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हिन्दी-दिवस

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आज सब्जी में नमक ज्यादा है,चावल थोड़ा गीले हो गए हैंरोटी जल गई ,चाय में मीठा कम हैभोजन तो अच्छा है, स्वाद नहीं है।अभी तो मैंने पोछा लगाया हैगीला तौलिया बिस्तर पर फेंका हैकितना काम करू, मैं भी इंसान हूँ

दोस्ती क्या होती है मेरे दोस्तों से पूछियेयारों के संग जिंदगी क्या होती हमसे पूछियेजिंदगी में खुशी औऱ मस्ती के रंग भरते हैंदोस्तों के संग बिन बहाने महफ़िल सजते है।हंसी, मजाक, गाली गलौज की चलती बहारएक ह

संवेदनाएँ जिसमें सृजित हो,कंठ पे आती बार बार हैं। अये प्रियवादिनी हिन्दी भाषा,हमको तुमसे प्यार हैं।। मातृभाषा तू,हैं माता का वात्सल्य तुझमें। कतरा भर भी रहता कहाँ,अये भाषा छल तुझमें।। पुरातन से सभ

मैं हूं तुम्हारी हिंदी भाषा,इसको तुम पहचान लो।अस्तित्व हूं तुम्हारा मैं,मुझको तुम पहचान लो।।कर्म हूं और कृति भी मैं,अस्तित्व है यूं मुझसे जुड़ा।मर्म हूं और व्यथा भी मैं,अस्तित्व तुम्हारा मुझसे जुड़ा।।

सिन्धु से हिन्दू है बनताहिन्दू से हिन्दुस्तान हैजन जन की भाषा है हिन्दीये हम सबकी पहचान है।ये सबसे समृद्ध है भाषाइसमें शब्दों का भण्डार हैएक शब्द के कई शब्द हैं हाज़िरअलंकार इसके श्रृंगार हैं।जो लिखा व

मेरी रचनात्मकता की उर्वर भूमि शब्दनगरी को मेरा सादर नमन!11 जनवरी 2017 को अपनी रचना यात्रा जहाँ से शुरु की थी उसी जगह खड़े होकर पीछे  देखना  बहुत भावुक कर देता है।कितने लोग मिले इस मंच पर जिन्हें पाकर ज

(हिन्दी की दशा और दिशा)हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है । भारत में हिन्दी भाषा बोलने वाले और उसे समझने वालों की संख्या अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक है ।हिन्दी भाषा में प्रान्तीय बोलियों के शब्द मिश्रित क

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भाषा हूँ लाजवाब शान की। मैं हिन्दी हूँ हिन्दूस्तान की। लोग झूमते कहते हैं हाथी घोड़ा पालकी। जय कन्हैया लाल की । नदी की तरह इठलाती विविध भाषा परिवार बसाती संगम पर मिलत

उदास हूं उदासीन हूंमेरे देश के दरबार में ।मातृभाषा हूं मैं भारत की,हूं देश के हर जन की जय-जयकार में।।मैं सौतेली बनकर क्यों रह गई हूं,मैं विधान बनकर क्यों रह गई हूं।सौतेली मां की बन गई हूं मेरे बेटों क

हिंदी भारत मां की बिदीहिंदी हिंदुस्तान है।हिंदी हमारे देश की राष्ट्रभाषा , राजभाषा है। यह हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह भारतीय संस्कृति का गौरव है। पर गुलामी के बाद हम अपनी भाषा

         किसी राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की आत्मा है। राष्ट्र की जनता उस राष्ट्र का शरीर है। उस जनता की वाणी राष्ट्र की भाषा है। डाॅ. जानसन की धारणा है, ’भाषा विचार की पोषक है।’ भाषा सभ्यता और संस

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में काफी अधिक है। हिंदी भाषा भारत देश का गौरव है। भारत की राजभाषा

हिंदी तु भाग्यशाली जन-जन की परिभाषा मुख वाचाल क्या नेताओं को भी तुमसे आशा संस्कृत वृहद रूप जिसे जनमानस ने अपनाया समस्त भाषाओं को समेट अपने में एक नया रूप दिखलाया क्या शास्त्र क्या उपन्यास तेरी

वाणी में मधुरता हिंदी में, संस्कार सभी है हिंदी में... दुश्मन को धूल चटा दे, वह ललकार बसी है हिंदी में... मृत देही में जान फूंक दे, वह उपचार बसा है हिंदी में... जन जन ,जय जय कार गू

प्रसिद्ध उपन्यास का मूल अर्थ है,निकट रखी गई वस्तु किंतु आधुनिक युग में इसका प्रयोग साहित्य के एक विशेष रूप के लिए होता है। जिसमें एक दीर्घ कथा का वर्णन गद्य में कहा जाता है। एक लेखक महोदय का विचार है,

हिन्दूस्तान की भाषा हिन्दी, स्वर-व्यंजन का मेल है हिन्दी, भाषा नही भाव है हिन्दी,सूर-कबीर-तुलसी-जायसी,सब की रचनाओ की भाषा हिन्दी, मीरा-सुभद्रा-महादेवी की, कविता-गीत का गान है हिन्दी, नव

हिंदी भाषा यह भारत की आधिकारिक भाषा है और दुनिया भर में 420 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। हिंदी की उत्पत्ति उत्तरी भारत में हुई और यह इंडो-आर्यन भाषा परिवार का हिस्सा है। हिंदी भाषा द

हिन्दी ❤ हिन्दी मुझे तुम माँ जैसी लगती हो...!! इतना प्रभुत्व, इतनी मर्यादा, इतने सुन्दर शब्दों को रचती हो..! कोई कितने ही निकृष्ट अवगुन रखता हो, तुम उसे भी असभ्य, अशिष्ट जैसे शब्दों से उपे

मेरे अंदर का लेखक,विचारों का करता मंथन।उमड़ घुमड़ शब्दों से जुड़े,शब्दों को फिर देता मंचन।।मेरे अंदर का लेखक,शब्दों में व्यक्त करता।विचारों से प्रेरित होकर,मन मस्तिष्क में विचरता।।मेरे अंदर का लेखक,का

Hello friendsआज आप सब से हिंदी दिवस के शुभ अवसर मिल रहीं हूं । आशा करती हूं की आप सब ठीक होंगे और मस्त होंगे । जैसा की हम सब जानते हैं की 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता

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