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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023

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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपनी घबराहट को दूर कर ,जैसे ही वो अपने घर के नजदीक पहुंचती है ,उसे एक कणिका नाम की लड़की मिलती है। वो उसे बताती है -मुझे इस घर में किराये पर रहना है ,किन्तु ऋचा को शीघ्र ही उसकी असलियत का पता चल जाता है और वो सतर्क हो जाती है। आज रात्रि को उसे उस घर में जो दो बुजुर्गों की आत्मा दिखती थी ,वो भी दिखी और उन्होंने कुछ इशारे से उसे समझना चाहा किन्तु ऋचा बुरी तरह ड़र चुकी थी। अब तो उसे अपने कमरे से बाहर निकलते हुए भी ड़र लग रहा था। अब आगे -

 

 

 

सम्पूर्ण रात्रि ऋचा ने जागते काटी ,उस स्वप्न के पश्चात उसे नीद ही नहीं आई। सुबह उसे अपने कमरे से बाहर निकलते हुए ,ड़र लग रहा था। वो जानती थी ,उसके पास गुरूजी का दिया 'रक्षा कवच 'है फिर भी एक अनजाना सा भय उसके अंदर समा गया था। बाहर तो आना ही था वो बाहर आई और ये देखने के लिए कि अब कणिका क्या कर रही है ?उसने सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए आवाज़ लगाई -कणिका...... कणिका... 

 

उसे कोई उत्तर नहीं मिला ,तभी उसे स्मरण हुआ ,वो कणिका नहीं एक छलावा थी जो अपना रूप बदलकर मुझे छलने आई थी। अब दिन निकला है ,अब वो नहीं दिखेगी। अब साहस करके ,वो अपने कार्य करती है क्योंकि उसे विश्वास है कि अब कोई हरकत नहीं होगी। तभी उसे उस कमरे का स्मरण होता है फिर भी वो वहां नहीं जाती ,उसकी अकेली की हिम्मत नहीं हो रही थी। प्रतिदिन की तरह उसके पापा का फोन आता है। 

 

कैसी हो मालिनी बेटा ?

 

पापा !ये आपने मुझे कहाँ फंसा दिया ?अब मुझे यहाँ रहते हुए बहुत ड़र लग रहा है। यह कहकर उसने रात्रि की सम्पूर्ण घटनाएं उन्हें बता दीं।ऋचा की बातें सुनकर भी वो चुप रहे और बोले -

 

आज मैं गुरूजी से मिलता हूँ और उनसे बात करता हूँ ,मुझे लगता है -वे दोनों आत्माएँ तुम्हारी सहायता करना चाहती हैं किन्तु ये छल भी हो सकता है ,अभी तुम कुछ भी कदम मत उठाना। 

 

पापा से बात करके ,वो दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,वहां जाकर देखती है जो उसने सिंदूर से उनके लिए रक्षा कवच बनाया था वो तो वहां नहीं था। किसी अनिष्ट की आशंका से ,वो घर की ओर दौड़ती है। किन्तु दरवाजे बंद थे। अब वो क्या करे ?उसने एक पड़ोसी से पूछा भी वो कुछ नहीं बता सके। ऋचा दौड़ती हुई पास के मंदिर में पहुंची और पंडित जी को दरवाजा न खुलने की बात बताई और कुछ ऊपरी हवा का भी ,उन्हें संकेत दिया। 

 

उसकी बात सुनकर पंडितजी ने ,उसे हनुमान जी का सिंदूर देते हुए कहा -ये सिंदूर उस दरवाज़े पर लगा देना और ये देवी माँ की चुनरी अपने मस्तक पर बांध लो ताकि वो तुम्हें भी कोई हानि न पहुंचा सके। वो सिंदूर लेकर उस घर के दरवाजे पर लगा देती है और दरवाज़ा खुल जाता है। वे दोनों पति -पत्नी उसे नहीं दिखे। तब उसने उन्हें अन्य कमरों में ढूंढा ,तब मंदिर वाले कमरे में उसने उन्हें डरे सहमे सुरक्षित पाया।

 

