नमन न्यायपालिका के -
सम्पूर्ण अधिकार की शक्ति को,
न्याय मिला , भले देर हुई ,
वन्दन इस द्वार शक्ति को !
समय बढ़ गया आगे,
लिख सौहार्द की नई परिभाषा;
प्यार जीता नफरत हारी ,
बो हर दिल में नयी आशा ;
हर कोई अपलक देख रहा -
इस प्यार की शक्ति को !
समभाव भरी ये पुण्यधरा .
गीता भी जहाँ , क़ुरान भी है
कुनबा ये वासुदेव का है,
यहाँ राम है ,तो रहमान भी है;
कभी ना आंकों कम,
इस परिवार की शक्ति को !
ज्ञान- बुद्धि श्रद्धा से हारे .
ना तर्क आस्था ने माने ;
राह दिखाते मानवता को ,
पगचिन्ह वो मानव ने पहचाने ;
शीश झुकाया मान सभी ने .
सच्चे करतार की शक्ति को !
राम आराध्य जन- जन के,
युगपुरुष चेतना के उत्तम;
जगहित दिया मर्यादित रामपथ ,
हुये सृष्टि के नायक सर्वोत्तम ;
रामराज्य के रूप में जग जाना .
राघव सरकार की शक्ति को !!!!!!
स्वरचित
चित्र गूगल से साभार
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