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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023

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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना नहीं चाहता ,जो रहा भी है ,तो रातों -रात भाग जाता है। किन्तु ऋचा , रातभर उस मकान में रहती है और भागती भी नहीं ,उसके पिता का प्रातः काल ही ,फोन आता है ,जिससे लगता है - कि उसे इस घर के विषय में पहले ही मालूम था। उसी समय पर ''देवीलाल जी देखने आते हैं -कि लड़की यहीं है या भाग गयी। ऋचा को वहीं देखकर ,उन्हें आश्चर्य होता है कि ये लड़की अभी तक यहीं है ,शरारत में ऋचा ,उनसे कहती भी है -अंदर आ जाइये किन्तु देवीलाल जी बाहर से ही ,चले जाते हैं ,उनकी हिम्मत नहीं होती कि उस घर में जाएँ। इस सबके पश्चात वो ,अपने दफ्तर चली जाती है। अब आगे -



उस घर में जो आत्मा थी ,वो परेशान और क्रोधित होती है, कि ये लड़की मुझसे क्यों नहीं डरी ? आज तक ऐसा नहीं हुआ ,मेरे सामने कोई भी टिक पाया हो और उसे कैसे पता चला ? कि मैं उस कमरे में नहीं जा सकती। आज तो मैं उसको छोडूंगी नहीं। आज उसे मैं ,अपना नया रूप दिखाकर ही रहूँगी। उसने'' नितिका ''का असली रूप नहीं देखा।आज तक मैंने ,जो भी चाहा ,वही पाया है।वो अपनी शक्तियाँ बढ़ाने अपने स्थान पर चली जाती है।तमतमाई वो नितिका रूपी आत्मा वहाँ से प्रस्थान करती है। 







 सुबह से गयी ऋचा, अपने दफ्तर के कार्यों में व्यस्त हो जाती है, उसे स्मरण ही नहीं रहता कि सम्पूर्ण रात्रि, उसकी कैसी बीती ? या आगे भी बाधाएँ पैदा हो सकती हैं, इन सबसे बेखबर वो, मन लगाकर अपना कार्य करती है। शाम को ही उसे एहसास होता है कि अब उसे घर भी जाना है ।दिनभर  की थकान के पश्चात् वो आराम करने का सोच रही थी। अब घर जैसा भी अस्तव्यस्त है किंतु अपने लेटने के लिए, तो उसने जगह बना ही ली है। अब उसके कदम तेजी से अपने घर की ओर बढ़ रहे थे। 

शाम को जब ऋचा ,घर का दरवाजा खोलती है ,तो  आश्चर्य चकित  रह जाती है ।घर में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। सम्पूर्ण फ़र्श छोटे -छोटे कीड़ों से अटा पड़ा था। उन कीडों के ऊपर एक खोल सा बना था और उनके चलने पर ,पीछे से एक लसलसा सा पदार्थ छोड़ रहे थे। ऋचा नहीं जानती थी ,कि ये कीड़े काटते हैं या इनके काटने से क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं ?वो ये भी समझ रही थी कि ये सब उसे भगाने और डराने के लिए ,उस आत्मा का ही काम है। इसी तरह बाहर खड़ी होकर ,सोचती रही ,तभी कुछ सोचकर बाहर के सूखे पौधों से एक लम्बी सी टहनी तोड़ी उसे तोड़ते ही वो ड़र के कारण पीछे हट गयी। जैसे ही ,उसने उस पेड़ की टहनी को तोडा ,बड़ी तेज चीख़ निकली। जैसे किसी व्यक्ति का कोई अंग विक्षिप्त हुआ हो ,वो डरकर पीछे हट गयी। वो सोचने लगी ,इन सूखे पेड़ पौधों में भी कुछ रहस्य है। वो उस टहनी को लेकर अंदर गयी और उसके पत्तों से उन कीड़ों को हटाकर , अपने चलने के लिए स्थान बनाया। 