 ऋचा ने उन्हें उठाया ,और उनकी इस हालत का कारण जानना चाहा जबकि वो तो सिंदूर रेखा बनाकर गयी थी। तब उन्होंने बताया -जब सफाई वाली आई थी ,तब हमने उसे उस रेखा को छेड़ने से मना किया था। पहले तो वो चुपचाप काम करती रही ,उससे थोड़ा हल्का सा वो सिंदूर हट गया और पता नहीं उसे अचानक क्या हुआ ?वो तो बड़ी तेजी से कार्य करने लगी और सम्पूर्ण रेखा मिटा दी। हमने उससे पूछा -ये तूने क्या किया ?उसकी तो आँखें जैसे अंगारे उगलने लगीं और बोली -तू मुझसे पूछेगी ,मैंने क्या किया ?मैं अपनी मर्जी की मालिक हूँ ,मेरा जो मन करेगा वही करूंगी। तुम्हारा काम करती हूँ ,तो क्या तुम्हारी गुलाम हो गयी ?

 

ऋचा ने पूछा -फिर क्या हुआ ?

 

हम समझ गए ,ये सब उस रेखा के हट जाने के कारण हुआ है ,तब हम दोनों इस कमरे में आ गए ,उसके पश्चात उसने क्या किया और कहाँ गयी ?हमें कुछ नहीं मालूम !

 

अब आप चिंतित न होइए ,अब मैं आ गयी हूँ। 

 

तुमसे ही तो मिले हैं ,तभी से ये परेशानी हमें उठानी  पड़ रही है ,इससे पहले तो कुछ नहीं हुआ था। अब तुम जाओ ! और अब यहां कभी मत आना !वे क्रोधित होते हुए बोलीं। तुम्हारे अंकल की क्या हालत हो गयी ?अब वो हमारे पीछे पड़ी है ,मैंने पहले ही इंकार किया था किन्तु तुमने हमारा पीछा नहीं छोड़ा। 

 

उन्हें इस तरह क्रोधित देखकर ,ऋचा बोली -आंटी ,मैं आपकी परेशानी समझ सकती हूँ किन्तु मैं भी क्या करूँ ?मुझे भी उस परिवार और उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए ,उस घर की असलियत तो किसी न किसी से पूछनी ही थी। आप तो बस ये समझिये ,ये नेक कार्य आप लोगों के हाथों होना था तभी आप लोग मुझे मिले। 

 

 

 

इसमें क्या नेक कार्य है ?जब हम ही नहीं रहेंगे ,तो क्या ख़ाक नेक कार्य कर पायेंगे ? अब तुम ऐसा करो अब यहाँ से चली जाओ !अब हम तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर पाएंगे। उन्होंने उसे बाहर का रास्ता दिखाया। 

 

ऋचा को कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करे ,क्या न करे ?तभी बोली -आंटी...... यहां तो मैं आप लोगों के सिवा किसी को नहीं जानती ,अब आप लोग ही ऐसा करेंगे ,तब मैं कैसे किसी से ,सहायता की उम्मीद कर सकती हूँ। 

 

जितना हम जानते थे ,हमने बता दिया अब और नहीं। 

 

ऋचा मायूस सी बैठी रही ,सोच रही थी -इन लोगों से जो भी जानकारी मिली ,मुझे तो आज तक मालूम ही नहीं था ,कि मेरी माँ का नाम क्या था ?पिता को तो परेशान देखकर कभी पूछा ही नहीं किन्तु जब दोस्तों की मम्मी देखीं तब अपनी माँ के विषय में पूछा ,तब उन्होंने बताया कि अब वो इस दुनिया में नहीं है। किन्तु मेरी माँ केेसी थी ?इसकी जानकारी तो इन लोगों, से ही मिली और अब उनकी मृत्यु कैसे हुई ?वो भी तो पता लगाना होगा। उस घर के वे बुजुर्ग अभी तो ,उनके विषय में भी कुछ नहीं मालूम। इतना सब सोचते ही उसने निर्णय लिया वो यहाँ से सम्पूर्ण जानकारी लिए बगैर कहीं नहीं जाएगी। 

 

आंटी जी ,इस तरह नाराज न होइए ,मैं मानती हूँ कि मेरे कारण आपको परेशानियों का सामना करना पड़ा किन्तु आप लोगो के ही कारण ही ,मुझे मेरी माँ मिली ,उनका पता चल पाया। इस तरह क्या मालूम आपके ही कारण ,मैं इन उलझी हुई पहेलियों को सुलझाने में क़ामयाब हो सकूं। 

 

वो बोलते जा रही थी अब वो दोनों उसका चेहरा देखने लगे ,उन्हें इस तरह देखते ,देखकर ऋचा बोली -कृपया आंटी जी ,आप मुझे और भी जानकारी देंगी तो आपकी मेहरबानी होगी। वे लोग फिर भी उसे उसी तरह देखे जा रहे थे। उन्हें इस तरह देखते, देखकर ऋचा बोली -आप मुझे इस तरह क्यों देख रहे हैं ?

