पिछले चार महीनें से कोरोना वायरस का प्रकोप चारो ओर फैला हुआ है। कोरोना महामारी के कारण लोंगों का जीना मुहाल है। ऐसे में मुसलमान भाइयों के बकरीद पर्व का आगमन हो रहा है। पूरा विश्व आज कोरोना से त्राहि त्राहि कर रहा है तो ऐसे में बकरीद का पर्व इससे अछूता कैसे रह सकता है। कोरोना के चलते विश्वव्यापी मंदी आई है। इस आर्थिक सुस्ती से कुर्बानी के बकरों का बाजार भी ठंडा पड़ा है। बिक्री न होने से व्यापारियों में भी उत्साह नहीं है। शारीरिक दूरी कायम रखने के प्रतिबंध के चलते बकरा मंडियों में सन्नाटा पसरा है। भले ही कुछ व्यापारी बकरों के साथ मुस्लिम इलाकों की गलियों में घूम रहे हैं कि शायद उनके बकरे बिक जायें लेकिन उन्हें खरीदार कम ही मिल रहे हैं। कोरोना के चलते इस बार कुर्बानी के लिए बकरों का बाजार भी नहीं लगेगा। स्लाटर हाउस पर रोक के चलते लोग अपने घरों में ही कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे। ऐसे में बकरों का बाजार इस बार काफी ठंडा रहेगा।
वर्तमान परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने पहले ही बकरीद पर्व को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिया है। बेशक इन निर्देशों से कुछ लोग खुश हैं तो वहीं कुछ लोंगों में बकरीद पर्व को लेकर नाराजगी भी है। खैर यह सब तो चलता ही रहता है हर कोई संतुष्ट नहीं हो सकता। पर आम लोंगों में भी इतनी समझ होनी चाहिए कि इस संबंध में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। जो भी निर्देश जारी किए जा रहे हैं वे सभी हमारी भलाई के लिए हैं। हमें इसका स्वागत करना चाहिए और पूरा सहयोग करना चाहिए। परम्परा, संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठान के लिए पूरा जीवन पड़ा हुआ है। 'जी है तो जहां है' पहले इस कथन को चरितार्थ करना है। आगे हिंदुओं के भी त्यौहार आ रहे हैं उसके लिए भी पाबंदी रहेगी और जो भी पर्व मनाया जाएगा वह प्रशासन के दिशानिर्देश के अनुसार ही होगा। फिलहाल बकरीद के संबंध में जारी किया गया निर्देश इस प्रकार है ➖
⏺️नमाज मस्जिदों, ईदगाहों या सार्वजनिक जगहों पर अता ना करें।
⏺️नमाज अपने - अपने घरों में ही अता करें।
⏺️कुर्बानी के लिए जानवर की खरीदी ऑनलाइन या फोन से करें, इसके लिए बाज़ार या मंडी में ना जाएं।
बहुत ही अहम बात यह है कि कंटेनमेंट जोन्स में ईद के लिए प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी गई है और लोगों को त्योहार के दिन सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र नहीं होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा घोषित सभी दिशानिर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए।
अतः कोविड-19 की लड़ाई में जनमानस को प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना होगा। इसमें सभी धर्म और समुदाय के लोंगों का सहयोग अपेक्षित है। सभी का साथ मिलने पर हम कोविड-19 को मात देने में अवश्य कामियाब होंगें।
➖ प्रा. अशोक सिंह