वो स्थान तो बन गया किन्तु उस जगह पर ,वो लिसलिसा पदार्थ उसके जूतों में चिपक गया, उससे उसे बड़ी ही घिन्न आ रही थी ,एक अजीब सी दुर्गन्ध उस घर में भर गयी थी। जिसके कारण सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था।उस समय कोई और होता तो देखकर ही बेहोश हो जाता किन्तु ऋचा ने रसोईघर तक पहुंचने के लिए स्थान बनाया। वहां पहुंचकर उसने ,एक सफेद पदार्थ निकाला और पानी में घोला और उन कीड़ों के ऊपर फेंका , फेंकते ही वे कीड़े बिलबिलाने लगे और मरने लगे ,अब उसने बहुत सारा पानी बनाया और जहाँ  तक वो जा सकती थी उसी स्थान को धो डाला।



जब वो स्नानागार में गयी ,तो एकाएक पानी बंद हो गया। ऋचा के मुँह पर साबुन लगा था ,अब क्या करे ?मन ही मन बुदबुदाई -आज इस चुड़ैल ने मुझे परेशान करने का मन बना ही लिया है। वो लगभग चीख़ते हुए ,बोली -तुम कौन हो ,क्या चाहती हो ? छुपकर इस तरह वार करने से क्या होगा ?उसकी आँखों में साबुन जलन कर रही थी। तभी बड़ी तेज हंसी की आवाज आई और पानी भी बहुत तेजी से बहने लगा। ऋचा ने जल्दी से मुँह धोया ,और अभी वो मुँह पोँछ ही रही थी, तभी एक भयावनी शक्ल शीशे में उभरी ,उसके स्थान पर किसी और का चेहरा उसे नजर आया। उसके बाल बिखरे हुए और उसकी आँखों के कंचे चमक रहे थे और गंदे बड़े -बड़े दाँत थे। अचानक इतना डरावना चेहरा देखकर ,ऋचा भी ड़र गयी और बाहर की तरफ भागी। 







आज उसने पहली बार ,ऐसा कोई डरावना चेहरा देखा था। वो अंदर तक काँप गयी ,उसके डरने के कारण, उस भूतनी के मन को सुकून मिला ,अट्टाहस करके हंस रही थी । उसके उस स्वर से सारा घर गूँज रहा था। जैसा उसने सोचा था -ऐसा कुछ नहीं था ,जहाँ -जहाँ वो चलकर जा रही थी ,वहीं -वहीं छत पर ,किसी के खिसटने की आवाज आ रही थी। ऋचा की तो जैसे भूख ही समाप्त हो गयी ,अब वो रसोई घर से पानी लेकर ,उसी कमरे में जाना चाहती थी क्योंकि दहशत के कारण ,उसका गला सूख़ गया था। पहली बार उसने इतनी भयानक शक्ल  जै देखी थी। जैसे -जैसे  वह आगे बढ़ रही थी , कोई लग रहा था, कोई उसके साथ था। किन्तु जैसे ही ,रसोई में कदम रखे ,वो आहट सुनाई देनी और महसूस होनी बंद हो गयी। वहां उसने अपने को सुरक्षित महसूस किया ,आज तो वो मंदिर की ज्योत भी नहीं जला सकी। थोड़ा सुकून मिलते ही, उसे भूख का भी एहसास होने लगा ,उसने जल्दी से अपने लिए पोहा बनाया और छत के उस कमरे में जाने की तैयारी करने लगी। तभी एकदम से उसका फोन बज उठा ,वो आज इतनी डरी हुई थी कि फ़ोन की आवाज़ से ही ड़र गयी। इस सुनसान घर में ,अचानक फोन इतनी तेजी से बजा ,वो ही क्या ?कोई और भी होता तो ड़र ही जाता।  न जाने किसका फोन आ गया? यह देखने का समय नहीं है  पहले अपने कमरे में जाती हूँ  तब इत्मिनान से बातें करूँगी  कल तो  जैसे - तेसै रात्रि व्यतीत हुई किंतु आज शायद  मुश्किल हो सकती है। लोग सही कहते हैं, ऐसे हालातों में तो हर कोई भाग जायेगा। 

इतनी रात्रि को अचानक किसका फोन आ गया? पिछली रात्रि को इस घर में, कौन बुजुर्ग दम्पत्ति आये थे और क्यो रो रहे थे और सुबह होते ही कहाँ गये? क्या उनका इस घर से कोई नाता है ? जानने के लिए पढ़िये - बेचारी भाग ८
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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