 

वे बोलीं -कौन हो तुम ?

 

मैं........ मैं ऋचा !

 

नहीं ,तुम अभी कुछ कह रही थीं ,मुझे तुम लोगों के कारण ही, मेरी माँ मुझे मिली ,तुम्हारी माँ कौन है ?उन्होंने संदेह से पूछा। 

 

तब ऋचा को एहसास हुआ कि जोश में ,उसने न जाने क्या कह दिया ?कह दिया सो कह दिया ,अब तो बताना ही होगा।  

क्या ऋचा उन्हें सच्चाई बता पायेगी, उसकी सच्चाई जानकर दीक्षित परिवार क्या करेगा? आगे उसकी सहायता करेंगे या नही या उस आत्मा के डर से उसे भगा देंगे  जानना है तो पढ़ते रहिये - बेचारी 

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रचनाएँ
बेचारी
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ऋचा एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है और वो शहर में नौकरी करने आती है।और न जाने किन रहस्यों में उलझती चली जाती है।उसकी ज़िंदगी का,हर एक रहस्य एक नया सवाल खड़ा कर देता है।क्या वो बेचारी है? या फिर ये भी एक रहस्य है किसके कारण,वो भयभीत होती है?उसके भय का क्या कारण है? क्या अपने जीवन में आई,उन उलझनों को वो सुलझा पायेगी?इन सबका जबाब जानने के लिए पढ़िये - "बेचारी"
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बेचारी ( भाग १)

7 अक्टूबर 2023
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ऋचा उस फ्लैट में घुसती है , उसके घुसते ही ,एक अजीब ,तेज़ बदबू का झोंका ,उसके नथुनों से टकराया ,उसने तुरंत ही अपना हाथ अपनी नाक पर रख लिया। वो बोली -देवीलाल जी ये आप मुझे कहाँ ले आये ?और ये कैसा मकान द

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बेचारी ( भाग २)

8 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल , सम्पत्ति लेन -देन का व्यापारी है ,उसके दफ्तर में ऋचा आ जाती है जिसे रहने के लिए एक फ्लैट चाहिए क्योंकि वो इस शहर में नई आई है ,यहां वो किसी को जानती भी नहीं और अब उसे इसी

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बेचारी ( भाग ३)

8 अक्टूबर 2023
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देवी लाल जी एक 'प्रॉपर्टी डीलर '' हैं ,ऋचा उनसे एक मकान अथवा फ्लैट के लिए सम्पर्क करती है। वो ऋचा को भी वही मकान दिखाते हैं ,जो इससे पहले भी कई लड़के लड़कियों को दिखा चुके हैं, किन्तु पता नहीं ,उस मकान

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बेचारी ( भाग ४)

9 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर 'अट्ठावन ' में रात्रि में अपने नौकर नंदू के साथ ठहर जाते हैं किन्तु उस मकान में उनकी ,इतनी बुरी गत हो जाती है कि अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती

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बेचारी ( भाग ५)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -सेठ देवीलाल जी ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं ,वहां कोई तो है ?जो नहीं चाहता ,कि कोई आये और यहां रहे। किन्तु देवीलाल जी को किसी का फोन आता है कि इस

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बेचारी ( भाग ६)

10 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा जो एक अनजाने शहर में आती है और देवीलाल जी उसे एक घर किराये पर दिखलाते हैं ,वो घर एकदम निर्जन गली के सबसे आख़िरी मकान है। उस घर में कोई भी किरायेदार आता है ,रातों रात भाग जाता है। ल

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बेचारी ( भाग ७)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक'' बेचारी '' में आपने पढ़ा -ऋचा किसी दूसरे शहर में ,नौकरी करने आती है और ''देवीलाल जी ''जो एक ''प्रॉपर्टी डीलर ''हैं ,उनसे ऋचा सम्पर्क करती है और वो उसे वही मकान दिलवा देते हैं , जिसमें कोई रहना

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बेचारी ( भाग ८)

