सियासत में सफलता के सिर्फ़ तीन ही मंत्र है... ड्रामा... ड्रामा... और ड्रामा
नई दिल्ली : आज देश के न्यूज़ चैनलों पर केजरीवाल की एक तस्वीर उभरी. इसमें वो किसी से फोन पर बात करते हुए दिखे. केजरीवाल फोन पर किसी को निर्देश दे रहे थे कि ग़लत नंबर की गाड़ी लेकर सड़क पर आने वालों के साथ कैसा व्यवहार करें. उनकी पीठ कैमरे की ओर थी. चूँकि ये एक एडवर्टीज़्मेंट था इसलिए मैं इंतेज़ार करता रहा की शाएद अब वो कैमरे की ओर अपना चेहरा मोड़ेंगे और देखने वाले से कुछ कहेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नही किया. " हम सब मिलकर अपनी दिल्ली को एक साथ सुधरेंगे, जय हिंद" ये अंतिम शब्द भी उन्होने कैमरे की ओर पीठ किए हुए ही बोल दिए.
इस तरह एक मुख्यमंत्री द्वारा अपने प्रदेश की जनता से बात करने का ये नायाब तरीक़ा किसकी कल्पना का नतीजा है, ये तो हमें नहीं पता लेकिन चूँकि केजरीवाल ने खुद इस एडवर्टीज़मेंट में एक्टिंग की है इसलिए मानना चाहिए की इस स्क्रिप्ट को उन्होंने ही पास किया होगा. अब सवाल उठता है कि कैमरा ग़लत रक्खा था या केजरीवाल ग़लत खड़े थे. कई बार इसे टीवी पर देखने के बाद लगा कि नहीं दोनो ही ग़लत नही थे. ऐसा ही सोचा गया और ऐसा ही बनाया गया.
जब ये राज़ मेरी समझ में नही आया तो मैने एड कंपनी में कार्यरत अपने एक मित्र से फोन पर पूछा कि आख़िर माजरा क्या है तो उसने हंसते हुए बताया कि दरअसल ये लोगों का ध्यान खींचने का एक तरीक़ा है, और कुछ नहीं.
अब मैं सोच रहा हूँ की अगर दिल्लीवालों ने ऑड-ईवन की व्यवस्था में पूरा सहयोग देकर केजरीवाल की इस मुहिम को कामयाब बनाने में अपना पूरा योगदान दिया है तो फिर केजरीवाल को ये हथकंडे क्यों अपनाने पड़ रहे हैं. और उससे भी बड़ा सवाल ये कि क्या केजरीवाल नाटक खेलने के इतने आदी हो गये हैं की अब वो एक्टिंग करते हुए नज़र आने में भी कोई परहेज़ नहीं करते?
सियासत में नाटक के लटके-झटके कोई नई बात नहीं हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों में राजनीत ने इतने नाटकीय परिवर्तन देखे हैं कि नाटक किए बगैर राजनीत करना काफ़ी मुश्किल हो गया है. और अपने केजरीवाल तो रियल लाइफ के इतने बड़े एक्टर हैं की मुंबई के हीरो भी बच्चा नज़र आयें.
मफ्लर, लाल स्वेटर और मोबाइल पकड़े कैमरे की ओर पीठ किए केजरीवाल की तस्वीर टीवी पर करोड़ों खर्च करके दिखाई जा रही है. इस फिल्म के एक-एक फ्रेम की क़ीमत है ये केजरीवाल से बेहतर कौन जान सकता है जिन्हें पता है कि राजनीत में सफलता के बस तीन ही मंत्र हैं... ड्रामा... ड्रामा... और ड्रामा.