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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती है। नंदू तो,अपनी जान बचाने के लिए , उस घर के मंदिर में घुस जाता है किन्तु रात्रि की घटनाएँ ,उसे स्मरण होते ही वो हिल जाता। उसने सेठजी से कितना कहा था -घर चलें किन्तु वो तो नशे में ,वहीं सो गए और जब बाहर कुछ सरकने की आवाजें उसने सुनी और देखने के लिए बाहर गया तो उसकी हालत खराब हो गयी क्योंकि जो पेड़ -पौधे सेठजी ने सफाई के दौरान बाहर फिंकवा दिए ,वे स्वतः ही अपने स्थान पर आ रहे थे। यही सूचना देने के लिए , वो सेठजी के पास जाता है तो सेठजी वहां नहीं थे। वो तो सोफे सहित ,छत पर लटके थे और उनके सिर से खून बह रहा था। यही सब जब ,सेठजी की पत्नी को उसने बताया तो उनकी पत्नी ,भगवान का धन्यवाद कहती है और अपने पति की नजर उतारती है। उसके जाने के पश्चात सेठजी ,सपना देखते हैं और डर जाते हैं ,अब आगे -



नंदू और सेठजी अस्पताल से आते हैं ,निर्मला देवी उन्हें दरवाजे पर ही रोक देती है और बोली -तुम लोग अभी वहीं रुको ,अभी आती हूँ,कहकर अंदर गयी और वो पहले लाल मिर्ची और नमक से नजर उतारती है ,उसके पश्चात गुरूजी का दिया लॉकेट पहनाती है ,तब उन्हें अंदर आने देती है। नंदू का भी उस घर में आना -जाना लगा ही रहता है उसे भी एक लॉकेट देती है। उसने बताया -गुरूजी ने कहा है ,इस लॉकेट को मत उतारना और उस घर के अंदर आत्माएं तो कई हैं किन्तु एक आत्मा बहुत ही ख़तरनाक है जो अपने उद्देश्य को पूर्ण करना चाहती है ,इसीलिए वो आक्रामक हो रही है ताकि कोई उसके कार्य में बाधक न बने। सेठजी ने पूछा -वो आत्मा क्या चाहती है ?उसका क्या उद्देश्य है ?ये तो गुरूजी ने नहीं बताया ,न ही मैंने पूछा ,बस अब तुम उस घर के अंदर मत जाना। ये गुरूजी की चेतावनी है। 

सेठजी बोले -मुझे तो उसे घर को किराये पर उठाने की ज़िम्मेदारी मिली है। निर्मला देवी बोली -नहीं ,तुम उस जिम्मेदारी को लेने से इंकार कर दो। और भी मकान ,घर होंगे ,क्या इसी से हमारा घर चलेगा ?इन्हीं बातों को सोचते हुए ,सेठजी ने भी ,इस मकान को किराये पर चढ़वाने का निर्णय त्याग दिया।'' जान है तो जहान है ''यही सोचकर अब उन्होंने उस मकान के विषय में सोचना छोड़ दिया। लगभग एक सप्ताह पश्चात फिर वही फोन आया ,क्या अभी तक कोई किरायेदार नहीं मिला ?जी ,अब मैं उस मकान को किराये पर नहीं उठाऊंगा। लोग घबरा जाते हैं ,उनमें भूतों का वास है। तभी उधर से रोने की आवाज सुनाई दी और फोन कट गया।

सेठजी परेशान ,ये कौन व्यक्ति है ?जो मुझे बार - बार फोन करता है और आज मेरे इंकार करने पर रो भी रहा है। इसका उस घर से क्या नाता है ?कुछ समझ नहीं आया। पंद्रह दिन हो गए ,कोई भी ग्राहक नहीं आया। समझ नहीं आ रहा क्या किया जाये ?इस दफ्तर का किराया ,घर के ख़र्चे ,नंदू का वेतन ,सब कहाँ से निकलेगा ?अभी सेठजी इन्हीं बातों से परेशान थे ,तभी ऋचा उनके दफ्तर में प्रवेश करती है ,''डूबती नैया को जैसे किनारा मिल गया। ''इस समय कोई मकान उनकी नजर में था भी नहीं ,इसीलिए वो ऋचा को लेकर ,शास्त्री नगर के उसी मकान नंबर अट्ठावन में जाते हैं किन्तु ताला खोलकर बाहर ही खड़े रहते हैं ,स्वयं अंदर नहीं जाते। इतनी मासूम सी बच्ची को बिना बताये कमरा लेने के लिए तैयार करते हैं किन्तु उनका मन अंदर से गवाही नहीं दे रहा था। जब ऋचा थोड़ी साफ -सफाई की परेशानी बताती है और अंदर जाकर उसे कुछ भी अनुभव नहीं होता तो वे चैन की साँस लेते है। फिर तो भी सोचते हैं ,मेरे साथ भी घटना शायद अनजाने ही हुई हो किन्तु नंदू का वो बयान और उसके सिर का फटना ,ये सब झुठलाया तो नहीं जा सकता।  