11 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा - ऋचा किसी अनजान शहर में ,नौकरी करने आती है और देवीलाल जी के माध्यम से उसे एक मकान मिल भी जाता है।'' शास्त्रीनगर का वो मकान नंबर ,'' अट्ठावन ''जहाँ एक रात से भी ज्यादा कोई नहीं टिक पात

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बेचारी ( भाग ९)

12 अक्टूबर 2023
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ऋचा किराये पर मकान लेती है और वो शास्त्रीनगर के ''प्रदीप चौबे ''के ,मकान नंबर ''अट्ठावन ''में आ जाती है। वो मकान कई वर्षों से ,यूँ ही वीरान पड़ा है , उसमे कोई नहीं रहता। कभी कोई भूले से आ भी जाता ,तो र

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बेचारी ( भाग १०)

12 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा - ऋचा उस मकान में रहने तो आ जाती है ,किन्तु नितिका की रूह ने ,उसे परेशान कर दिया वो ऋचा को छू तो नहीं पा रही किन्तु उसे डरा अवश्य दिया। घर में रहते अभी उसे तीन -चार दिन ही हु

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बेचारी ( भाग ११)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ,उस घर की कहानी जानने की इच्छुक है ,इसके लिए उसे दीक्षित परिवार के दम्पत्ति मिलते हैं। पहले तो वो लोग उसे,किसी भी तरह की जानकारी उसे देने के लिए तैयार नहीं होते हैं, किन्तु जब ऋचा

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बेचारी ( भाग १२)

13 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा , चौबेजी के बरसों पुराने घर में रहने आती है ,अभी तक तो सभी, यही समझ रहे थे कि -ऋचा अन्य किरायेदारों की तरह ही, इस घर में रहने आई है किन्तु कुछ समय पश्चात ,एहसास होता है कि वो आई न

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बेचारी ( भाग १३)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा जो ,शास्त्रीनगर के मकान नंबर अट्ठावन में आती है ,वहां उसका एक रूह से सामना होता है। वो पहले तो ये बात ,हल्के में ले रही थी किन्तु ,जब उस आत्मा ने, उसे परेशान कर दिया ,

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बेचारी ( भाग १४)

14 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,आपने पढ़ा -ऋचा उस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए , वो इस आत्मा के चक्कर को ही समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिए वो उस घर की कहानी जानना चाहती है और इसके लिए वो दीक्षित परिवार से सहायता

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बेचारी ( भाग १५)

15 अक्टूबर 2023
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बेचारी में आपने अब तक पढ़ा -ऋचा को पता चल जाता है कि ''नितिका ''नाम की नर्स और कोई नहीं उसकी अपनी माँ है। वो इस बात से बेहद दुखी और परेशान होती है कि उसे अपनी माँ के विरुद्ध ही लड़ना होगा। वो बहुत देर त

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बेचारी ( भाग १६)

15 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा को पता चल जाता है ,इस घर में जो'' नितिका ''नाम की आत्मा निवास करती है वो और कोई नहीं ,उसकी अपनी माँ ही है। पिता से पूछने पर कि माँ की मौत कैसे हुई ?जिसका वो जबाब नहीं दे पाते। अपन

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बेचारी ( भाग १७)

16 अक्टूबर 2023
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ऋचा दीक्षित परिवार से मिलने जाती है ,आज उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई क्योंकि रात जो उसने भयानक सपना देखा ,उसके कारण वो बेहद डरी हुई थी। उसने अपने पिता को फोन पर ,कणिका के विषय में बताया जिसे सुनकर उसके

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बेचारी ( भाग १८)

16 अक्टूबर 2023
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प्रदीप चौबे '' अपने पिता का अंतिम संस्कार करके ,अपने काम पर लोेट जाता है ,अपनी माँ को अपने संग ले जाना चाहता है किन्तु माँ पहले तो उसके संग जाने से इंकार कर देती है और जब जाने के लिए तैयार होती हैं तब

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बेचारी ( भाग १९)

17 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को दीक्षित परिवार ,आगे की कहानी सुनाता है ,और बताता है कि'' प्रदीप चौबे ''के माता -पिता का देहांत हो जाता है जिसकी ज़िम्मेदार ऋचा की माँ ''नितिका ''ही थी। वो बताती हैं -हमने उनके ब

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बेचारी ( भाग २०)

