16 दिसम्बर 1971भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिवस डॉ शोभा भारद्वाज गवर्नर जर्नल माउंटबेटन ने अखंड भारत के विभाजन पर टिप्पणी करते हुए कहा था (भारत, एवं पाकिस्तान,पाकिस्तान के दो हिस्से थे पश्चिमी पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान उनके बीच लगभग1600 किलोमीटर की दूरी थी) ‘24 वर्ष बाद पूर्वी पाकिस्त
धूल से पटी पड़ी एक किताब को झटक,उसके पुराने पन्नों को धीरे से पलटते रहा;अतीत को वर्तमान के झरोखे से झांकते रहा।मै पिछले कई वर्षों का हिसाब देखता रहा,अंधेरे में गुजारे कई दिनों को याद करता हुआ;सोचता रहा क्या ये उजियारा दिन हमेशा का हुआ।वक़्त ने मुझे अपने आप को तलाशने का मौका ना दिया,गुलाम भारत को स्व
इस्लामिक गणराज्य ईरान अपने में एक पहेली हैडॉ शोभा भारद्वाज इस्लामिक गणराज्य ईरान अपने में एक पहेली है इस मुल्क को वही समझ सकते हैं जो लम्बे समय तक वहाँ रहें हैं जिनका जनता से सम्पर्क रहा है ईरान अपने में ही पहेली है सत्ता पर पूरी ईरान को समझना आसान नहीं
कोरोना तो करोना, सांप भी पीछे नहीं!इस समय कोरोना ही नहीं सर्प भी लोगों का दुश्मन बना हुआ है. देश में इस समय मानसून और कोराना का दौर चल रहा है.कोरोना और सर्प का विष दोनो ही मनुष्य पर हावी है. कोरोना से मौत का सिलसिला हमारे देश में इस साल शुरू हुआ किन्तु पिछले बीस सालों में सांप के काटने से तकरीबन
लॉकडाउन-4 समाप्त! लॉकडाउन-5 प्रारंभ नहीं। बल्कि इसकी जगह देश अनलॉक-1 (नॉकडाउन-1) के नये दौर में देश प्रवेश कर रहा हैं। यह नया दौर कैसा होगा, यह तो भविष्य ही बतलायेगा। आइये, तब तक नौकरशाही द्वारा जारी अपरिपक्व आधे-अधूरे आदेशों निर्देशों के संबंध में गुजरे लॉकडाउन का थोड़ा अवलोकन कर लें। ‘देश’ व ‘जीवन
Desh ke do sabase bade gaddarप्रिय मित्रों सुबह सुबह का प्यार भरा नमस्कार....आज हम आपके सामने "संजय द्विवेदी", की वाल से एक लेख प्रस्तुत कर रहा हूँ, यह एक ऐसा लेख है कि दिल को छू गया। "देशप्रेम की दिल में जल रही ज्वाला" जो कि हमेंं अपने व्लाग मेंं शामिल करने से रोक नही पायी। भले ही हमें काँपी राइट ऐ
संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं Ke Ghar Kab Aaoge - Sandese Aate Hain LyricsSndese ate hain hamen tadpaate hainJo chitthhi ati hai wo puchhe jaati haiKe ghar kab aoge likho kab aogeKe tum bin ye ghar suna suna haiKisi dilawaali ne, kisi matawaali neHamen khat likha ha
*परमात्मा ने सुंदर सृष्टि की रचना की तो मनुष्य ने इसे संवारने का कार्य किया | सृजन एवं विनाश मनुष्य के ही हाथों में है | हमारे पूर्वजों ने इस धरती को स्वर्ग बनाने के लिए अनेकों उपक्रम किए और हमको एक सुंदर वातावरण तैयार करके सुखद जीवन जीने की कला सिखाई थी | मनुष्य ने अपने बुद्धि विवेक से मानव जीवन मे
ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| अब जाता है लड़ने को, ये देश भक्त दीवाना| विजय पाकर के ही आए, बस इतनी दुआ देना| ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| है दिल में मां मेरे, सरहद क
नमन न्यायपालिका के -सम्पूर्ण अधिकार की शक्ति को,न्याय मिला , भले देर हुई , वन्दन इस द्वार शक्ति को !समय बढ़ गया आगे,लिख सौहार्द की नई परिभाषा; प्यार जीता नफरत हारी , बो हर दिल में नयी आशा ;हर कोई अपलक देख रहा -इस प्यार की शक्ति को !समभाव भरी ये पुण्यधरा .गीता भी
सितंबर के महीने में बिहार की राजधानी बारिश के कारण सराबोर हो गई थी, इसके बारे में तो हर किसी को पता ही होगा। बारिश आई और गई लेकिन इसके बाद बिहार की राजधानी पटना में इतनी परेशानियां लोगों को हुई इसके लिए आप पटना के किसी स्थानीय आदमी से ही बात कर सकते हैं। फिलहाल हम आपको बताते हैं कि पटना में इस बाढ़
फिल्मों में काम दो तरीकों से मिलता है पहला आप स्टारकिड होने चाहिए या तो आपके अंदर कोई ना कोई खास टैलेंट हो जिसमे आप फिल्म प्रोड्यूसर के कहने के मुताबिक कुछ भी कर दें। खासकर इनमें एक्ट्रेसेस का बोलबाला ज्यादा रहता है जब फिल्म मेकर के कहने पर वे कैसा भी सीन शूट कर देती थीं फिर इसके लिए उन्हें कुछ भी क
200 साल गुलामी झेलने के बाद जब भारत ने आजादी हासिल की थी। ये पूरे देश के लिए बहुत खुशी का पल था और उन आत्मा को शांति भी प्राप्ति हुई होगी जिन्होंने अपने जन्म से हर सांस आजादी के लिए लगा दी। बहुत से क्रांतिकारियों ने अपने प्राण गवां दिये क्योंकि भारत को आजाद करना था। फ
आइये कुछ बदलें. जी हाँ, मेरा देशकुछ बदल गया है; कुछ बदल रहा है; और बहुत कुछ बदलेगा.ये आप सभी को हीनहीं, विदेशियों को भी दिखाई दे रहा है. इसलिए इस के उदाहरणों देने की आवश्यकतानहीं है. यदि किसी को नहीं दिखाई देता है तो हम उसका दृष्टि नहीं दे सकते.क्या मैं और आप इसबदलाव को केवल देखते ही रहेंगे (और/या आ
देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है और ज्यादातर घरों में बप्पा को स्थापित कर दिया गया है। हर कोई खुश है और हर किसी के मन में एक ही आस्था है कि गणेश जी घर आए हैं तो कुछ अच्छा ही करते हुए जाएंगे। कुछ लोग 3 दिन, कुछ 5, कुछ 7 तो कुछ लोग 10 दिनों के लिए घर में मूर्ति स्थापित
कौन थी अमृता प्रीतम ?गूगल ने आज अपने डूडल में प्रसिद्ध पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम को श्रद्धांजलि दी है और उनका ये अंदाज सिर्फ महान लेखिका को समर्पित किया है। आज अमृता प्रीतम का 100वां जन्मदिन है और गूगल का ये डूडल काफी खास अंदाज में बनाया भी गया है। अमृता अपने समय की मशहूर लेखिकाओं में से एक रही हैं
विश्व के 195 देशों में भारत निश्चित रूप से एक अनूठा स्थान लिये हुये है। शायद इसका एक बहुत बड़ा कारण हमारी पीढि़यों से चली आ रही खुबसूरत सांस्कृतिक धरोहर एवं विरासत है। हमारे देश की संस्कृति में इतनी (एकता में अनेकता) विभिन्नतायें है, जो सदैव जीवन्त बनी रहकर और अंततः एक मुहावरे के रूप में प्रसिद्ध ह