीजिये !



वो बोलीं -तुम्हें लेकर तो तुम्हारे पिता चले गए ,और अब'' नितिका '' की सच्चाई भी सबके सामने आ चुकी थी। इस तरह सबके ,सामने बेइज्जत होने के कारण वो शांत रही। इस बीच ,चौबे परिवार का भी उसके प्रति थोड़ा सख़्त रवैया हो गया और उन्होंने उससे घर ख़ाली करने के लिए भी कह दिया। 



अब तो चौबे जी भी पहले से थोड़े ,दुरुस्त लग रहे थे। नितिका अब शांति पूर्वक अपना कार्य करती और अपने कमरे में रहती। चौबे जी की दवाई और उनके खान -पान का अब भी ख़्याल रखती। अब उनका भी मन बदलने लगा और सोचने लगे -जीवन में गलती किससे नहीं होती ?इससे भी हो गयी। अब उन्होंने उसे क्षमा करने का मन बना लिया था। 



कुछ दिनों पश्चात ही ,चौबे जी की तबियत फिर से बिगड़ने लगी और वे धीरे -धीरे बिस्तर पर आ गए। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें दुबारा क्या हो गया ?डॉक्टर आया ,उसने देखा ,उसने कुछ जाँच करने के लिए ,उनका ख़ून और पेशाब के नमूने लिए। किन्तु कुछ पता नहीं चल पा रहा था ,नितिका ही उनके सभी कार्य कर रही थी। किन्तु अब उसके व्यवहार से ,वो एक ज़िम्मेदार नर्स नजर आ रही थी। 



एक दिन,हम लोग भी वहीं बैठे थे , डॉक्टर आये और बोले -जो इनके ख़ून और पेशाब के नमूने लिए थे ,अभी तक उनकी जाँच का परिणाम नहीं आया। मैं इतने दिनों से प्रतीक्षा कर रहा था। नितिका हम सभी के सामने झेंपकर बोली -मैं ले तो आई थी किन्तु समय न मिलने के कारण ,आपको दिखला नहीं पाई। डॉक्टर ने उसे डांटा- कितनी लापरवाह नर्स हो तुम....... 



उसने हमारे सामने ही ,जाँच का परिणाम लेकर ,डॉक्टर के सामने रख दिया कुछ पता नहीं चल पाया। तब तक देर भी बहुत हो चुकी थी और एक दिन चौबे जी इस दुनिया से अलविदा कह गए। 



ऋचा ने एक लम्बी गहरी साँस ली ,चलो अच्छा हुआ ,इसमें मेरी माँ का कोई हाथ नहीं था। 



उनका बेटा ''प्रदीप चौबे ''आया और अपने पिता का दाह संस्कार करके चला गया। 



क्या उसने ,अपनी अकेली माँ को , अपने साथ ले जाने के लिए नहीं कहा ?



कहा था ! किन्तु वो तो पहले ही ,अपने पति के जाने से दुखी थीं ,अब उन्हें ''नितिका ''पर भी विश्वास हो चला था। अब तक तो ,नितिका ही जैसे घर के सम्पूर्ण कार्य ,संभाल रही थी ,श्रीमती चौबे बोलीं -पति की तेहरवीं से पहले कहीं नहीं जाएँगी। बेटे को शीघ्र ही जाना था ,उसने पंडित जी से मिलकर ,तेहरवें दिन से पहले ही ''सब कार्य निबटा दिए। जब वो जाने लगा तो अचानक ही , उनकी भी तबियत बिगड़ गयी। 



उसे शीघ्र ही जाकर ,अपना कार्यभार संभालना था ,उनकी ऐसी हालत देखकर ,वो झल्ला गया। उसकी झल्लाहट देखकर ,नितिका ने कहा। इन्हें मैं संभाल लूँगी ,शायद अंकल जी के जाने के ग़म में ,इनकी तबियत बिगड़ी है। जब ये स्वस्थ हो जाएँगी ,तब मैं इन्हें बस में बैठा दूँगी।







प्रदीप नितिका पर विश्वास कर चला गया ,हम लोग भी बीच -बीच में ,उन्हें देखने चले जाते। अब तक तो वो काफी कमज़ोर हो गयीं थीं ,सबको यही लगता था ,कि पति के जाने पर अकेलापन महसूस कर रही हैं ,उनके बिना दिल नहीं लग रहा। डॉक्टर आता और चला जाता हम पूछते भी ,तो कहता -कुछ समझ नहीं आ रहा। एक दिन उनकी कुछ ज्यादा ही हालत ख़राब थी ,नितिका ने तो नहीं ,हमने ही ,एक दिन उनके बेटे को फोन किया -एक बार आकर तनिक अपनी माँ को तो देख ले ,नर्स के सहारे छोड़कर चला गया। कम से कम उसके पास , उसका अपना तो कोई होना चाहिए। 



हमारे फोन का ये असर हुआ ,एक दिन अचानक वो घर आ गया। इस बात का नितिका को भी नहीं मालूम था। उसने देखा -नर्स तो डॉक्टर के साथ बैठी ,शराब पी रही थी और कह रही थी -यदि आप साथ न देते तो मेरी योजना कभी सफल न हो पाती। वो सअअअ ा लाआआ बूढ़ाअअअअअा ,कुछ ज्यादा ही हेकड़ी दिखाने लगा था। मैंने भी उसे बिस्तर दिखा दिया अब पड़ा रह यहीं ,सड़ता रह...... 



उसकी बातें सुनकर ,प्रदीप से और रुका नहीं गया और बोला -तूने मेरे पापा के साथ क्या किया ?इसका अर्थ है , वो बीमार नहीं थे ,उन्हें बीमार किया गया था और तेरी इस योजना में ,ये डॉक्टर भी शामिल था , और मैं बेवकूफ़ तुझ पर भरोसा कर ,अपनी माँ को तेरे हवाले कर गया। 



तभी उसे अपनी माँ का स्मरण हुआ और सोचा -कहीं इसने माँ को भी तो....... सोचकर उसकी रूह काँप गयी और वो अपनी माँ से मिलने उनके कमरे की तरफ दौड़ा किन्तु वहाँ माँ कहाँ थी ?बस उनका निर्जीव तन पड़ा था। उसके घर में कोलाहल मचने पर ,तभी हमें पता चला कि श्रीमती चौबे जी भी नहीं रहीं। तब वो बहुत रोया ,रो -रोकर , उनसे क्षमा याचना करता रहा और बोल रहा था -माँ मैं धोखा खा गया ,तभी लोग उनके अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे किन्तु उसने कहा -मेरी माँ का अंतिम संस्कार नहीं होगा। 

ऐसा उनके बेटे प्रदीप ने क्यों कहा कि मेरी माँ का अंतिम संस्कार नही होगा, आखिर अपनी माँ के अंतिम संस्कार को न कराने का क्या रहस्य है, एक बेटा अपनी माँ के साथ ऐसा क्यों करेगा जानने के लिए पढ़िये - बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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