VIDEO: सरकारी स्कूल की जमीन से भूमाफिया कर रहा है लाखों का वारा न्यारा
इंडिया संवाद ब्यूरो नई दिल्ली: सरकारी स्कूल की जमीन को लेकर आम आदमी पार्टी और दिल्ली पुलिस में हाथापाई की नौबत आ गयी. दरअसल आप विधायक देवेन्द्र सहरावत और पुलिस प्रशासन के बीच आज एक स्कूल की जमीन पर बाउंड्रीवाल को बनाने को लेकर जमकर कहासुनी हो गयी. पुलिस पर आरोप है कि स्कूल की जमीन पर सालों से कब्ज़ा जमाये बैठे भूमाफिया के हाथों वह बिक चुकी है. जिसके चलते स्कूल की बाउंड्रीवाल वह नहीं बनाने दे रही है. जबकि अदालत से स्कूल के पक्ष में फैसला आने के बाद वहां आज पीडब्लूडी के अभियंता और ठेकेदार बाउंड्रीवाल का काम शुरू कराने पहुंचे थे. करोड़ों रूपये की बेशकीमती जमीन पर सालों से कब्ज़ा जमाये एक भूमाफिया के इशारे पर पुलिस प्रशासन नाच रहा है. इसके चलते अदालत से मुकदमा जीत जाने के बाद भी स्कूल की यह जमीन अवैध कब्जे से मुक्त नहीं हो सकी है. और तो और पुलिस इस बालिका स्कूल की बाउंड्रीवाल नहीं बनने दे रही है. जबकि 17 साल तक अदालत में चले इस जमीन के मुक़दमे का फैसला कोर्ट स्कूल के पक्ष में सुना चुकी है. बताया जाता है कि दिल्ली की द्वारका रोड स्थित स्कूल की साढ़े तीन बीघा इस जमीन की कीमत वर्तमान में करोड़ों रुपए है. जिस पर भूमाफिया राजमल वाटिका नाम की लान चला रहे है. एक बुकिंग पर उन्हें इस लान से पचास लाख रूपये मिलते है. इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस भी समय-समय पर यहां मौज मस्ती के लिए आती है. जानकर बताते है स्कूल कि प्राचार्या स्टेला ने जब इस जमीन को खली कराने के लिए अदालत की शरण ली थी. तब भी पुलिस ने उन्हें परेशान किया था और अब 18 मार्च को कोर्ट से स्कूल के पक्ष में फैसला आने के बाद जमीन की पैमाइश एसडीएम सोनल स्वरूप और डीसीपी आरए संजीव की देख रेख में कराइ जा चुकी है. बावजूद इसके स्थानीय एसएचओ और भूमाफिया की सांठगांठ के चलते स्कूल की बाउंड्रीवाल बनने नहीं दी जा रही है. दूसरी ओर एसएचओ राजेश मालिक ने इस बाबत इंडिया संवाद को बताया कि वह पूरी तरह से निष्पक्ष हैं और वह मौके पर फ़ोर्स के साथ इसलिए पहुंचे कि कोई हिंसक झड़प न हो जाये. मलिक ने कहा फैसला एसडीएम को लेना है. वह तो सिर्फ इसलिए यहां पहुंचे है ताकि कोई हिंसक घटना हो जाये.