18 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा अपने पापा से बात कर ,देवीलाल जी से उस नंबर का पता लगाने जाती है, जिस नंबर पर उन्हें फोन आता है किन्तु देवीलाल जी अनभिग्यता जाहिर करते हैं। ऋचा हैरत में पड़ जाती है ,कि जिसे देवीलाल

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बेचारी ( भाग २१)

18 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा ''प्रदीप चौबे ''का पता लगाने के लिए ,घर से निकलती है और बस में भी चढ़ती है ,और उसके घर देहरादून पहुंच जाती है ,जहाँ पर उसको पता चलता है कि'' प्रदीप चौबे '' तो अपनी माँ क

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बेचारी ( भाग २२)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा बस अड्डे से वापस अपने घर आती है। वहां पहुंचकर उसे पता चलता है -उसके पापा और पंडितजी आ गए हैं। पंडितजी उसके द्वारा पता लगाते हैं, कि वो आत्मा वहीं आस -पास है ,तब उन्हें पता च

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बेचारी (भाग २३)

19 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''नितिका''की आत्मा से बचने के लिए ,एक पंडित जी को अपने संग लाते हैं। पंडित जी ,पहले उन बुजुर्ग आत्माओं का निवारण करना चाहते हैं और उनकी आत्माओं को बुलाते भी हैं किन्

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बेचारी ( भाग २४)

20 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,उस आत्मा से बचते हुए ,एक मंदिर में शरण लेते हैं ,तब वहाँ के पंडित जी से बताते हैं - कि उस आत्मा ने पता नहीं कैसे ,हमारे साथ आये पंडितजी को मारा ? तब पंडितजी उन्हें म

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बेचारी ( भाग २५)

20 अक्टूबर 2023
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बेचारी के इससे पूर्व भाग में आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पिता ,नितिका नाम की आत्मा से बचते - बचाते एक मंदिर में जाकर शरण लेते हैं। मंदिर के पंडित जी उनकी सहायता का वायदा करते हैं और अपना एक आदमी ''भैरों बाब

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बेचारी ( भाग २६)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा और उसके पापा को पंडितजी ''भैरों बाबा ''के यहां पहुंचा देते हैं।'' भैरों बाबा ''ऋचा के मन में उठते सवालों का जबाब ,उसे एक कहानी द्वारा देते हैं। वो कहानी तीन सौ बरस पुरानी है ,कादम

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बेचारी ( भाग २७)

21 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , भैरों बाबा ऋचा और उसके पापा को एक ,तीन सौ साल पुरानी कहानी सुनाते हैं ,जो कादम्बिनी और भुवन की है ,इससे ये तो पता चल जाता है- कि नितिका और उसका पति पिछले जन्म में भी पति -पत्नि ही थे

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बेचारी ( भाग २८)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -एक व्यक्ति जो कादम्बिनी को, एक बालिका को, जबरदस्ती खींचकर अपने झोंपड़े के अंदर ले जाती है ,देखता है ,वो व्यक्ति पहले तो गांववालों को बुलाने की सोचता है किंतु कादम्बिनी कहीं हाथ से न नि

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बेचारी ( भाग २९)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -कादम्बिनी ,अपने गांव के लोगों से नाराज है ,उन्हें सबक सिखाने के लिए ,अपने ही गांव की बच्चियों को अगवा करती है और एक तांत्रिक की सहायता से , अपनी शक्तियां बढ़ाने के लिए ,उन बच्चियों की

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बेचारी ( भाग ३०)

22 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने जाना ,कादम्बिनी जो भुवन की पत्नी थी ,उसकी हत्या तीन सौ बरस पहले ऋचा ने की थी ,ये बात ''भैरों बाबा ''ने उसके पापा और उसको बताई- कि आज जो नितिका और उसके पिता हैं ,वे पहले भी पति -पत्नी रह चु

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बेचारी ( भाग ३१)

24 अक्टूबर 2023
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बेचारी में ,अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,''भैरों बाबा ''से मिलते हैं। 'भैरोंबाबा'उन्हें उनके पूर्व जन्म की कहानी सुनाते हैं ,जिससे पता चलता है -ये इनके पूर्व जन्मों के ही कारण हो रहा है। अब वे ल

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बेचारी ( भाग ३२)

