शहीद ले. कर्नल के सहपाठी का दर्दभरा ख़त,तुम मरते नहीं,फलते-फूलते अगर घूसखोर ऑफिसर होते
नई दिल्ली : पठानकोट एयरबेस हमले में हाल ही में अपना जीवन कुर्बान करने वाले शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन के नाम उनके सहपाठी ने दर्द भरा खत लिखा है.यह खत इतना सिंपल नही हैं. शहीद निरंजन के सहपाठी ने इस ख़त में लिखा है कि भारतीय सैनिकों को तभी प्रशंसा मिलती हैं जब वह शहीद हो जाते हैं. साथ ही इस खत में देश के लोगों को बचाने वाले भारतीय सैनिकों की हालत को भी दर्शाया गया है लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन के सहपाठी का ख़त R.I.P भाई मेरे सहपाठी , मेरे sutta यार , मेरे साथ हंसने - खेलने वाले दोस्त काश मैं घड़ी के कांटे को वापस ले आता मेरे दोस्त ... मै यह चाहता की तुम CDSC का इम्तिहान क्लियर न कर UPSE का इम्तिहान क्लियर करते ताकि तुम्हारी बेटी के पास अवसर होता कि वह अपने पिता के साथ बड़ी होती और तुम्हारी पत्नी को तुममें एक जीवनसाथी मिलता तुम्हे कभी पेंशन के लिए जद्दोजहत करने की जरुरत नहीं पड़ती (इसलिए नहीं की तुम्हे जरुरत पड़ती , इसलिए क्योंकि तुम्हें बाबुओ के दस्तख़त के लिए न भागना पड़ता) मैं चाहता की तुम आर्मी में न होते , तुम इस देश के एक बनसपथ घूसखोर ऑफिसर या बाबू होते, जिसे हर महिना तनख़्वाह मिलती. मैं चाहता की तुम आर्मी ऑफिसर न होते जिसे 32,000 कमाने के लिए सियाचीन के ठंडे लहरों से लड़ना पड़ता , इसके बजाए मैं चाहता कि तुम एक घूसखोर अधिकारी होते जो 'सीलांग' या 'गुवाहटी' की वादियों में मौज से 72,000 रुपया कमाते. और या तुम किसी कॉर्परट ऑफिस के मुखिया होते जिसे हर महिने 3 गुना तनख़्वाह मिलती, वो भी एक चौथाई काम करने का, जो तुम अभी कर रहे थे. मैं चाहता कि तुम एक आम आदमी होते, जिसे और कुछ भी ख्याल में नहीं आता, सिवाय की अपनी तनख़्वाह में बढोत्तरी.... मै चाहता दोस्त .......... पर तुम अब यहां नहीं हो.. इसलिए मैं प्रार्थना करता हुं कि तुम अगले जीवन मे कोई अच्छा काम ढूंढ लेना. पर कुछ भी करना पर यह गलती मत दोहराना. R.I.P भाई ....हम मिलगें इस जीवन के बाद....