अनमोल वचन ➖ 3
सद्गुरु हम पर प्रसन्न भयो, राख्यो अपने संग
प्रेम - वर्षा ऐसे कियो, सराबोर भयो सब अंग।
सद्गुरु साईं स्वरूप दिखे, दिल के पूरे साँच
जब दुःख का पहाड़ पड़े, राह दिखायें साँच।
सद्गुरु की जो न सुने, आपुनो समझे सुजान
तीनों लोक में भटके, तबतक गुरु न मिले महान।
सद्गुरु की महिमा अनंत है, अहे गुणन की खान
भवसागर पार उतार दियो, कैसे करूँ मैं बखान।
सद्गुरु के बिनु लागे है, ये जीवन निस्सार
जग के रिश्ते किस काम के, गुरू ही खेवनहार।
सद्गुरु की मैं शरण गह्यो, चरण धरि लियो माथ
करि गहि उठाय उर लाहि लियो, आनंद भयो अपार।
➖अशोक सिंह 'अक्स'
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