*किसी भी देश का भविष्य युवाओं को कहा जाता है | युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति के रूप में जानी जाती है | भारत के संपूर्ण जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा आज युवा वर्ग है | छात्रों को राष्ट्र का भविष्य एवं भाग्यविधाता कहा जाता है छात्र समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | विद्यालय में रहकर सामाजिकता , नैतिकता , न्याय , सहयोग एवं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना छात्रों में देखने को मिलता है | समय-समय पर देश के नव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छात्रों ने समयानुकूल आंदोलन चलाकर के देश की दिशा एवं दशा को भी परिवर्तित कर दिया है | छात्र शक्ति को राष्ट्रशक्ति इसलिए कहा जाता है क्योंकि यही जीवन का वह समय होता है जब एक युवा छात्र के मस्तिष्क में नए-नए विचार , नए-नए आविष्कार एवं नई सोच का जन्म तो होता ही है साथ ही कुछ भी कर डालने की महत्वाकांक्षा युवाओं को विशेष बना देती है | किसी भी देश का युवा जिधर मुड़ जाता है उधर की ओर पूरा देश मुड़ने पर विवश हो जाता है | छात्र शक्ति स्वयं मैं वह शक्ति है जो देश के निर्माण में अनेकों प्रकार से योगदान करती है | हमारे देश भारत को स्वतंत्र कराने में युवाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है , यदि युवा शक्ति ना होती तो शायद आज हम स्वतंत्र ना होते | इसीलिए युवा शक्ति , छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति कहा जाता है | भारत के नवनिर्माण में युवाओं एवं छात्रों के महत्त्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता |*
*आज छात्रशक्ति दिग्भ्रमित सी दिख रही है , अपनी संगठन शक्ति का नकारात्मक प्रयोग करके देश को अंधकार की ओर ले जाने का कार्य आज छात्रों के द्वारा किया जा रहा है | आज हम जिस परिवेश में जीवन जी रहे हैं वह ऐसा समय है जहां छात्रों ने अपनी शक्ति का नकारात्मक प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया है | विषय को जाने बिना किसी राजनीतिक दल के बहकावे में आकर आंदोलन कर देना या हिंसात्मक विरोध करना आज के युवाओं की परिणिति बनती जा रही है | किसी आतंकवादी के मृत्युदण्ड पर देश में आंदोलन चलाना एवं देश के संविधान के विरोध में हिंसात्मक कार्य करना आज के छात्रों का विषय विशेष बनता दिख रहा है | आज देश की जो स्थिति है उसमें यही देखने को मिल रहा है कि आज भारत का युवा जो कि भविष्य का निर्माता है किस तरह सड़कों पर तांडव कर रहा है | कुछ राजनीतिक दल युवाओं की असीम शक्तियों का दुरुपयोग बड़ी ही सावधानी एवं चतुरता से कर रहे हैं | मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" अपने देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों से यही पूछना चाहता हूं कि आपने विद्या अर्जित की है , जीवन के अनेक क्षेत्रों में अनेक विषयों का ज्ञान अर्जन किया है , आप विश्वविद्यालय के छात्र हैं तो आप में इतना विवेक तो होना ही चाहिए कि अपना भविष्य एवं देश की दिशा एवं दशा को पहचान सकें | आज छात्र जिस प्रकार अंधी भीड़ का हिस्सा बनते जा रहे हैं उससे आने वाले समय में इन छात्रों का भविष्य क्या होगा यह कहना बड़ा कठिन है | जो छात्र शक्ति किसी भी देश की दिशा दशा को परिवर्तित करने में सक्षम है वही छात्र शक्ति आज कुछ चंद लोगों के इशारों पर नाच रही है और अपना स्वयं का भविष्य अंधकार में कर रही है जो कि हमारे देश भारत के लिए चिंता का विषय है |*
*अपने ज्ञान एवं एकता की शक्ति से दूसरों को नचा देने वाले छात्र आज बिना विषय की गहराई को जाने कुछ राजनीतिक दलों के इशारे पर नाच रहे हैं और देश संपत्तियों की छति कर रहे हैं जो कि कदापि उचित नहीं कहा जा सकता है |*