भक्तों ने पुकारा और मैया चली आई
भक्तों ने पुकारा और मैया चली आई
दर्शन देकर के मैया आपन कृपा बरसाई......
जब-जब नवरात्रि आई, माई के दरबार सजाई
घर में ही दरबार लगाई, स्वागत में मंगलाचार गाई....
माँ के दरबार में..आज मंगलाचार है..सबका स्वागत सत्कार है
हो रही जयजयकार है माँ अंबे का सत्कार है
माता भवानी आई हैं संग महालक्ष्मी को लाई हैं
गणपति भी साथ हैं संग माँ सरस्वती भी आई हैं
माँ के दरबार में, आज मंगलाचार है.. सबका स्वागत सत्कार है.... सबका स्वागत सत्कार है
हो रही जयजयकार है, माँ अंबे का सत्कार है।
मैया को लाल सिंहासन देकर, हम सब नवरात्र मनाई
लाल रंग चुनरी पहनाई, लाले लाल सिंदूर लगाई
सोलहो श्रृंगार सजाई, टीका बिछिया मुदरी पहनाई
सब मिलि पूजा-पाठ कराई, नित आरती उतारी माई
फल फूल मेवा भोग लगाई, माँ की करे सेवकाई
भावविभोर होके पचरा गाई, माई के जयकारा लगाई...
जय माता दी...जय माता दी....जय माता दी,
प्रेम से बोलो - जय माता दी..जोर से बोलो - जय माता दी...सारे बोलो - जय माता दी....
सब मिलि बोलो जय माता दी,
जय माता दी..जय माता दी...जय माता दी...
माता दी के जयकारों से, चौदह भुवन गुँजाई
भक्तों के दुःख दूर करो माँ, अशोका गुहार लगाई....
आशीष दे दो मैया....उन भक्तों को..उन भक्तों को..उन भक्तों को
जिसने तुमसे आस लगाई
जिसने माँ का दरबार सजाई
जिसने चूनरी है पहनाई
जिसने सिंदूरा है चढ़ाई
जिसने आरती है उतारी
जिसने नित भोग लगाई
जिसने मंगलाचार है गाई
जिसने कलश है बैठाई
जिसने पूजा-पाठ है कराई
जिसने पूर्णाहुति है दिलाई
आशीष दे दो मैया...उन भक्तों को...
जिसने नवरात्रि है मनाई।
घर ही में दरबार सजाकर
मैया को नित हम सब मनाये
मैया आँचल का छाया दे दे...
दुःख सारा जाये नसाई
दुःखवा से बेहाल बा दुनिया
सादगी से त्यौहार मनाई
दरबार तुम्हारे ना पहुँचे तो
घर ही को दरबार बनाई...।
मैया तू तो सारे जग की माता
हर कोई तुम्हारा ही गुण गाता
अपनी शक्ति भर भक्ति करता
आठों पहर भक्ति में रमता
इन भक्तों को दर्शन दे दो माई
इनका कल्याण करो नित आई
अशोका बस इतना गुहार लगाई
सबका कल्याण करो नित माई...।
➖ प्रा. अशोक सिंह
☎️ 9867889171
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