जेटली बनाम केजरी : राजेन्द्र के बारे में CBI को मिले पुख्ता सबूत, बढ़ेगी 'आप' की मुसीबत
इंडिया संवाद ब्यूरो
दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुख्य सचिव की जांच कर रही CBI को नये तथ्य मिले है. जिसे लेकर अरविंद केजरीवाल की मुसीबते बढ़ सकती है. CBI के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राजेन्द्र कुमार मयूर विहार के एक फ्लैट से अपने कुछ करीबियों के जरिये सॉफ्टवेयर का कारोबार चला रहे थे. इस फ्लैट से सॉफ्टवेयर से जुड़ी कई प्राईवेट कम्पनियां के दस्तावेज मिले है.
इन कम्पनियों मे आप के एक पूर्व मंत्री का भी नाम जोड़ कर देखा जा रहा है. CBI ने राजेन्द्र कुमार के पिछले 2 साल के कॉल रिकॉड निकाले है. जिससे जाहिर होता है कि आप पार्टी सरकार मे नही थी तब भी राजेन्द्र कुमार कुछ बड़े नेताओ के सम्पर्क मे थे. CBI को राजेन्द्र कुमार के करीबियों से जुड़ी उन कम्पनियों के खातों की सीरिज भी मिल गई है. जिसमे जाहिर होता है कि बड़े पैमाने पर पैसो की हेराफेरी हुई है.
चूकी राजेन्द्र कुमार का मामला एक बड़े राजनीतिक विवाद की शक्ल ले गया है. तो अब CBI फूक-फूक कर कदम बड़ा रही है. इसलिए अब CBI जांच मे फाइनेन्सियल विशेषज्ञों की मदत ले रही है.
गौरतलब है CBI को शिकायत मिली थी कि राजेंद्र कुमार बीते 5 साल में जहां भी रहे प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाते रहे. इस बावत ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के आशीष जोशी ने अपनी शिकायत एसीबी चीफ मीणा से करते हुए कहा था कि मई 2002 से लेकर फरवरी 2005 तक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर और उसके बाद आईटी में सचिव बनने के बाद और हेल्थ विभाग में कमिश्नर रहते हुए कुमार ने कई कंपनियों की स्थापना की और उन्हें बिना टेंडर के काम दिया था जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ.
आशीष जोशी ने अपनी शिकायत में कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुमार ने कुछ व्यक्तियों के साथ मिलकर विज एंडेवरस सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड बनाई. 2007 में जब वह आईटी में दिल्ली सरकार के सचिव के पद पर रहते हुए अपनी इस कंपनी को पीएसयू के पैनल में शामिल कराया जो बिना टेंडर निकाले काम कर सकती थी.