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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों को भी पता चलता है -कि उनके पिता नहीं रहे और ये खुलासा भी शीघ्र ही हो जाता है कि उनकी माँ ने राकेश से विवाह कर लिया है। रात्रि में ,उन दोनों को साथ देखकर ,प्रदीप को क्रोध तो बहुत आता है और अँधेरे में पहले तो सुलेखा को ,राकेश का मृत शरीर दिखता है ,कुछ ही देर पश्चात ,उसे प्रदीप की मृत देह अपने नजदीक मिलती है ,वो डरकर बाहर भागती है ,तभी किसी चीज में उलझ जाती है और ड़र के कारण अचेत हो जाती है।







 सुबह बच्चे अपनी माँ को इस तरह ,अचेत अवस्था में देखते हैं उसे उठाते हैं ,बिस्तर पर लिटाते हैं। मुँह पर पानी के छींटों से ,उसे होश में लाते हैं। राकेश भी घर में कहीं नहीं था। 



मम्मी ,ये आपको क्या हुआ ?आपने अपनी क्या हालत बना रखी है ,और वो अंकल कहाँ गए ?बेटे ने प्रश्न किया।



क्या ?वो यहाँ नहीं है ,शायद तुम्हारे'' पापा की आत्मा ''ने उसे मार तो नहीं दिया। 



ये आप क्या बेतुकी बातें कर रहीं हैं ?भला वो क्यों ऐसा करने लगे ?इतने वर्षों से तो आये नहीं ,अब अचानक कैसे आ गए ,और वो हमसे क्यों नहीं मिलते ?आपको ही क्यों दीखते हैं ?



बेटे के इस प्रश्न ,पर सुलेखा ने चुप्पी साध ली ,वो कैसे कहे ,कि या तो वो बदला लेने आया है या फिर मुझे डराना चाहता है। बेटे के इन प्रश्नों ने उसे, कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया और वो मन ही मन कुछ निश्चय लेती है। उसके पश्चात वो सोचती है -ये राकेश ...... किधर गया ? मुसीबत में ,छोड़ भाग गया। तभी मन में प्रश्न कौंधा ,कहीं प्रदीप ने ही तो कुछ...... सोचकर वो सिहर उठी। इतना दुःख तो उसे ,प्रदीप के मरने का भी नहीं हुआ था, जितना उसे राकेश के खो जाने या फिर प्रदीप द्वारा हानि पहुंचाने की सोचकर हो रहा था। किसी तरह दिन बीता। 



रात्रि में ,कुछ देर तक तो ,वो आज स्वयं ही ,प्रदीप की प्रतीक्षा करती रही। न जाने कब उसे नींद आ गयी ?तभी उसे आवाज़ आई ,सुलेखा.... सुलेखा.... तुमने मेरे साथ ,ऐसा क्यों किया ?



आज वो डरी नहीं ,और बोली -मैंने क्या किया ?



क्या बात है ?तुमने मुझे मार दिया और कहती हो - मैंने क्या किया ?



मैंने तुम्हें नहीं मारा ,मैंने तो तुम्हें मुक्ति दी ,मारा तो तुम्हें उस नर्स ने था। 



उसने मारा था..... फिर भी, मैं ज़िंदा था ,तुमसे मुझे उंम्मीद थी कि तुम मुझे ,ठीक कराओगी ,मेरी चिकित्सा कराओगी किन्तु तुमने ऐसा कुछ भी नहीं किया। मैंने सोचा था -तुम मेरे लिए ही आई हो ,किन्तु तुमको तो मुझसे छुटकारा ,पाने का बहाना मिल गया। तुमने मुझे ,मारकर मेरे घर में ही मेरी ,कब्र खोद दी। और यहाँ राकेश के संग मेरे ही घर में मेरे बच्चों से झूठ बोलकर ,रह रही हो। ''नितिका ''ने हमें धोखा दिया ,वो बाहर वाली कोई अनजान थीं, किन्तु तुम तो इसी घर की थीं ,हमारी अपनी थीं। तेजी से हंसने लगा। अपनी माँ के कमरे से अज़ीब सी आवाजें सुनकर ,तब तक बच्चे भी आ गए थे। 



