कनिष्ठ महाविद्यालय हिंदी अध्यापक संघ द्वारा आयोजित 'शिक्षक दिवस समारोह'
कनिष्ठ महाविद्यालय हिंदी अध्यापक संघ मुंबई विभाग द्वारा ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से आयोजित 'शिक्षक दिवस समारोह' दिनांक 8 सितंबर, 2020 को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के दिन ही 'शिक्षक दिवस समारोह' का आयोजन हिंदी अध्यापक संघ की दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है। समारोह का शुभारंभ शाम 5.40 को भारतीय परंपरा व संस्कृति का निर्वाह करते हुए प्रा. निशा दीक्षित ( हिंदुजा कॉलेज ) की सुरीली मधुर स्वर में सरस्वती वंदना व गणपति वंदना के साथ हुआ।
प्रा.अशोक सिंह (रिज़वी महाविद्यालय मुंबई ) द्वारा बहुत ही गर्मजोशी के साथ श्रद्धा सुमन रूपी शब्दों के गुलदस्तों से मुख्य अतिथि डॉ. मिलिंद कांबले ( अध्यक्ष कनिष्ठ महाविद्यालय हिंदी अध्यापक संघ महाराष्ट्र राज्य ), विशिष्ट अतिथि डॉ. माधुरी छेड़ा (सेवानिवृत्त हिंदी प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष एस. एन. डी. टी. महिला महिला विश्वविद्यालय ) एवं विशेष अतिथि प्रा. मिलिंद जाधव जी ( लेखक, कवि, अध्यापक मस्कट व बहरीन ) का हार्दिक अभिनंदन व स्वागत किया गया। साथ ही समारोह में उपस्थित संघ के सभी विभागीय अध्यक्षों व पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। इतना ही नहीं वेबिनार से जुड़े सभी प्राध्यापक वक्ताओं व प्राध्यापकों का भी अभिनंदन व स्वागत किया गया। सभी लोंगों को साक्षरता दिवस व शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी गई।
मुंबई विभाग की अध्यक्षा डॉ. वंदना पावसकर जी ( साठये महाविद्यालय मुंबई ) ने सर्वप्रथम महात्मा ज्योतिबा फुले, प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले और द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चरणों में श्रद्धा सुमन रूपी शब्दों को अर्पित किया। इसके उपरांत हिंदी अध्यापक संघ के उद्देश्यों व भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए समारोह की प्रासंगिकता व महत्त्व को प्रस्तुत किया। हिंदी के प्रचार-प्रसार व हिंदी प्राध्यापकों की पाठ्यक्रम संबंधी समस्याओं व चुनौतियों को सुलझाने के लिए संघ से जुड़ने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
प्रा.माधवी मिश्रा (बी.एस.जी.डी.एस. जूनियर कॉलेज मुंबई ) ने मंच का सकुशल संचालन करते हुए सभी वक्ताओं के बीच तारतम्य बनाये रखा और बीच-बीच में शायरी व कविता के माध्यम से संचालन व कार्यक्रम को सजीवता प्रदान किया। वक़्ता के रूप में उपस्थिति दर्ज कराने वाले प्राध्यापकों में प्रा. प्रनोती म्हात्रे, प्रा. लता जोशी, प्रा. अनिल आठवले, डॉ. पूनम पटवा, डॉ. गोविंद निर्मल, प्रा. वृषाली पराडकर, प्रा. मनिषा पाटिल, डॉ विवेक मुंदड़ा, प्रा. सीमा सिंह और प्रा. अरुण अहेर आदि ने क्रमशः ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षक का दायित्व, आज के परिपेक्ष्य में शिक्षक, आदर्श शिक्षक के गुण, शिक्षक कल आज और कल, शिक्षक का महत्त्व, कोरोना काल व शिक्षक की भूमिका और वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियाँ आदि विषय पर सभी ने अत्यंत उपयोगी एवं सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया।
विशेष अतिथि प्रा. मिलिंद जाधव ने गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर के विचारों व सिद्धान्तों को एक शिक्षक के लिए आवश्यक बतलाया। शिक्षक दूसरों को ज्ञान की रोशनी तभी दे सकता है जब वह नित स्वयं को दीपक की तरह प्रज्वलित व दीप्तिमान रखता हो। उनके अनुसार अध्यापक की पहचान तो उसकी अभिव्यक्ति से होती है। विशिष्ट अतिथि डॉ. माधुरी छेड़ा जी ने छात्रों के मानसिक व बौद्धिक विकास को आवश्यक माना। अल्बर्ट आइंस्टाइन का उदाहरण पेश करते हुए शिक्षक के दायित्व को बखूबी समझाया। मिसाल के रूप में जागृति फ़िल्म भी देखने का सुझाव दिया जिससे कि एक शिक्षक व छात्रों के बीच का सम्बंध बखूबी समझ सकें। अपने अनुभवों व अनुभूतियों के माध्यम से मैडमजी ने शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन किया। मुख्य अतिथि डॉ. मिलिंद कांबले जी ने तो अपने सारगर्भित विचारों को मंथर गति से इस तरह प्रस्तुत करते गए जो लोंगों के दिलोदिमाग में ज्यों का त्यों उतरता गया। उन्होंने बतलाया कि एक आदर्श शिक्षक के कथनी और करनी में भेद नहीं होना चाहिए। एक शिक्षक को ईर्ष्या, द्वेष, गुटबंदी, जातिगत व धार्मिक भेदभाव से कोसों दूर रहना चाहिए। बेशक इनसे शिक्षक का व्यक्तित्व व कृतित्व प्रभावित होता है। अतिथियों द्वारा डॉ. पूनम पटवा के द्वारा की गई काव्यात्मक अभिव्यक्ति 'द्रोण…' कविता की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।
शिक्षक दिवस के इस समारोह में सिर्फ मुंबई से ही नहीं बल्कि राज्य के अलग- अलग क्षेत्रों से भी प्राध्यापकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। जिसमें हिंदी अध्यापक संघ के सहसचिव प्रा.रेवनाथ करडिले जी, मार्गदर्शक प्रा. सुंदर लोढ़े जी, पुणे विभागाध्यक्ष व संघ के पितामह प्रा.संजय पवार जी, औरंगाबाद विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार कांबले जी, लातूर विभागाध्यक्ष प्रा. राजेसाहब मौजेन जी, नागपुर विभागाध्यक्ष प्रा.संजय गावकर जी, नाशिक विभागाध्यक्ष प्रा. सुदाम पाटिल जी, अमरावती विभागाध्यक्ष प्रा. शेख हसन कामवाल और प्रा. नंदा गायकवाड़ जी प्रमुख थे। समारोह का समापन डॉ. भावना राठौड़ के हृदयस्पर्शी व सारगर्भित आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। हिंदी अध्यापक संघ मुंबई विभाग की अध्यक्षा डॉ. वंदना पावसकर ने अंत में समारोह की सफलता का श्रेय उन सभी प्राध्यापकों को दिया जिन्होंने वेबिनार से जुड़कर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया। अंत में राष्ट्रगान 'जन गण मन…' के साथ समारोह के समापन की घोषणा की गई।
संयोजक
प्रा. अशोक सिंह, मुंबई.
दिनांक : 9 सितंबर, 2020