'लोकतंत्र के मंदिर' में जरूरी मुद्दों पर नहीं, साड़ी और फैशन पर होती है चर्चा: सुप्रिया सुले
इंडिया संवाद ब्यूरो नासिकः एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले अपने ताजा बयान को लेकर सुर्खियों में आ गई हैं। उनके इस बयान से जनता एक बार फिर यह सोचने को मजबूर हो गई है कि लोकतंत्र का 'मंदिर' माने जाने वाले संसद में गंभीर मुद्दों पर चर्चा और देश का भविष्य तय करने के बजाय साडि़यों, फिल्मों और फैशन पर बातचीत होती है! साड़ी और फैशन पर बातचीत गुरुवार को सुले यहां छात्रों के बीच ‘आननदिचा उत्सव 2016’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची थीं और भावावेश में आकर यह विवादित बयान दे बैठीं। एनसीपी नेता सुले ने कहा कि पार्लियामेंट में जब सीरियस इश्यूज पर लंबे-लंबे भाषण बोरिंग होने लगते हैं तो जमकर गॉसिप शुरू हो जाती है। महिला सांसद इस दौरान साड़ी और फैशन पर बातचीत करती हैं। लंबे भाषणों से होती है ऊब सप्रिया ने कहा कि मैं तो दक्षिण भारत की महिला सांसदों से फैशन के बारे में बात करती हूं और आप लोगों को लगता है कि हमलोग देशहित से जुड़ी कोई गंभीर चर्चा में मशगूल हैं। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि स्कूली छात्रों की तरह सांसद भी सदन में कभी-कभी लंबे-लंबे भाषण और चर्चा सुनकर ऊब जाते हैं और आपस में दूसरे विषयों पर बात करने लगते हैं। छात्र भी होते हैं बोर सुप्रिया नासिक में महिलाओं के डेवलपमेंट के लिए ऑर्गनाइज एक प्रोग्राम में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आप स्टूडेंट्स भी लंबे-लंबे लेक्चर में बोर हो जाते होंगे तो दीपिका पादुकोण और 'बाजीराव मस्तानी' में उनके लुक्स की बात करते होंगे। संसद में हम भी ऐसा ही करते हैं। एक जैसे भाषण सुनकर बोर हो जाते हैं, तो अन्य मुद्दों पर बातें करते हैं। गप्प मारते हैं या नींद लेते हैं जब मैं संसद जाती हूं। पहला भाषण सुनती हूं। फिर दूसरा और फिर तीसरा। चैथे तक जाते-जाते बातों में रिपीटेशन होने लगता है। चैथे भाषण के बाद किसने क्या बोला हम कुछ नहीं बता सकते। बीच-बीच में झपकी मार लेते हैं। नहीं तो बगल के सांसद से गप्प मारते रहते हैं। हमारे वहां वह चलता है जो आपकी कक्षा में नहीं चलता। छेड़ते हैं पुरुष सांसद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेटी और महाराष्ट्र के बारामती से सांसद सुले के मुताबिक, पुरुष सांसद हमें यह कहकर छेड़ते हैं कि यदि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिला तो संसद में सिर्फ पार्लर, फेशियल और साड़ियों पर ही चर्चा होगी। एक बार एक सांसद के ऐसा कहने पर मैंने उनसे कहा कि आप हमारी साड़ियों पर कमेंट करते हैं, लेकिन आपने भी देश का कोई भला नहीं किया।