अगले दिन ,देवीलाल जी दो मजदूरों को उस घर की सफाई के लिए भेजते हैं ,पहले तो कोई भी जाने के लिए तैयार नहीं हुआ किन्तु वक़्त के मारे दो मजदूर मिल ही जाते हैं। एक घर के सफाई करता है तो दूसरा मंदिर और पौधों की। उसने मंदिर की सफाई करते हुए ,थोड़ा सा सिंदूर अपने माथे पर लगा लिया। दूसरा जो अंदर था ,वो सफाई कर आगे बढ़ता किन्तु पीछे -पीछे सम्पूर्ण गंदगी फैल जाती। उसे घर की सफाई करते दो घंटे हो गए किन्तु घर साफ नहीं हो रहा था। तभी उसने पानी चला दिया और बाल्टी भरने तक बाहर आ गया किन्तु जब वापस आकर देखा तो बाल्टी अब भी भर रही थी। अभी दिन ही था इसीलिए उन्हें कोई एहसास नहीं हुआ किन्तु उसे लगा ये अवश्य ही दूसरे की कारस्तानी है। बाहर आकर देखा तो वो तो बड़ी तल्लीनता से अपने कार्य में व्यस्त है। वो पुनः बाल्टी का पानी देखने आया तो वहां बहुत सारा पानी फैला हुआ था। उस पानी से किसी तरह वहां का फर्श धोया तो पानी फिर से आ जाता। तभी उसने देखा ,कुछ बारीक़ -बारीक़ कीड़े सारे फर्श पर फैले हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं जितना भी वो उन्हें हटाता और फैल जाते ,वो उनसे अपना बचाव कर रहा था किन्तु वो बारीक़ लाल -काले कीड़े उसकी तरफ बढ़ते जा रहे थे ,उसकी अचानक से चीख़ निकल गयी। 



तभी बाहर से दोेड़ता हुआ ,दूसरा मजदूर आता है ,क्या हुआ ?उसने देखा ,सारे घर में पानी भरा है और वो डर के कारण ,आँखें मीचे चिल्ला रहा है ,बचाओ....... बचाओ...... 

क्या हुआ ,तुम क्यों चिल्ला रहे हो ?न ही खुद काम करते हो ,न ही करने देते हो और अभी तक कुछ भी काम नहीं हुआ। पहला मजदूर,आँखें मीचे बोला -ये कीड़े मेरे ऊपर चढ़े जा रहे हैं ,मुझे बचाओ !

कौन से कीड़े ?यहाँ तो कहीं भी कीड़े नहीं हैं ,पहले ने आँखें खोलकर देखा तो सब ठीक था ,बस थोड़ा पानी फैला था। वो बोला -अभी यहाँ लाल -काले कीड़े भी थे और पानी भी बढ़ता जा रहा था।

अब तो कुछ नहीं है ,चलो !मेरा बाहर का कार्य लगभग समाप्त होने ही वाला है ,मैं तुम्हारी सहायता करता हूँ। तभी पहले मजदूर ने पूछा -तुम्हारे माथे पर ये तिलक कहाँ से आया ?

ओह !ये तो मैं मंदिर की सफाई कर रहा था ,तभी देवी माँ का ये सिंदूर लगा लिया।  
क्या दोनों मजदूर उस घर की सफाई कर सके, उस घर में वो लाल कीड़े कहाँ से आ गए? क्या ऋचा उस घर में रहने आई? जानने के लिए पढ़िये- अगला भाग - बेचारी
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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