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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023

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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो राकेश के लिए ,अपने पति को धोखा दे रही थी। जब उसके पति ने ,उसे एक दिन क्रोध में आकर सुलेखा को  ,''वेश्या ''कह दिया।इस बात का सुलेखा को अपने पति सुबोध पर क्रोध था, जब नीतिका ने प्रदीप की जान लेने का प्रयास किया किंतु उसके प्रयास से प्रदीप की जान नहीं गयी ।तब सुलेखा को मौका मिल गया ,इस मौके का उसने लाभ उठाया, उसको प्रदीप पर पहले से ही क्रोध था।राकेश के उनके रिश्ते के मध्य में आ जाने के कारण प्यार भी नहीं रहा , तब प्रदीप की जान लेकर  सुलेखा ने उससे अपना बदला लिया। अब तो बच्चों पता चल गया -कि उनकी अपनी माँ ने ही उनके पिता को मारा। प्रदीप यही सच्चाई ,अपने बच्चों के सामने लाता है और बाबा के वचनानुसार वो उनके पास आ जाता है किन्तु वहां उसे पता चलता है -कि हाइवे पर दुर्घटनाएं हो रही हैं ,और कोई है ,जो इन दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहा है ,जो भी पता लगाने का प्रयत्न करता है ,वह जिन्दा नहीं रह पाता है। अब आगे -







बाबा की परेशानी देखकर ,प्रदीप की आत्मा उनसे कुछ इशारा करती है ,जिसे बाबा ने समझा -कि वो कह रहा है -मैं पता लगाकर ,आ सकता हूँ ,बाबा ने इंकार किया क्योंकि वो एक कमजोर आत्मा है और किसी ताकतवर आत्मा का यदि ये काम हुआ ,तो वो प्रदीप को भी अपने वश में कर सकती है। 



बाबा कैसे पता चलेगा ?वो दुर्घटनाएँ क्यों और कैसे हो रही हैं ?ऋचा ने पूछा। 



प्रदीप की आत्मा बताती है -बाबा, मैंने अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयत्न भी किया किन्तु मेरी शक्ति भी एक सीमा तक जाकर वापस आ गयी। समझ नहीं आ रहा ,वो कौन सी ऐसी ताकतवर , बुरी आत्मा है ?जो लोगों को  इस तरह से मार भी रही है , जिनके मरने के पश्चात् उनकी आत्मा को तो अपने वश में करती ही है, उनकी लाशों को भी नहीं छोड़ती है  कितनी बुरी तरह से दुर्गत करती है ? उनकी लाश के टुकड़े  ,वहाँ भटकती आत्माओं का भोजन बनती हैं । जिनके साथ दुर्घटना होती है , उनके रिश्तेदार अपने प्रियजनों की लाश लेने के लिए भी तरस जाते हैं।  है तो ,ये किसी आत्मा का ही काम है। 



प्रदीप की आत्मा ,ऋचा के माध्यम से ,बाबा से सम्पर्क साधती है ,मैं वहां जाकर पता लगाता हूँ ,कि ये सब किसका कार्य हो सकता है ?



बाबा कहते हैं -तुम एक कमजोर आत्मा हो ,वो आत्मा तुम्हें कैद भी कर सकती है या तुम्हारा कुछ भी अनिष्ट कर सकती है।प्रदीप की आत्मा कहती है -जीते जी ,तो कोई अच्छा कार्य न कर सका , मरने के  पश्चात  ही  शायद कुछ अच्छा कार्य करके ही ,मेरी आत्मा को मुक्ति मिल जाये। उसकी बात सुनकर बाबा एक हवन करते हैं ,और शक्ति प्राप्त करते हैं ,ताकि प्रदीप ,समय पर अपना बचाव कर सके। प्रदीप की आत्मा रात्रि में भटकते हुए ,उसी स्थान के करीब जाती है , और आगे बढ़ने पर ,उसे बहुत सारी नकारात्मक शक्तियों ने आगे बढ़ने नहीं दिया। उन शक्तियों को वो देख पा रहा था। उसने फिर आगे बढ़ने का प्रयत्न किया उन्होंने उसे भगा दिया।क्योंकि वो उनका इलाका बन चुका था । प्रदीप की आत्मा उस  ताकत  को  तो महसूस तक नहीं कर  पाई।  शक्तियों के कारण ही ,अन्य लोग भी उस तक नहीं पहुंच पाते। वे सभी उसके इशारे पर चलते हैं ,उनका वहशियाना अंदाज देखकर प्रदीप की आत्मा भी काँप उठी। 