उनकी माँ किसी से कह रही थी -हाँ ,मैने तुझे मारा ,जब राकेश मेरे लिए कुछ करता तो तुम्हें बर्दाश्त नहीं हुआ ,मैंने तुम्हारे लिए अपना काम भी छोड़ दिया। 



काम छोड़ दिया !!!!!झूठी किन्तु उससे मिलना नहीं छोड़ा ,जिसकी वो कीमत चुकाता था। ह्म्म्मम्म ह्म्म्मम्म करके उसने अपना क्रोध दिखाया। 



तब तुमने भी तो , मुझे वेश्या कहकर गाली दी। 



और क्या कहता ?सारे मौहल्ले के लोग ,मुझ पर हँसते थे ,व्यंग्य करते थे ,तुम्हारा पति मैं था कि वो....... जीते जी तो तुम्हें लज्जा नहीं आई ,मरने के पश्चात भी ,वो ही कर्म मेरे बच्चों के सामने कर रही है। 



तभी कमरा रौशनी से भर गया ,उस रौशनी में ,सब कुछ साफ हो गया। दोनों बच्चे ,खड़े अपनी माँ का असली चेहरा देख रहे थे। जिससे उनकी माँ बात कर रही थी- वो राकेश के अंदर ,उनके पिता 'प्रदीप की आत्मा 'थी जो अपने ही दुश्मन द्वारा ,अपने प्रश्नों के जबाब सुनकर ,शायद चला गया था।इस समय ,राकेश निढाल बेसुध पड़ा था। वो यहाँ ,कैसे ?ये सब अचम्भित करने वाली बात थी। कल अचानक कहाँ गया ?ये भी किसी को पता नहीं था -किन्तु बच्चों को अपने पिता के क़ातिल का अवश्य पता चल गया था।दोनों बच्चों का मन अपनी माँ के प्रति घृणा से भर गया। तुमने हमारे पिता को ही मार डाला ,बेटे ने प्रश्न किया। 







कुछ समय पश्चात ,बेटे ने पुलिस को फोन कर दिया। सुलेखा अपने ,जुर्म को क़बूल करने के पश्चात ,अपने बच्चों से नजरें नहीं मिला सकी। कुछ देर बाद पुलिस आ गयी और दोनों पति -पत्नी को लेकर गयी। आज प्रदीप की आत्मा शांत थी। इस औरत ने जीते जी,तो मुझे धोखा दिया और मेरे मरने के बाद भी ,बच्चों को भी धोखा दे रही थी। 



प्रदीप ने अपने बच्चों को देखा ,अब बच्चे इतने छोटे भी नहीं रहे ,अनाथ तो हो गए ,किन्तु शीघ्र ही सम्भल भी जायेंगे। यही सोचकर ,उसने अपने बच्चों को आशीर्वाद दिया ,और वो अपना वचन पूर्ण करने बाबा के पास आ गया। किन्तु वो यहाँ क्या देखता है ?बाबा और वो लड़की ऋचा तो बहुत ही परेशान हैं। उनकी बातों से उसे समझ आया -कि कोई हाइवे है ,जहाँ पर लोग मर रहे हैं। कभी कोई दुर्घटना हो जाती है ,कभी कोई आत्महत्या कर लेता है। उनके शव देखकर लगता है -जैसे कोई लोगों की ज़िंदगियों से खेल रहा है। 



पुलिस भी ,कारण ढूंढ़ -ढूंढकर ,परेशान हो रही है ,किन्तु कुछ पता नहीं चल रहा ,ये दुर्घटनाएँ क्यों हो रही हैं ?हो भी रहीं हैं तब इनके शवों की ऐसी हालत कौन कर रहा है ?किसी ने ,जानने का प्रयत्न भी किया तो बताने के लिए ,वही जिन्दा नहीं बचा। 



उस हाइवे पर ,ये हादसे ,क्यों और कैसे हो रहे हैं ? कौन उन शवों की दुर्दशा कर रहा है ?क्या बाबा इस बात का पता लगाएंगे या कोई पुलिसवाला ,इन अपराधों का दोषी कौन है ?जानने के लिए पढ़ते रहिये -बेचारी के चालीस भाग पूर्ण हो गए क्या ये कहानी आप लोगों को पसंद नहीं आ रही ,यदि आ रही है तो अपना समर्थन दीजिये ,मुझे फॉलो करके अथवा सब्सक्राइब भी कर सकते हैं।    
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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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