24 अक्टूबर 2023
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अभी तक अपने पढ़ा -''भैरों बाबा '' उस घर की शुद्धि के लिए हवन करते हैं ,किन्तु 'नितिका की आत्मा ''उस हवन में व्यवधान डालती है। दोनों तरफ कुछ देर तक ,अपनी -अपनी शक्तियों के बल पर युद्ध सा चलता है। अंत मे

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बेचारी ( भाग ३३)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और उसके पापा ,बाबा के संग हवन में ही बैठते हैं ,उससे पहले ही बाबा ,ऋचा को समझा देते हैं ,कि उसे क्या करना है ?जब बाबा उसे ,उस कार्य के लिए भेजते हैं तब उसे पता चलता है -पापा ने ही

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बेचारी ( भाग ३४)

25 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा की माँ ,''नितिका की आत्मा ''अपने पति के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है किन्तु ये बात ''भैरों बाबा ''को सही नहीं लगती ,उधर ऋचा ,उस स्थान को जलाकर नष्ट कर देती है, जिसके कारण ,''नितिका ''

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बेचारी ( भाग ३५)

26 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा के शरीर पर नितिका ,अपना अधिकार कर लेती है ,बाबा उसे अपने तंत्र से छुड़ाने का प्रयास भी करते हैं किन्तु वो फिर से ,ऋचा को अपने कब्ज़े में लेकर ,उसे लेकर किसी क़ब्रिस्तान मे

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बेचारी ( भाग ३६)

26 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,ऋचा की माँ की आत्मा ऋचा को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है ,भैरों बाबा और उसके पिता उसे ढूंढकर ,उसे अस्पताल में भर्ती कर देते हैं, किन्तु उन्हें वहां भी ,उसके आने का अंदेशा लगता है। बाबा ऋ

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बेचारी ( भाग ३७)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा को उसके पिता किसी अस्पताल में भर्ती कर देते हैं ,किन्तु' नितिका की आत्मा 'उसे ढूंढते हुए ,वहां भी पहुंच जाती है और वो ,वहां के मुर्दों को भी ,खड़ा कर देती है। सभी को अपने संम्मोहन

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बेचारी ( भाग ३८)

27 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा , नितिका की आत्मा ,ऋचा के पापा के अंदर प्रविष्ट कर जाती है ,और उन्हें लेकर ,न जाने ,कहाँ निकल जाती है ?बाबा अब ''प्रदीप चौबे ''की आत्मा को मुक्त करते है ,ताकि वो बता सके -कि 'प्रदीप चौ

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बेचारी ( भाग ३९)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,'' भैरों बाबा '' प्रदीप चौबे'' की आत्मा को छोड़ देते हैं ,प्रदीप चौबे की आत्मा अपने परिवार से मिलने ,देहरादून जाती है और उसकी आत्मा अपनी पत्नी को ,पुकारती है -सुलेखा ,सुलेखा..... पहले

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बेचारी ( भाग ४०)

28 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा ,''प्रदीप की आत्मा ''अपनी पत्नी सुलेखा से मिलने आती है और सुलेखा से अपने प्रश्नों के जबाब चाहती है। किन्तु सुलेखा भी, सच्चाई को ,आसानी से स्वीकार नहीं ,करती है। बहुत दिनों ,बाद बच्चों

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बेचारी ( भाग ४१)

29 अक्टूबर 2023
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बेचारी में अब तक आपने पढ़ा -प्रदीप की आत्मा अपने परिवार से मिलती है ,वहां पता चलता है, कि प्रदीप को मारा तो नितिका ने था किन्तु वो बच गया था ,रही सही कसर उसकी अपनी पत्नी सुलेखा ने पूरी की क्योंकि वो रा

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बेचारी ( भाग ४२)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -भैरों बाबा ,अपनी शक्ति से पता लगाने का प्रयास करते हैं कि ऐसी वो कौन सी शक्ति है? जो हाइवे पर इतनी दुर्घटनाएँ करवा रही है ,इस सब बात का पता लगाने के लिए ,''प्रदीप की आत्मा '' सहायता क

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बेचारी ( अंतिम भाग)

30 अक्टूबर 2023
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अभी तक आपने पढ़ा -ऋचा और बाबा को पता चल जाता है ,हाइवे पर जो हाद्से हो रहे हैं ,उनका ज़िम्मेदार कौन है ? बाबा अब ऋचा को कोई निर्णय लेने के लिए कहते हैं ,किन्तु जब ऋचा को पता चलता है -इन हादसों में उसके

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