वो वापस बाबा के पास गया और उसने बताया -उनके मुख्य सरदार को तो वो नहीं ,जान पाया, कि कौन है ?उसने अपने चारों और शैतानी आत्माओं का चक्रव्यूह बना रखा है। वे सभी उसके गुलाम हैं , वो इंसानों को पहले तो मारता या खाता है उसके पश्चात वे सब बांटते हैं ,इसी कारण से उन लाशों की इतनी दुर्गत होती है। इतना ख़तरनाक मंजर. .,पता नहीं, उसकी क्या मंशा है ?उसकी बात का पता चलने पर ,बाबा सोच में पड़ गए और उन्होंने ध्यान लगाया ,वो आत्माओं के देश में घूमने लगे , ताकि कुछ जानकारी मिले किन्तु सारी आत्मायें तो ,वहीं उस आत्मा की सेवा में तत्पर हैं।या यूँ समझो ,उसने उन्हें अपना गुलाम बनाया हुआ है। कोई एक आत्मा, एक कोने में सिसकती सी ,उन्हें दिखी। 



बाबा ने पूछा -तुम कौन हो ,और इस तरह क्यों सिसक रहे हो?



 उसने बताया -मैं भी एक अतृप्त आत्मा हूँ ,मैं अपने माता -पिता की इकलौती संतान था ,उन्होंने मुझे बड़े प्यार से पाला -पोसा ,बड़ा किया किन्तु हमारे कुछ दुश्मनों ने मुझे ,धोखे से मार डाला। अब मैं यहाँ भटक रहा हूँ ,मुझे अपने धोखा देने वालों से ,बदला भी लेना है और अपने माता -पिता के लिए दुआ करता हूँ कि उनका बुढ़ापा ठीक से कट जाये उन्हें कोई परेशानी न हो।



क्या तुम उन ,''शैतानी आत्माओं '' के संग नहीं हो ?उसने मुझे भी वश में करना चाहा किन्तु मेरा उद्देश्य किसी भी निर्दोष को सताना नहीं ,बस अपने दुश्मनों से बदला लेना है।



बाबा को उससे कुछ उम्मीद जगी और बोले -तुम मेरी मदद करो ,मैं तुम्हारी सहायता करता हूँ। दोनों का काम बन जायेगा। तुम्हें भी ,इससे मुक्ति मिलेगी। 



मैं तो ,सिर्फ एक आत्मा हूँ ,मैं कैसे आपकी सहायता कर सकता हूँ ?मुझे तो उस आत्मा ने बांधा हुआ है ,मैंने उसका कहा जो नहीं माना। वो आत्मा रोते हुए बोली। 







बाबा ने सुझाया -वो आत्मा ही तुम्हें ,इस बंधन से मुक्त करेगी और उसे समझाया कि उसे क्या करना है ?



अगले दिन वो आत्मा भी, उन लोगों में शामिल थी किन्तु सिर्फ अपनी मुक्ति और बाबा की सहायता के लिए ही ,जो भी उसने देखा बहुत ही वीभत्स था।  



बाबा उस आत्मा से मिलने के लिए निरंतर ,हवन -पूजा कर रहे थे क्योंकि दूसरे लोक की आत्माओं से मिलना आसान नहीं होता। बाबा आत्मा की प्रतीक्षा कर रहे थे। 



उसने जो भी बताया -सबको हिला देने के लिए काफ़ी था। 

उस आत्मा ने बाबा को आखिर ऐसा क्या बताया? क्या वो आत्मा बाबा की सहायता कर पायेगी या फिर ये किसी की चाल है  ? प्रदीप चौबे की आत्मा बाबा की सहायता कैसे कर पायेगी ? जानने के लिए पढ़िये - बेचारी 
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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